Thursday, July 4, 2024
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Income Tax Return: ITR भरने की हड़बड़ी में न करें ये गड़बड़ी नहीं तो आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस

Income Tax Return: नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है। इनकम टैक्स विभाग ने पिछले वित्त वर्ष के लिए आईटी रिटर्न (ITR) भरने के लिए यूटिलिटी भी अपलोड कर दिया है। लेकिन आप अभी अपना आईटी रिटर्न दाखिल करने की हड़बड़ी नहीं करें। इनकम टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि थोड़ा दिन और इंतजार कर लें। इसके बाद ही आईटी रिटर्न भरें।

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने को लेकर लोगों में जागरूकता काफी बढ़ गई है। जागरूकता का स्तर यह है कि लोग अपना इनकम टैक्स रिटर्न अभी से फाइल करने लगे हैं। यह अच्छी बात है कि इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई की अंतिम तारीख से पहले भर लेना चाहिए। लेकिन, बहुत जल्द ITR भरने की हड़बड़ी में आपसे अनजाने में कुछ गड़बड़ भी हो सकती है। यह बाद में इनकम टैक्स के नोटिस के रूप में आपकी टेंशन बढ़ा सकती है।

15 जून तक कर लें इंतजार

डाइरेक्ट टैक्स एक्सपर्ट CA बलवंत जैन के अनुसार अगर आपने 15 जून से पहले रिटर्न फाइल किया है तो आपको नोटिस भी आ सकता है। यह नोटिस आपके फाइल किए गए रिटर्न में और 15 जून के बाद डिपार्टमेंट द्वारा जारी आपको एनुएल इंफॉमेशन स्टेटमेंट (AIS) के बीच कोई चूक दिखने पर आएगी। इसलिए नोटिस आने से बेहतर है कि आप थोड़ा इंतजार कर लें। जैन का कहना है कि पहले आप अपने सभी डॉक्यूमेंट जमा कर लें। AIS में आपके द्वारा किए गए तमाम तरह के फाइनैशल ट्रांजेक्शन की डिटेल को आपके डॉक्यूमेंट के साथ क्रॉसचेक करें।

इन चीजों का रखें ध्यान

CA राजेश व्यास के अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त ध्यान रखें कि आपकी स्पेसिफाइड फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की डिटेल क्या है। अगर आपको याद नहीं है तो धैर्य रखें, क्योंकि डिपार्टमेंट खुद हो आपकी सारी डिटेल AIS में जारी कर देगा। आपकी कैलकुलेशन और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कैलकुलेशन में डिफरेंस नहीं आए, यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

AIS में नई विशेषता जोड़ी गई

आयकर विभाग ने सोमवार को बताया कि उसने एनुअल इन्फॉर्मेशन सूचना स्टेटमेट ( AIS) में कुछ नई विशेषताएं जोड़ी हैं। इसके जरिये टैक्सपेयर्स सूचना के कन्फर्म होने की प्रक्रिया की स्थिति को देख सकेंगे AIS कई सूचना सोर्स से प्राप्त फाइनेंशियल डेटा के आधार पर तैयार किया जाता है। यह टैक्सपेयर्स के बड़ी संख्या में फाइनेंशियल लेनदेन का विवरण प्रदान करता है, जिनका टैक्स संबंधी प्रभाव हो सकता है। टैक्सपेयर्स को AIS व्यवस्था में दिखने वाली हरेक लेनदेन पर प्रतिक्रिया देने सुविधा दी गई है। गलत रिपोर्टिंग के मामले में, उसे ऑटोमैटिक तरीके से पुष्टि के लिए सोर्स के पास ले जाया जाता है। सीबीडीटी ने बयान में कहा कि इस नई व्यवस्था से करदाताओं को पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।

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Sunil kumar
Sunil kumar
Sunil Sharma has 3 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ informalnewz@gmail.com
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