सुबह के 10 बजे थे और अजय काम पर निकलने के लिए तैयार। तभी उन्हें FedEx से एक कॉल आया जिसमें उन्हें कहा गया कि लॉ एजेंसी को उनके नाम पर एक अवैध शिपमेंट मिला है जिसे जब्त कर लिया गया है। फिर उसे एक फॉलोअप कॉल आती है, जिसमें 9 दबाने और समस्या को सुलझाने के लिए..
क्या आपको भी ऐसे कॉल आते हैं जब आपको बताया जाता है कि आपकी कोई शिपमेंट कस्टम में फंस गई हैं। आप कंफ्यूज होकर सोचते हैं कि आगे क्या करें और साथ ही साथ फोन पर बताए गए नंबर दबाते हैं। लेकिन इस बीच आपको पता भी नहीं चलता और आप स्कैम के शिकार हो जाते हैं। ये सब इतने सामान्य ढंग से होता है कि आप ये समझ नहीं पाते हैं कि ये शिपमेंट आपके नाम पर कोई और भेज रहा है या फिर आपके फोन नंबर का गलत इस्तेमाल हो रहा है। कुछ ऐसा ही अजय (बदला हुआ नाम) के साथ भी हुआ।
सुबह के 10 बजे थे और अजय काम पर निकलने के लिए तैयार। तभी उन्हें FedEx से एक कॉल आया जिसमें उन्हें कहा गया कि लॉ एजेंसी को उनके नाम पर एक अवैध शिपमेंट मिला है जिसे जब्त कर लिया गया है। फिर उसे एक फॉलोअप कॉल आती है, जिसमें 9 दबाने और समस्या को सुलझाने के लिए अपना नाम हटाने के लिए कस्टमर केयर से कॉन्टेक्ट करने के लिए कहा जाता है।
FedEx के नाम पर हुए फ्रॉड
और यहीं से एक नया फ्रॉड शुरू हो जाता है। ये किसी भी व्यक्ति की कमजोरी पर हमला करके, उनकी पर्सनल जानकारी निकाल लेते हैं और फिर उसका दुरुपयोग करते हैं। ये स्कैम लोगों और यहां तक कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए भी एक बड़ा मुद्दा बन गए हैं। दरअसल, FedEx ने लोगों को इन घोटालों के बारे में चेतावनी देने के लिए एक एडवाइजरी शेयर की है। कंपनी के नाम का इस्तेमाल फ्रॉड और बड़े स्कैम के लिए किया जा रहा था जिसके कारण कंपनी ने एडवाइजरी जारी की है।
कैसे शुरू हुआ स्कैम
घोटाला क्यों हो रहा है, यह कैसे हो रहा है और ‘स्कैम कराने के लिए 9 दबाएं’ ऑफर क्या है जिसने सभी को परेशान कर दिया है। यहां आपको बता रहे हैं कि ये स्कैम कैसे शुरू होता है। स्कैमर्स फेडेक्स से गलत पार्सल की आने के बात कहकर यूजर को 9 नबंर दबाने के लिए कहते हैं। ताकि, सपोर्ट और पार्सल की डिटेल मिल सके। 9 दबाने के बाद कॉल कस्टमर केयर डिपार्टमेंट पर जाती है लेकिन वहीं से स्कैम शुरू हो जाता है। पीड़ितों के लिए ऐसे ट्रैप में फंसना बहुत आसान हो जाता है क्योंकि उन्हें लगता है ये असली कॉल है।
स्कैमर्स को पहचानना हुआ है मुश्किल
ज्यादातर केस में स्कैमर्स लोगों को डराने या लालच देते हैं। AI आने के बाद ऐसे घोटालों को समझना मुश्किल हो गया है। खासकर, जब आप किसी आवाज क्लोन किए गए व्यक्ति को बात करते हुए सुनते हैं या सिर्फ AI वॉयस सिस्टम आपसे फोन पर बात कर रहा हो। भारत में अधिकांश लोगों के लिए कंप्यूटर के बजाय फोन पहला मोबाइल डिवाइस था जिसका वे उपयोग करते थे। तेजी से डिजिटलीकरण ने इन घोटालेबाजों को आसान टारगेट ढूंढने में अहम भूमिका निभाई है। एक बड़ी पीढ़ी है जो पीसी या लैपटॉप के बिना सिर्फ मोबाइलपर ही इंटरनेट सर्विस इस्तेमाल कर रही है। सेफहाउस टेक इंडिया के एमडी रुचिर शुक्ला ने कहा कि मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल कारण लोगों को जोखिम और सुरक्षा के नियमों की जानकारी कम है। ये घोटालेबाज अपने पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए उनके पर्सनल डेटा का इस्तेमाल करते हैं। यदि वे आपके मोबाइल ऑपरेटर या यहां तक कि बिजली बोर्ड के बारे में जान सकते हैं तो बैंक की जानकारी मिलना मुश्किल नहीं है। कई लोगों को ऐसे नंबरों से फोन आने पर OTP शेयर करने से मना करते हैं।
फ्रॉड का शिकार न होने के लिए क्या करना होगा?
अब जब फ्रॉड की पूरी कहानी सुनते हैं और अगर एक्सपर्ट की माने तो ज्यादातर गलती पीड़ित की होती है। यह जरूरी है कि कॉल करने वाले को अपनी पर्सनल जानकारी शेयर न करें। बैंक, फेडएक्स या यहां तक कि सरकार भी आपको कभी कॉल नहीं करेगी और वह आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगेगी।
सीआईडी या पुलिस से कॉल आने से आप घबरा सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि आप इसे अपनी फैसला लेने की क्षमता पर असर न डालने दें। जिसका ये स्कैमर्स गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। हमेशा कॉल करने वाले के बारे में जानकारी लें और उसकी जांच करें कि उसकी जानकारी वैबसाइट पर है या नहीं।
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