RBI Card tokenization आरबीई की तरफ से मर्चेंट वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कार्ड को टोकनाइज्ड करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश 1 जुलाई 2022 से देशभर में पूरी तरह से प्रभावी हो जाएगा।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। RBI mandate on tokenization of cards : अगर आप ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है। दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई (RBI) की तरफ से मर्चेंट वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कार्ड को टोकनाइज्ड करने का आदेश जारी किया है। एसबीआई का यह नया नियम 1 जुलाई 2022 से देशभर में लागू हो जाएगा। मतलब अगर आप ई-कॉमर्स पोर्टल पर खरीददारी करते हैं, तो जरूरी है कि आप कार्ड को टोकनाइज्ड करा लें। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर आरबीआई की तरफ से कार्ड को टोकनाइज्ड करने का निर्णय क्यों लिया गया? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से
1. टोकनाइजेशन क्या है?
टोकनाइजेशन का मतलब क्रेडिट और डेबिट कार्ड के विवरण को टोकन नामक वैकल्पिक कोड से बदलना है। इस व्यवस्था के तहत, ऑनलाइन व्यापारियों को अब अपने ग्राहकों के कार्ड को अपने प्लेटफॉर्म पर स्टोर करने के लिए कार्ड डेटा के बजाय टोकन नंबरों का उपयोग करना होगा।
2. टोकननाइजेशन के क्या लाभ हैं?
कार्ड की जानकारी साझा करने से धोखाधड़ी की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए आरबीआई की तरफ से ऑनलाइन पेमेंट के लिए व्यापारियों को खास तरह के कोड को स्टोर करने का निर्देश दिया है, जो कि आपके वास्तविक कार्ड नंबर नहीं होंगे।
3. टोकन कहां-कहां होगा मान्य
एक टोकन केवल एक कार्ड और एक व्यापारी के लिए मान्य है। अगर आपने अपने क्रेडिट कार्ड को एक ई-कॉमर्स साइट के लिए टोकनाइज्ड करते हैं, तो उसी कार्ड का दूसरी साइट पर एक अलग टोकन होगा। यह धोखाधड़ी को रोकने के लिए है। इसके अलावा, आप लेन-देन करने के लिए किसी भी कार्ड पर टोकन का अनुरोध कर सकते हैं।
4. क्या टोकननाइज्ड के लिए कोई शुल्क लिया जाएगा।
कार्ड को टोकनाइज्ड करने के लिए कोई सर्विस चार्ज नहीं लिया जाएगा। यह पूरी तरह से मुफ्त होगा।
क्या कार्ड को टोकनाइज्ड कराना अनिवार्य है?
नहीं, यह जरूरी नहीं है। जब आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, तो आप या तो एक टोकन बनाते हैं और इसे अपने फ्यूचर इस्तेमाल के लिए खास वेबसाइट पर स्टोर करते हैं। मौजूदा वक्त में जब आप कुछ खरीदते हैं तो अपना कार्ड विवरण दर्ज करते हैं। हालांकि अब आरबीआई ने 30 जून 2022 से पहले से स्टोर किसी भी डेटा को हटाने का निर्देश दिया है। लिए कहा गया है।