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Big Latest News! Suryakumar: सूर्यकुमार के इस बयान से विरोधियों को लगा झटका कहा जो टीम चाहती है वो मैं 40-50 गेंद में कर सकता हूं, फिर 100 गेंद क्यों खेलूं…’

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Big Latest News! Suryakumar: सूर्यकुमार के इस बयान से विरोधियों को लगा झटका कहा जो टीम चाहती है वो मैं 40-50 गेंद में कर सकता हूं, फिर 100 गेंद क्यों खेलूं...'

Suryakumar: सूर्यकुमार के इस बयान से विरोधियों को लगा झटका कहा जो टीम चाहती है वो मैं 40-50 गेंद में कर सकता हूं, फिर 100 गेंद क्यों खेलूं…आपको बता दूँ इस बयान ने बिरोधी खेमे में खलबली मचा दी जैसा कि आप जानते है टीम इंडिया भले ही इस साल टी20 विश्व कप नहीं जीत पाई. लेकिन, उसे सूर्यकुमार यादव के रूप में ऐसा धाकड़ बैटर मिला, जो डेब्यू के एक साल के भीतर ही टी20 का नंबर-1 बल्लेबाज बन गया. अब अगले साल वनडे विश्व कप होना है. सूर्यकुमार(Suryakumar) टी20 के साथ-साथ वनडे और टेस्ट में भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं. उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में अपनी तकनीक, विराट कोहली-रोहित शर्मा(Virat Kohli-Rohit Sharma) से रिश्ते के अलावा कई मुद्दों पर अपनी दिल की बात रखी.

भारतीय बैटर सूर्यकुमार यादव को इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किए, एक साल से कुछ अधिक ही वक्त हुआ है. लेकिन, इतने कम समय में उन्होंने एक बैटर के रूप में खुद की अलग पहचान बना ली है. कम से कम टी20 में तो मौजूदा दौर में उनकी गिनती सबसे धाकड़ बल्लेबाजों में होती है. इसका सबूत है आईसीसी की टी20 रैंकिंग. सूर्यकुमार यादव आईसीसी की टी20 रैंकिंग में दुनिया के नंबर-1 बैटर हैं. उनके लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है. लेकिन, सूर्यकुमार खुद को लिमिटेड ओवर फॉर्मेट तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं, वो टेस्ट क्रिकेट में भी इसी तरह का प्रदर्शन करना चाहते हैं.

सूर्यकुमार यादव ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में टी20 रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज होने, अगले साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप और टेस्ट क्रिकेट खेलने की अपनी ख्वाहिश को लेकर बात की.

सूर्यकुमार के इंटरव्यू के अंश इस प्रकार हैं–

सवाल: अगर एक साल पहले कहा जाता कि साल के आखिर में आप टी20 के नंबर एक बल्लेबाज बनेंगे, तो क्या आप इस पर विश्वास करते?

जवाब: यह अब भी सपने जैसा लगता है. अगर साल भर पहले किसी ने मुझे टी20 क्रिकेट का नंबर एक बल्लेबाज कहा होता, तो मुझे नहीं पता कि मैं कैसे प्रतिक्रिया करता. जब मैंने इस प्रारूप में खेलना शुरू किया तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था और इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की थी.

सवाल: अब प्राथमिकता वनडे विश्व कप होगा, तो क्या आप 50 ओवर के प्रारूप के लिए अपने खेल में बदलाव करेंगे?

जवाब: जब मैं किसी प्रारूप में खेल रहा होता हूं, तो उसके बारे में बहुत नहीं सोचता, क्योंकि मैं जब भी बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो उसका भरपूर आनंद लेता हूं. मैं यही सोचता हूं कि जब भी मैं क्रीज पर जाऊं तो मैच में पासा पलटने वाला प्रदर्शन करूं. मुझे बल्लेबाजी करना पसंद है फिर चाहे वह टी20, वनडे या रणजी ट्रॉफी कुछ भी हो.

सवाल: क्या आपको ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट की श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की उम्मीद है?

जवाब: मैंने लाल गेंद से आयु वर्ग के राष्ट्रीय स्तर पर खेलना शुरू किया, इसलिए इसका उत्तर इसी में निहित है. पांच दिवसीय मैचों में आपके सामने पेचीदा लेकिन रोमांचक परिस्थितियां होती हैं और आप चुनौती का सामना करना चाहते हैं. हां, यदि मुझे मौका मिलता है तो मैं तैयार हूं.’’

सवाल: किसी खिलाड़ी को उच्च स्तर पर खेलने के लिए मानसिक रूप से कैसे तैयार करना चाहिए?

