EPFO New Rules: ईपीएफओ ने अपने सभी सब्सक्राइबर्स के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया है। यह ओसओपी यूएएन के फ्रीज और डी-फ्रीज के लिए बनाया गया है। इसको लेकर ईपीएफओ द्वारा सर्कुलर जारी किया गया। ईपीएफओ द्वारा जारी एसओपी के अनुसार अब सब्सक्राइबर्स या फाउंडेशन को अकाउंट वेरीफाई करने में 14 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा। यहां पढ़ें पूरी खबर…
EPFO New Rules: ईपीएफओ (EPFO) अपने सब्सक्राइबर्स को सुविधा देने के लिए आए दिन नए कदम उठाता है। हाल ही में ईपीएफओ ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के अनुसार ईपीएफओ यूएएन (Universal Account Number- UAN) को फ्रीज और डी-फ्रीज करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार कर रहा है। इस एसओपी के तहत जिन ईपीएफ अकाउंट्स (EPFO Account) से फेक ट्रांजैक्शन या फ्रॉड होने की उम्मीद है उन्हें वेरिफिकेशन के प्रोसेस से गुजरना होगा।
इस प्रोसेस में अकाउंट को एमआईडी, यूएएन और इंस्टीट्यूशन्स के लिए वेरिफिकेशन के कई स्टेप्स मौजूद हैं। इस वेरिफिकेशन के जरिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ईपीएफ अकाउंट में मौजूद राशि सिक्योर है या नहीं।
ईपीएफओ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब किसी सब्सक्राइबर या फिर फाउंडेशन को अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए 30 दिन से अतिरिक्त 14 दिन का समय मिलेगा। इसका मतलब है कि पहले जहां वेरिफिकेशन के लिए 30 दिन का समय मिलता था अब इसे आगे 14 दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है।
EPFO Accounts Freeze क्या है? (What is EPFO Accounts Freeze )
ईपीएफओ के अनुसार ईपीएफ अकाउंट्स को फ्रीज का मतलब कई कैटेगरीज को डीएक्टिवेट करना है। आसान भाषा में समझें तो ईपीएफ अकाउंट की कुछ सुविधा को निष्क्रिय करना। ईपीएफ अकाउंट्स फ्रीज में नीचे दी गई कैटेगरीज शामिल हैं।
- यूनिफाइड पोर्टल पर लॉग-इन करना
- कोई नया यूएएन डेवलप करना
- मेंबर प्रोफाइल और एम्पलॉयर डीएससी में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता
- कोई डिपॉजिट जो एमआईडी में अपेंडिक्स ई, वीडीआर स्पेशल या वीडीआर ट्रांसफर-इन के जरिए किया गया।
- क्लेम सेटलमेंट, फंड ट्रांसफर या विड्रॉल
- पैन या जीएसटीएन के जरिये कोई नए फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन
EPFO Accounts Defreeze क्या होता है? (What is EPFO Accounts Defreeze)
ईपीएफओ डी-फ्रीजिंग में वेरिफिकेशन के दौरान अकाउंट को फ्रीज किया जाता है। इसमें भी कई कैटेगरीज शामिल होती है। ईपीएफओ अकाउंट को डीफ्रीज करने के लिए वेरिफिकेशन की जरूरत होती है।
- कैटेगिरी-ए में यूएएन या फिर फाउंडेशन के लिए हेड ऑफिस की ओर से पहचान और कॉन्टेक्ट किया जाता है।
- कैटेगिरी-बी में प्रोफाइल या केवाईसी में किसी भी तरह का बदलाव शामिल हैं।
- कैटेगिरी-सी में यूएएन ऑथोरिटी अप्रूवल के बिना एपेंडिक्स ई, वीडीआर स्पेशल, स्पेशल 10डी, वीडीआर ट्रांसफर-इन आदि के माध्यम से सबिमट किया जा सकता है।
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