Bank FDs Risk: क्या वाकई बैंकों की जमा पैसे में कोई रिस्क नहीं रहता है. पूरा पैसा सेफ रहता है? दरअसल, ऐसा नहीं है. बैंक FDs में भी कुछ रिस्क रहते हैं. आइए इसे 5 प्वाइंट्स में जानते हैं….
Bank FDs Risk: आमतौर पर हम मानते हैं कि बैंकों की जमा फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FDs) पैसा पूरी तरह सेफ है. साथ ही इसमें फिक्स्ड इनकम की गारंटी होती है. इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई खतरा नहीं रहता है. लेकिन, क्या वाकई बैंकों की जमा पैसे में कोई रिस्क नहीं रहता है. पूरा पैसा सेफ रहता है? दरअसल, ऐसा नहीं है. बैंक FDs में भी कुछ रिस्क रहते हैं.
आइए इसे 5 प्वाइंट्स में जानते हैं….
- 100% रकम नहीं है सेफ
आमतौर पर बैंक FD जमा पैसा बाजार के अन्य प्रोडक्ट्स की तुलना में सेफ रहते हैं. लेकिन अगर बैंक के सामने डिफाल्ट की स्थिति आती है या डिफॉल्ट होता है तो जमाकर्ता की सिर्फ 5 लाख रुपये तक जमा ही सेफ है. फाइनेंस कंपनियों पर भी यही नियम लागू है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही इंश्योरेंस गारंटी देता है. - महंगाई घटा देती है मुनाफा
बैंक FD पर ब्याज दर फिक्स और पहले से तय होता है. लेकिन महंगाई लगातार बढ़ती रह सकती है. ऐसे में अगर महंगाई को एडजस्ट करें, तो बैंक जमा में मिलने वाला रिटर्न मौजूदा दौर में बहुत कम है. मान लीजिए अगर महंगाई दर 6 फीसदी हो गई और FD पर मिलने वाला ब्याज 5 फीसदी के आसपास है, तो आपको रिटर्न लगभग नहीं के बराबर रहेगा. - कभी नहीं निकाल सकते रकम
बैंक FD में लिक्विडिटी का इश्यू होता है. जरूरत पड़ने पर FD तोड़ी जा सकती है, लेकिन इस पर प्री-मैच्योर पेनल्टी देनी पड़ती है. FD पर प्री-मैच्योर पेनल्टी अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकता है. - रीइन्वेस्टमेंट में नहीं होता फायदा नुकसान
अगर जमा पर ब्याज दरें घट रही हैं तो ऐसे में अगर आप FD में रीइन्वेस्टमेंट ऑप्शन चुनते हैं, तो वह रकम अपने आप फिर से एफडी में चली जाती है. लेकिन, अगर बाजार में ब्याज दरें और घट गई तो आपका एफडी पुराने रेट पर नहीं होगा, बल्कि यह घटे हुए ब्याज दर पर ही होगा. ऐसे में आपको पहले से कम रिटर्न मिलेगा. - 1 दिन के अंतर से नुकसान
अमूमन जमाकर्ता FD राउंड फिगर वाली अवधि जैसे 6 माह, 1 साल, 2 साल के हिसाब से कराते हैं. कुछ बैंकों में इस राउंड फिगर अवधि के लिए, इससे 1 या थोड़े ज्यादा दिन या कम दिनों के लिए FD पर ब्याज दर अलग-अलग होती है. इसलिए FD खुलवाने से पहले FD अवधि और उस पर ब्याज का पता जरूर कर लें.
(नोट: यह डीटेल बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम से बातचीत पर आधारित है.)
इसे भी पढ़े-
- 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा अपडेट! शून्य (0) या 53% होगा महंगाई भत्ता? यहाँ जानिए आ गया अपडेट
- Income Tax Rules Change: बदल गए हैं ITR भरने से जुड़े ये 7 नियम, जान लीजिये नहीं रिफंड मिलने होगी दिक्कत
- Income Tax Refund Status: आपको अभी तक नहीं मिला ITR रिफंड, कहीं इसके पीछे ये बड़े कारण तो नहीं? फटाफट करें चेक