Wednesday, June 26, 2024
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Income Tax Rate Cut: टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर! कम हो सकती हैं इनकम टैक्‍स की दरें, सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

Income Tax Rate Cut- मौजूदा कर ढांचे की समीक्षा में यह बात निकलकर सामने आई है कि यह टैक्‍स ढांचा युक्तिसंगत नहीं है.

Income Tax: आने वाले दिनों में आयकरदाताओं को बड़ी राहत मिल सकती है. निर्माता मौजूदा आयकर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने के लिए आयकर दरों में कटौती कर सकती है. घटती खपत की समस्या से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था में जान डालने को आने वाले बजट में सरकार इनकम टैक्‍स को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. यह इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार के नीति निर्माता मौजूदा आयकर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने के पक्ष में हैं. इसके लिए कम आय वाले आयकरदाताओं को ज्‍यादा कर छूट दी जा सकती है. बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नवगठित सरकार द्वारा जुलाई के तीसरे सप्ताह तक वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की संभावना है.

दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस बात कि संभावना है कि सरकार राजकोषीय समेकन पर ध्यान केंद्रित करने के कारण कम आय वालों के लिए आयकर की दरों में कटौती को फ्रीबिज और अत्यधिक कल्याणकारी व्यय पर प्राथमिकता दे सकती है. अधिकारियों ने कहा कि कर में कटौती प्रयोज्य आय (Disposable Income) बढ़ाने के लिए अधिक प्रभावी उपाय हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप खपत में वृद्धि होगी तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. लोगों के हाथ में ज़्यादा पैसा होगा, जिससे खपत बढ़ेगी और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर राजस्व में वृद्धि होगी. इसलिए भले ही आयकर दरों में कटौती से राजस्व में कमी हो, लेकिन इसका शुद्ध प्रभाव सकारात्मक ही होगा.

युक्तिसंगत नहीं है कर ढांचा

एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा कर ढांचे की समीक्षा में यह बात निकलकर सामने आई है कि मौजूद टैक्‍स ढांचा युक्तिसंगत नहीं है. इसमें मार्जिनल इनकम पर टैक्‍स वृद्धि बहुत ज्‍यादा है. न्‍यू टैक्‍स रिजीम में 5 फीसदी का पहला स्लैब 3 लाख रुपये की आय से शुरू हो जाता है. जब आय 15 लाख रुपये तक पहुंचती है, यानी पाँच गुना बढती है, तो सीमांत कर की दर (Marginal Tax Rate) 5 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाती है. यानी आयकर की दर में छह गुना वृद्धि होती है. यह वृद्धि दर काफी ज्‍यादा है.

खपत बढ़ाना जरूरी

एक अधिकारी ने बताया कि मांग को पुनर्जीवित करने के लिए खपत को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है. यह निवेश चक्र को फिर से शुरू करने और विशेष रूप से उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्रों में निजी पूंजीगत व्यय को फिर से बढ़ाने में अत्‍यंत केंद्रीय भूमिका निभाता है. इससे जीएसटी संग्रह में भी वृद्धि हो सकती है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, “इस तरह (आयकर को युक्तिसंगत बनाकर) आप उपभोग को अनलॉक करेंगे. अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिसका अर्थ है अधिक उपभोग, अधिक आर्थिक गतिविधियाँ, अधिक जीएसटी संग्रह.”

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Sunil kumar
Sunil kumar
Sunil Sharma has 3 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ informalnewz@gmail.com
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