EPFO की ओर से कर्मचारी को 7 लाख तक का फ्री बीमा दिया जाता है. हालांकि 7 लाख का क्लेम अमाउंट सभी को नहीं दिया जाता. इसकी कैलकुलेशन एक फॉर्मूले के जरिए की जाती है. यहां जानिए EDLI से जुड़े कुछ नियम और क्लेम अमाउंट तय करने का फॉर्मूला.
EDLI Scheme: अगर आप नौकरीपेशा हैं और EPFO में हर महीने योगदान देते हैं तो आपको जानकारी होनी चाहिए कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा ईपीएफओ मेंबर्स को 7 लाख तक का फ्री बीमा दिया जाता है. इस इंश्योरेंस स्कीम को एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees Deposit Linked Insurance-EDLI) के नाम से जाना जाता है. ये स्कीम कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए चलाई जाती है.
अगर किसी कारणवश ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाए, तो उसका उत्तराधिकारी या नॉमिनी इस बीमा रकम के लिए क्लेम कर सकता है. हालांकि 7 लाख का क्लेम अमाउंट सभी को नहीं दिया जाता. इसकी कैलकुलेशन एक फॉर्मूले के जरिए की जाती है. यहां जानिए EDLI से जुड़े कुछ नियम और क्लेम अमाउंट तय करने का फॉर्मूला.
कर्मचारी को नहीं देना होता है प्रीमियम
प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी के लिए ये बीमा कवर एकदम मुफ्त होता है. इस स्कीम के लिए योगदान कंपनी की ओर से किया जाता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है. आमतौर पर लोगों को पीएफ के पैसे और पेंशन स्कीम के बारे में तो पता होता है, लेकिन EDLI योजना की जानकारी नहीं होती.
इस फॉर्मूले से तय की जाती है रकम
अधिकतम 7 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा देने वाली इस स्कीम में क्लेम अमाउंट की कैलकुलेशन एक निश्चित फॉर्मूले के तहत तय की जाती है. बीमा राशि पिछले 12 महीनों की बेसिक सैलरी और डीए पर निर्भर करती है. इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना होगा. साथ ही क्लेम करने वाले को, 1,75,000 तक की बोनस राशि का भुगतान भी किया जाता है. उदाहरण के तौर पर देखें तो मान लीजिए किसी कर्मचारी की आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+डीए अगर 15000 रुपए है तो इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट (35 x 15,000) + 1,75,000= 7,00,000 रुपए होगा.
कैसे करें क्लेम
यदि EPF सब्सक्राइबर की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए नॉमिनी की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. इससे कम होने पर उसकी तरफ से अभिभावक क्लेम कर सकते हैं. क्लेम करते समय मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है. अगर दावा माइनर के अभिभावक की ओर से किया जा रहा है तो गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डीटेल्स देने होंगे.
EDLI से जुड़े नियम
- EPFO सदस्य केवल EDLI योजना द्वारा तब तक ही कवर किया जाता है, जब तक वो नौकरी करता है. नौकरी छोड़ने के बाद उसके परिवार / उत्तराधिकारी / नॉमिनी इसका क्लेम नहीं कर सकते.
- अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से नौकरी करता आ रहा है तो कर्मचारी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ मिलेगा.
- नौकरी करने के दौरान कर्मचारी की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर EDLI को लेकर क्लेम किया जा सकता है.
- EDLI स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो कवरेज मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे लाभार्थी माने जाते हैं.
- PF खाते से पैसा निकालने के लिए एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म 5 IF भी जमा करना होता है. इसे नियोक्ता सत्यापित करता है.
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