7th Pay Commission latest Update: फिटमेंट फैक्टर बेसिक सैलरी का 2.57 गुना है. लेकिन, इसे बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. हालांकि, ये डिमांड साल 2017 के बाद से लगातार हो रही है. लेकिन, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
7th Pay Commission latest Update: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वां वेतन आयोग के बाद नए वेतन आयोग की डिमांड हो रही है. हालांकि, ये होगा या नहीं अभी कहना मुश्किल है. लेकिन, इस बीच एक अच्छी खबर आ रही है. 7th CPC की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) बढ़ाने पर विचार हो सकता है. फिटमेंट फैक्टर बेसिक सैलरी का 2.57 गुना है. लेकिन, इसे बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. हालांकि, ये डिमांड साल 2017 के बाद से लगातार हो रही है. लेकिन, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. सूत्रों की मानें तो जल्द सरकार इस मूड में है. अगर फिटमेंट को 3 गुना होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 27,000 रुपए तक पहुंच सकती है. अभी लेवल-1 पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपए है.
बेसिक सैलरी पर लगता है Fitment Factor
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर का सबसे बड़ा रोल है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों का कुल वेतन भत्तों के अलावा बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से तय होता है. मतलब केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से कैलकुलेट होकर बढ़ाई जाती है.
क्या होता है Fitment Factor का रोल?
7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर- अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए. अगर फिटमेंट फैक्टर 3 होता है तो निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा. कर्मचारियों की लंबी समय से डिमांड है कि फिटमेंट को बढ़ाया जाए.
भत्तों की कैलकुलेशन (DA Calculation)
बिना भत्तों के जब केंद्रीय कर्मचारी (Central government employees) की सैलरी तय हो जाती है, तो इसके बाद तमाम तरह के भत्तों को जोड़ा जाता है, जैसे DA, TA, HRA. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA महंगाई से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए दिया जाता है. इसे साल में दो बार तय किया जाता है. पहली बार जनवरी से जून के दौरान और दूसरी बार जुलाई से दिसंबर की अवधि के लिए तय होता है.
3 फीसदी और बढ़ सकता है DA
सरकार साल के पहले 6 महीने की महंगाई का औसत निकालती है, इसमें जनवरी से जून को काउंट किया जाता है. इसके बाद दूसरी छमाही में महंगाई का औसत निकाला जाता है. इस आधार पर DA में बढ़ोतरी होती है. DA हमेशा औसत महंगाई से ज्यादा होता है. फिलहाल, AICPI इंडेक्स 139.4 अंक पर है. इसलिए ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि जुलाई 2024 में महंगाई भत्ता 3 फीसदी बढ़ सकता है. DA में बढ़ोतरी के बाद TA उसी आधार पर बढ़ता है. DA में बढ़ोतरी TA से भी लिंक्ड है. इसी तरह HRA भी तय होता है. सभी भत्ते कैलकुलेट होने पर केंद्रीय कर्मचारी की मंथली सैलरी तैयार होती है.
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