जवाब: मैं यही कहूंगा कि यह कभी असंभव नहीं होता है. लेकिन निश्चित तौर पर मुश्किल होता है. इसके लिए आपका रवैया अच्छा होना चाहिए. मैं अधिक अभ्यास करने के बजाय बेहतर अभ्यास करने पर ध्यान देता हूं. मैंने और मेरे परिवार ने काफी बलिदान दिए हैं. भारत की तरफ से पदार्पण करने से पहले मैं 10 साल तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलता रहा हूं. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आपको काफी चीजें सीखने को मिलती हैं और इसलिए जब आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हैं और भिन्न तरह के गेंदबाजों का सामना करते हैं तो फिर आपको केवल खुद को अभिव्यक्त करने की जरूरत होती है.

सवाल: घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया में मौका नहीं मिलने से क्या निराशा होती थी या गुस्सा आता था?
जवाब: मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं खीझ जाता था, लेकिन हमेशा मैं यह सोचता था कि अगले स्तर पर जाने के लिए अलग से क्या करना होगा. इसलिए मैंने कड़ी मेहनत करना जारी रखा और आपको इसके साथ ही अपने खेल का भी आनंद लेना होता है. आप इसीलिए क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं. मैं जानता था कि अगर मैं परिणाम पर ध्यान न दूं और अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करूं तो मैं किसी दिन राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में सफल रहूंगा.

सवाल: क्या आप हमें अपनी 360 डिग्री तकनीक के बारे में कुछ बता सकते हैं?
जवाब: यह दिलचस्प कहानी है. मेरे स्कूल और कॉलेज के दिनों में मैंने रबड़ की गेंद से काफी क्रिकेट खेली. सीमेंट की कड़ी पिचों पर और बारिश के दिनों में 15 गज की दूरी से की गई गेंद तेजी से आती थी तथा यदि लेग साइड की बाउंड्री 95 गज होती थी तो ऑफ साइड की 25 से 30 गज ही होती थी. इसलिए ऑफ साइड की बाउंड्री बचाने के लिए अधिकतर गेंदबाज मेरे शरीर को निशाना बनाकर गेंदबाजी करते थे. ऐसे में मैंने कलाइयों का इस्तेमाल करना, पुल करना और अपर कट लगाना सीखा. मैंने नेट पर कभी इसका अभ्यास नहीं किया.

अगले साल भारत में वनडे विश्व कप खेला जाना है,तो इसे ध्यान में रखते हुए सूर्यकुमार यादव अपनी बैटिंग स्टाइल में बदलाव करेंगे. इस सवाल के जवाब में इस बैटर ने कहा, मैं जब किसी भी फॉर्मेट में खेल रहा होता हूं, तो बहुत अधिक नहीं सोचता हूं. मैं अच्छा करने की कोशिश करता हूं. मैं, हमेशा यही सपना देखता हूं कि जब भी बल्लेबाजी के लिए उतरूं तो गेम-चेंजर साबित हूं. मैं हमेशा से बैटिंग करना पसंद करता हूं, फिर टी20, वनडे या रणजी ट्रॉफी हो. अगर मैं वह कर सकता हूं जो मेरी टीम मुझसे 40-50 गेंदों में करवाना चाहती है, तो फिर मैं क्यों 100 गेंद तक बल्लेबाजी करूं?”

सवाल: विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ आपके संबंध कैसे हैं?

जवाब: मैं वास्तव में बेहद भाग्यशाली हूं जो विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ खेल रहा हूं. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दिग्गज सितारे हैं. उन्होंने जो कुछ हासिल किया है मैं नहीं जानता कि कभी मैं उसे हासिल कर पाऊंगा या नहीं. हाल में मैंने विराट भाई के साथ कुछ अच्छी साझेदारियां निभाई और मैंने उनके साथ बल्लेबाजी करने का आनंद लिया.

सवाल: क्या आप अपने करियर में मुंबई इंडियंस और आपकी पत्नी देवीशा के योगदान के बारे में बताएंगे?
जवाब: मेरी जिंदगी और क्रिकेट यात्रा में दो स्तंभ हैं – मुंबई इंडियंस और मेरी पत्नी देवीशा. पहले मैं मुंबई इंडियंस के योगदान पर बात करूंगा.

जब मैं 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स को छोड़कर यहां आया था तो मैं शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी के मौके पर ध्यान दे रहा था और मेरे कहे बिना ही टीम प्रबंधन ने मुझ पर भरोसा दिखा कर मुझे यह जिम्मेदारी सौंप दी थी. मैंने 2016 में देवीशा से शादी की और जब मैं मुंबई इंडियन से जुड़ा तो हम दोनों ने अगले स्तर पर जाने के लिए क्या करना चाहिए, इसके बारे में सोचना शुरू किया. मुझे जब भी उनकी जरूरत पड़ी तो वह मेरे साथ खड़ी रही. एक खिलाड़ी के तौर पर मैं जिस तरह का संतुलन चाहता था देवीशा ने मुझे वह मुहैया कराया.

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