युवराज सिंह को भारत के आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि उन्हें कैंसर हो गया है. ऐसे में वह खांसते रहते थे और उल्टियां भी करते थे. ऐसे में टीम के साथी उनका मजाक बनाते थे.
युवराज सिंह आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 के ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुने गए थे. भारत ने 28 साल बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को फाइनल मुकाबले में हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया था. वर्ल्ड कप बीत जाने के बाद जब पता चला कि युवराज सिंह को कैंसर हैं और टूर्नामेंट के दौरान इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे तो उनके परफॉर्मेंस को लेकर कई कहानियां सामने आईं.
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वर्ल्ड कप के 12 साल बाद अब हरभजन सिंह ने युवराज सिंह की कंडिशन को लेकर इमोशनल करने वाला खुलासा किया है.
हरभजन सिंह ने याद किया कि कैसे टीम के साथी जो युवराज सिंह की स्थिति से अनजान थे और उनका मजाक उड़ाते थे, क्योंकि वह लगातार खांसते रहते थे. हरभजन सिंह ने स्टार स्पोर्ट्स पर बताया, ”युवराज अस्वस्थ थे और मैचों से पहले उन्हें एंग्जाइटी का सामना करना पड़ता था.”
उन्होंने आगे कहा, ”बल्लेबाजी करते हुए भी उन्हें खांसी आती थी, कभी-कभी उल्टियां भी होती थीं. मैं उससे पूछता था ‘तुम इतनी खांसी क्यों करते हो? अपनी उम्र देखो और तुम क्या कर रहे हो!’ लेकिन हमें नहीं पता था कि वह किस दौर से गुजर रहा है और उसने उस बीमारी के दौरान विश्व कप खेला.”
दिग्गज स्पिनर ने कहा, ”बाद में उन्हें पता चला कि ये कैंसर के लक्षण हैं. लेकिन तब हम उसका मजाक उड़ा रहे थे, क्योंकि हमें स्थिति की जानकारी नहीं थी, लेकिन चैंपियन को सलाम.
” युवराज सिंह ने 2011 के वर्ल्ड कप के अलावा चार साल पहले दक्षिण अफ्रीका में खेले गए 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में भी कोहराम मचा दिया था.
युवराज सिंह ने आईसीसी टी20 वर्ल्डकप 2007 के दौरान इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉज के एक ओवर में लगातार 6 छक्के जड़ने का कारनामा किया था. वहीं, युवी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 30 गेंदों मे 70 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी.
हरभजन सिंह ने कहा, ”एक बार नहीं बल्कि दो बार उन्होंने विश्व कप जीतने में हमारी मदद की.” हरभजन सिंह भी युवराज सिंह के साथ आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2007 और आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 का हिस्सा थे.
हरभजन ने यहां तक दावा किया कि अगर युवराज 2011 वनडे विश्व कप टीम का हिस्सा नहीं होते तो भारत खिताब नहीं जीत पाता. भज्जी ने कहा, ”मुझे लगता है कि अगर युवराज सिंह नहीं होते तो भारत 2011 में विश्व कप नहीं जीत पाता. युवराज जैसा खिलाड़ी अतीत में नहीं था, या अब जैसा कि वे एक तरह के हैं.”