Budget 2024: पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार का फोकस मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत देकर देश की GDP ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा निवेश कराना है.
Budget 2024: मोदी सरकार के नए कार्यकाल का बजट 2024, 23 या 24 जुलाई को पेश होने की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि सरकार आम लोगों को बढ़ावा देते हुए टैक्स (Income Tax) में राहत देने पर विचार कर सकती है. साथ ही बजट में कई बड़े ऐलान भी किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार आगामी बजट में नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है.
ऐसी भी उम्मीद है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार का फोकस मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत देकर देश की GDP ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा निवेश कराना है. ऐसे में टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर नए टैक्स व्यवस्था के तहत छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है.
हालांकि सरकार राजकोषीय घाटे को मजबूत करने पर भी विचार कर रही है, इसलिए इन टैक्स छूट को टाला जा सकता है. सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 5.1% के अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बनाए रखना है. इस बीच ये उम्मीद है कि सरकार बजट के दौरान आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत टैक्स छूट की लिमिट बढ़ा सकती है.
एक्सपर्ट का कहना है कि धारा 80सी की सीमा बढ़ाकर 2-2.5 लाख रुपये तक करने की मांग की जा रही है, ताकि बढ़ती महंगाई में थोड़ी राहत मिल सके. वहीं करंजवाला एंड कंपनी की पार्टनर मनमीत कौर ने कहा कि यह सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक किये जाने की संभावना है.
पब्लिक प्रोविडेंड फंड, इंश्योरेंस और अन्य योजनाओं के तहत धारा 80 सी के तहत टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की छूट दी जाती है. हालांकि अगर सरकार इसकी लिमिट बढ़ाती है तो ये लिमिट बढ़कर 2 लाख रुपये तक जा सकती है. खासकर जब इसमें बदलाव के 10 साल हो चुके हैं.
एक्सपर्ट्स का क्या है अनुमान?
इकोनॉमिक लॉज प्रैक्टिस के पार्टनर मितेश जैन ने कहा कि साल 2014 में चुनाव के बाद भाजपा सरकार के पहले बजट के बाद से धारा 80 सी के तहत अधिकतम कटौती 1.5 लाख रुपये तक सीमित कर दी गई है. धारा 80C ओल्ड टैक्स रिजिम में टैक्सपेयर्स के बीच एक फेमस टैक्स सेविंग माध्यम है. ऐसे में इसका लाभ लेने के लि ज्यादातर लोग निवेश कर रहे हैं.
जीवन बीमा प्रीमियम, ट्यूशन फीस और होम लोन रिपेमेंट जैसे साधनों पर व्यय में भी काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण अक्सर व्यक्ति 1.5 लाख की सीमा तक छूट पाते हैं. टैक्सपेयर्स को लंबे समय से कई बजट में इस सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक ये पूरा नहीं हुआ है. अब उम्मीद है कि इस बार के बजट में इसकी सीमा बढ़ाई जा सकती है.
एक्सपर्ट का कहना है कि धारा 80सी की सीमा बढ़ाकर 2-2.5 लाख रुपये तक करने की मांग की जा रही है, ताकि बढ़ती महंगाई में थोड़ी राहत मिल सके. वहीं करंजवाला एंड कंपनी की पार्टनर मनमीत कौर ने कहा कि यह सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक किये जाने की संभावना है.
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