Triple Century Record in ODI: वनडे क्रिकेट में दुनिया का कोई भी बल्लेबाज तिहरा शतक नहीं जड़ पाया है. वनडे क्रिकेट तो क्या List-A क्रिकेट में भी कभी कोई बल्लेबाज ऐसा करिश्मा नहीं कर पाया है. वनडे क्रिकेट में तिहरा शतक बनाना मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है. वनडे क्रिकेट में एक पारी में अधिकतम 50 ओवर होते हैं. इसलिए एक बल्लेबाज को तिहरा शतक बनाने के लिए बेहद ताबड़तोड़ अंदाज में बैटिंग करने की दरकार होती है. यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. वनडे क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने की संभावना कम होती है, लेकिन यह असंभव नहीं है. अगर एक बल्लेबाज शानदार फॉर्म में है और विरोधी टीम की गेंदबाजी कमजोर है, तो तिहरा शतक संभव हो सकता है.
वनडे क्रिकेट में इस खूंखार बल्लेबाज ने ठोका है तिहरा शतक
दुनिया में एक बल्लेबाज ऐसा है जो वनडे क्रिकेट में तिहरा शतक ठोक चुका है, लेकिन यह कमाल ब्लाइंड क्रिकेट में हुआ है. स्टीफन नीरो एक ऑस्ट्रेलियाई ब्लाइंड क्रिकेटर हैं. 14 जून 2022 को स्टीफन नीरो ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेलते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ ब्लाइंड वनडे क्रिकेट में तिहरा शतक जड़कर सबसे अद्भुत वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था.
ब्रिस्बेन में 14 जून 2022 को स्टीफन नीरो ने सिर्फ 140 गेंदों में नाबाद 309 रनों की पारी खेली थी. स्टीफन नीरो ने अपनी इस पारी के दौरान 49 चौके और 1 छक्का उड़ाया था. भले ही यह वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्लाइंड वनडे क्रिकेट में बना है, लेकिन यह बेहद खास है.
गेंदबाजों ने मांगी रहम की भीख
स्टीफन नीरो की पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 40 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 541 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर बोर्ड पर लगाया था. इस विशाल स्कोर के आगे न्यूजीलैंड की टीम का दम निकल गया. न्यूजीलैंड की टीम 272 रन पर ढेर हो गई. ऑस्ट्रेलिया ने स्टीफन नीरो की बदौलत यह मैच 269 रनों के प्रचंड अंतर से जीता था.
स्टीफन नीरो वनडे क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर हैं. स्टीफन नीरो ने इस दौरान पाकिस्तान के मसूद जान का 24 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था. मसूद जान ने साल 1998 में पहले ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 262 रन बनाए थे.
40-40 ओवर का होता है मैच
ब्लाइंड वनडे क्रिकेट में 40-40 ओवर का मैच होता है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में साल 1922 में ब्लाइंड क्रिकेट का आगाज हुआ था. ब्लाइंड क्रिकेट में भी टी20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप खेले जाते हैं. बता दें कि वनडे क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने की उपलब्धि बल्लेबाज की तकनीक, धैर्य और टैलेंट को दर्शाती है.
जन्मजात निस्टागमस के साथ पैदा होने के कारण स्टीफन नीरो की दृष्टि कमजोर है. स्टीफन नीरो ने दस साल की उम्र तक सक्षम बच्चों के साथ क्रिकेट खेला, लेकिन जब उनकी दृष्टि की स्थिति बिगड़ने लगी तो उन्हें ब्लाइंड क्रिकेट खेलना पड़ा.
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