Friday, November 22, 2024
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ALERT! एक से ज्यादा बैंक में है अकाउंट तो हो जाएं सावधान! पैसे कटने समेत होंगे ये बड़े नुकसा

नई दिल्ली: अगर आपके भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. मल्टीपल बैंक अकाउंट से आपको आर्थिक नुकसान के साथ कई अन्य नुकसान भी हो सकते हैं. टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स भी सिंगल एकाउंट रखने की सलाह देते हैं उनका कहना है कि सिंगल बैंक अकाउंट रहने पर रिटर्न फाइल करना आसान होता है. आइए जानते हैं एक से ज्यादा अकाउंट रखने की खामियों को.

क्या-क्या हैं नुकसान?

अगर आप कई बैंकों में अकाउंट रखते है तो सबसे पहला नुकसान मेंटेनेंस को लेकर है. दरअसल हर बैंक का अपना अलग-अलग मेंटिनेंस चार्ज, डेबिट कार्ड चार्ज, SMS चार्ज, सर्विस चार्ज, मिनिमम बैलेंस चार्ज होता है. यानी जितने बैंकों में अकाउंट होंगे, आपको उसके अलग-अलग चार्जेज देने होंगे. साथ ही अगर मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं तो इसके बदले बैंक तगड़ा चार्ज वसूलते हैं.

सिंगल बैंक अकाउंट में रिटर्न फाइल करना आसान

टैक्स एक्सपर्ट्स जे अनुसार, अगर सिंगल बैंक अकाउंट है तो रिटर्न फाइल करना आसान होता है. क्योंकि आपकी कमाई की पूरी जानकारी सिंगल अकाउंट में राहती है. अलग-अलग बैंक अकाउंट रहने से यह कैलकुलेशन मुश्किल और बड़ा हो जाता है. ऐसे में टैक्स विभाग आपको नोटिस जारी सकता है. ऐसी ही समस्याओं को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने इस बजट में नए सिस्टम की घोषणा की थी.

टैक्सपेयर्स को देना होगा कैलकुलेशन

इस नए नियम के तहत अब सैलरी इनकम के अलावा दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम, जैसे डिविडेंड इनकम, कैपिटल गेन इनकम, बैंक डिपॉजिट इंट्रेस्ट इनकम , पोस्ट ऑफिस इंट्रेस्ट इनकम की जानकारी पहले से भरी होगी. अभी तक टैक्सपेयर्स को इसका अलग से कैलकुलेशन करना होता था. इससे कई बार भूल जाने के कारण उसे परेशानी होती थी. अब ये तमाम जानकारी पहले से भरी हुई आएगी. यह जानकारी PAN कार्ड की मदद से हासिल की जाएगी.

खाता हो जाएगा इनएक्टिव

अगर किसी सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट में एक साल तक किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं किया जाता है तो वह Inactive Bank Account में बदल जाता है. दो सालों तक ट्रांजैक्शन नहीं होने पर वह Dormant Account या Inoperative में बदल जाता है. ऐसे बैंक अकाउंट के साथ फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है. बैंकर्स का कहना है कि इन एक्टिव अकाउंट के साथ इंटर्नल और एक्सटर्नल फ्रॉड के चांसेज सबसे ज्यादा होते हैं. ऐसे में इसका डिटेल सेपरेट लेजर में रखा जाता है.

प्राइवेट बैंक वसूलती है एक्स्ट्रा चार्ज

प्राइवेट बैंकों का मिनिमम बैलेंस चार्ज बहुत ज्यादा होता है. जैसे HDFC Bank का मिनिमम बैलेंस 10 हजार रुपये है. ग्रामीण इलाकों के लिए यह 5000 रुपये है. यह बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर एक तिमाही की पेनाल्टी 750 रुपये है. इसी तरह का चार्ज अन्य प्राइवेट बैंकों का भी है. गलती से मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं किया तो आपको हर महीने सैकड़ों रुपये बेवजह चुकाने पड़ सकते हैं. इससे आपके सिबिल स्कोर पर भी असर होता है.

 

shamyu maurya
shamyu maurya
Shyamu has done Degree in Fine Arts and has knowledge about bollywood industry. He started writing in 2018. Since then he has been associated with Informalnewz. In case of any complain or feedback, please contact me @informalnewz@gmail.com
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