Why Some Women Age Faster: जवानी में ही लड़कियां हो जाती हैं बूढ़ापे का शिकार? आज ही बंद करें ये आदतें , जी हाँ, उम्र एक ऐसी चीज है जो किसी का इंतजार नहीं करती, यानी एजिंग एक नॉर्मल लाइफ प्रॉसेस है, हालांकि इसके इशारे किसी में ज्यादा जल्दी या किसी में देर से नजर आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ महिलाओं की उम्र नॉर्मल से ज्यादा स्पीड से बढ़ती है. इसकी वजह खराब लाइफस्टाइल च्वॉइसेज हैं. आइए महशूर डाइटीशियन डॉ. रिद्धिमा खमेसरा (Dr. Ridhima Khamesra) से जानते हैं कि वो कौन-कौन से कारण है जो महिलाओं में बढ़ती उम्र के लक्षण वक्त से ला सकते हैं.
1. एक्सरसाइज की कमी(Lack of exercise)
अगर कोई महिला एक्सारसाइज नहीं करती है, या फिर उसकी फिजिकल एक्टिविटीज काफी कम है तो इससे एजिंग का असर जल्दी नजर आता है, वहीं इसके उलट अगर कसरत सही तरीके ते होती है तो एंटी एजिंग इफेक्ट नजर आने लगते हैं. एक्सरसाइज से न सिर्फ शरीर को फायदा पहुंचता है बल्कि कोगनिटिव फंक्शन में भी सुधार देखने को मिलता है. इससे दिल की सेहत में भी सुधार होता है और लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ जाती है.
2. स्ट्रेज(Stress)
तनाव वो मुजरिम है जो किसी भी महिला के शरीर की एजिंग इफेक्ट को बढ़ सकता है. इससे एंग्जायटी और सूजन बढ़ सकती है. साथ ही आईबीएस और बॉडी टिश्यू डैमेज का भी रिस्क भी बढ़ जाता है. महिलाओं में स्ट्रेस के कुछ ऐसे नतीजे भी नजर आ सकते हैं, जो आमतौर पर रिपोर्ट्स में नहीं दिखते. तनाव रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पेसीज का उत्पादन करते हैं जो सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और उम्र बढ़ने को तेज करते हैं.
3. गुस्सा (Anger)
हाल के रिसर्च के मुताबिक गुस्सा वक्त से पहले बूढ़ा होने में योगदान कर सकता है. इसे एक्सप्रेस करना रेशियल, सामाजिक और एथनिक फैक्टर्स के मुताबिक अलग-अलग हो सकता है. अगर गुस्से को रोका जाए तो एपिजेनेटिक एजिंग तेज हो सकती है.
4. नींद की कमी(Lack of sleep)
आमतौर पर एक हेल्दी एडल्ट को रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर इसमें कमी की जाए, तो न सिर्फ महिलाएं थकी हुई नजर आती हैं, बल्कि उनमें एजिंग का असर भी जल्दी दिखे लगता है. एक सुकूनभरी नींद सेल्स की मरम्मत करती हैं, टॉक्सिंस (जैसे अल्जाइमर से जुड़े बीटा-एमिलॉइड) को बाहर करीती है और हार्मोन को संतुलित करता है. अगर काफी दिनों से कम नींद लेने की परेशानी है तो इससे इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है, सूजन बढ़ सकता है और यहां तक कि टेलोमियर (प्रोटेक्टिव डीएनए कैप) को भी छोटा करती है. प्रोपर क्वालिटी स्लीप से उम्र बढ़ सकती है.
5. खराब न्यूट्रिशन(Poor nutrition)
एंटीऑक्सिडेंट (बेरीज, पत्तेदार साग), ओमेगा-3 (फैटी फिश), और कोलेजन बढ़ाने वाले फूड आइटम्स (नट्स) से भरपूर डाइट सेलुलर एजिंग का मुकाबला करते हैं. दूसरी तरफ, प्रोसेस्ड शुगर और फ्राइड फूड्स सूजन और ग्लाइकेशन को बढ़ाते हैं, ये एक प्रॉसेस है जो त्वचा और अंगों को कठोर करती है. हाइड्रेशन और इंटरमिटेंट फास्टिंग भी बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकती है.
