केएल राहुल का बल्ले से खराब फॉर्म जारी है। जिसकी वजह से भारतीय टेस्ट टीम में उनकी जगह खतरे में हैं। पूर्व क्रिकेट वेंकटेश प्रसाद ने उनके पिछले कुछ सालों के आंकड़े दिखाकर मैनेजमेंट से सवाल पूछे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे बॉर्डर गावस्कर सीरीज में सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच की पहली पारी में भी वह सस्ते में आउट होकर पवेलियन लौट गए हैं। राहुल के लगातार फ्लॉप प्रदर्शन के कारण टीम में उनकी जगह खतरे में है।
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भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने केएल राहुल को लगातार मिल रहे मौके को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने शनिवार को कई ट्वीट के जरिए केएल राहुल और टीम मैनेजमेंट को उनके साथ बने रहने के लिए लताड़ लगाई है।
केएल राहुल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे चार मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए टीम का हिस्सा हैं। पहले मैच की पहली पारी में उन्होंने 73 गेंद खेलकर 20 रन बनाए, जबकि दूसरे मैच की पहली पारी में उन्होंने 41 गेंद में 17 रन बनाए।
भारत के पूर्व दिग्गज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने राहुल के टेस्ट टीम में सेलेक्शन पर सवाल उठाया है। उनका मानना है कि कि राहुल की वजह से कई खिलाड़ी बैंच पर बैठे हैं और कइयों को मौका ही नहीं मिल रहा।
उन्होंने ट्वीट करके लिखा, ”खराब फॉर्म जारी है। इसमें मैनेजमेंट की कठोरता है, जो एक ऐशे खिलाड़ी के साथ बन हुए हैं, जो हिस्सा नहीं लगता। भारतीय क्रिकेट के पिछले 20 सालों में कभी भी टॉप ऑर्डर का कोई बल्लेबाज इतने टेस्ट मैच में इतने खराब औसत के साथ नहीं खेला है।
उनके टीम में होने से जानबूझकर कई टैलेंडेट खिलाड़ी को नजरअंदाज किया जा रहा है, जोकि फॉर्म में हैं और प्लेइंग इलेवन में होने चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”शिखर धवन का औसत टेस्ट में 40 से ज्यादा है। मयंक का दो दोहरे शतक के साथ 41 से ज्यादा है, शुभमन गिल शानदार फॉर्म में हैं। सरफराज का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। बहुत से घरेलू प्रदर्शन को लगातार नजरअंदाज किया गया।”
And the torrid run continues. More to do with rigidity of the management to persist with a player who just hasn’t looked the part. No top order batsman in atleast last 20 years of Indian cricket has played these many tests with such a low average. His inclusion is …. https://t.co/WLe720nYNJ
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) February 18, 2023
टीम में उनके होने से न्याय में विश्वास हिल गया है। एसएस दास के पास क्षमता है और एस रमेश के पास भी। दोनों के 38 से ज्यादा के औसत हैं, लेकिन 23 टेस्ट मैच से ज्यादा नहीं खेले।
राहुल के लगातार टीम में होने से एक संदेश बाहर जा रहा है कि भारत में बैटिंग टैलेंट की कमी है, जोकि सच नहीं है। पिछले पांच साल में 47 पारियों में उनका औसत 27 से नीचे का है।”
प्रसाद ने कहा, ”मेरे मुताबिक वह भारत में शीर्ष 10 के बेस्ट ओपनर में शामिल नहीं हैं। लेकिन उन्हें अनगिनत मौके दिए जा रहे हैं।
कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को मैन ऑफ द मैच मिलता है और अगले मैच में ड्रॉप कर दिया जाता है।
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