6. अकेलापन(Loneliness)
अकेलेपन से दिमाग की एजिंग समोकिंग के मुकाबले ज्यादा तेजी से होती है. अगर आपका सोशल कनेक्शन स्ट्रॉन्ग है तो इससे स्ट्रेस कम होता है, इम्यूनिटी बढ़ती है और डिमेंशिया का रिस्क भी कम होता है. हावर्ड की एक स्टडी बताती है कि अगर आप मीनिंगफुल रिलेशनशिप में हैं तो आप ज्यादा खुश रहेंगे तो आपकी एजिंग स्लो होगी.
अगर कोई महिला एक्सारसाइज नहीं करती है, या फिर उसकी फिजिकल एक्टिविटीज काफी कम है तो इससे एजिंग का असर जल्दी नजर आता है, वहीं इसके उलट अगर कसरत सही तरीके ते होती है तो एंटी एजिंग इफेक्ट नजर आने लगते हैं. एक्सरसाइज से न सिर्फ शरीर को फायदा पहुंचता है बल्कि कोगनिटिव फंक्शन में भी सुधार देखने को मिलता है. इससे दिल की सेहत में भी सुधार होता है और लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ जाती है.
2. स्ट्रेज(Stress)
तनाव वो मुजरिम है जो किसी भी महिला के शरीर की एजिंग इफेक्ट को बढ़ सकता है. इससे एंग्जायटी और सूजन बढ़ सकती है. साथ ही आईबीएस और बॉडी टिश्यू डैमेज का भी रिस्क भी बढ़ जाता है. महिलाओं में स्ट्रेस के कुछ ऐसे नतीजे भी नजर आ सकते हैं, जो आमतौर पर रिपोर्ट्स में नहीं दिखते. तनाव रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पेसीज का उत्पादन करते हैं जो सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और उम्र बढ़ने को तेज करते हैं.
3. गुस्सा (Anger)
हाल के रिसर्च के मुताबिक गुस्सा वक्त से पहले बूढ़ा होने में योगदान कर सकता है. इसे एक्सप्रेस करना रेशियल, सामाजिक और एथनिक फैक्टर्स के मुताबिक अलग-अलग हो सकता है. अगर गुस्से को रोका जाए तो एपिजेनेटिक एजिंग तेज हो सकती है.
4. नींद की कमी(Lack of sleep)
आमतौर पर एक हेल्दी एडल्ट को रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर इसमें कमी की जाए, तो न सिर्फ महिलाएं थकी हुई नजर आती हैं, बल्कि उनमें एजिंग का असर भी जल्दी दिखे लगता है. एक सुकूनभरी नींद सेल्स की मरम्मत करती हैं, टॉक्सिंस (जैसे अल्जाइमर से जुड़े बीटा-एमिलॉइड) को बाहर करीती है और हार्मोन को संतुलित करता है. अगर काफी दिनों से कम नींद लेने की परेशानी है तो इससे इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है, सूजन बढ़ सकता है और यहां तक कि टेलोमियर (प्रोटेक्टिव डीएनए कैप) को भी छोटा करती है. प्रोपर क्वालिटी स्लीप से उम्र बढ़ सकती है.
5. खराब न्यूट्रिशन(Poor nutrition)
एंटीऑक्सिडेंट (बेरीज, पत्तेदार साग), ओमेगा-3 (फैटी फिश), और कोलेजन बढ़ाने वाले फूड आइटम्स (नट्स) से भरपूर डाइट सेलुलर एजिंग का मुकाबला करते हैं. दूसरी तरफ, प्रोसेस्ड शुगर और फ्राइड फूड्स सूजन और ग्लाइकेशन को बढ़ाते हैं, ये एक प्रॉसेस है जो त्वचा और अंगों को कठोर करती है. हाइड्रेशन और इंटरमिटेंट फास्टिंग भी बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकती है.
6. अकेलापन(Loneliness)
अकेलेपन से दिमाग की एजिंग समोकिंग के मुकाबले ज्यादा तेजी से होती है. अगर आपका सोशल कनेक्शन स्ट्रॉन्ग है तो इससे स्ट्रेस कम होता है, इम्यूनिटी बढ़ती है और डिमेंशिया का रिस्क भी कम होता है. हावर्ड की एक स्टडी बताती है कि अगर आप मीनिंगफुल रिलेशनशिप में हैं तो आप ज्यादा खुश रहेंगे तो आपकी एजिंग स्लो होगी.
[ Disclaimer: हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ]
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