जो भी अपने शरीर पर ठंडा पानी डालता है, तो उसके शरीर का कम से कम टेम्परेचर अलग-अलग होगा। इससे पानी के टेम्परेचर और शरीर के टेम्परेचर के बीच रिएक्शन हो सकता है। इससे हार्ट प्रॉब्लम और ब्रेन हेमरेज होने का चांस बढ़ जाता है।
Bathing Tips: नहाना हमारी रोज़ की ज़िंदगी का एक ज़रूरी हिस्सा है। जो लोग रोज़ नहाते हैं, वे हेल्दी और खुश रहते हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि अगर हम रोज़ सही तरीके से नहीं नहाते हैं, तो यह हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। पूर्णिया ज़िले के आयुर्वेदिक मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. नंदकुमार मंडल ने साफ़ किया कि बहुत से लोग, खासकर सर्दियों में, नहाने का जो तरीका अपनाते हैं, वह पूरी तरह से गलत है।
क्या सीधे सिर पर पानी डालना ठीक है? एक आम गलती जो बहुत से लोग करते हैं, वह है बाथरूम जाना, सीधे बाल्टी से पानी लेना और नहाने से पहले उसे अपने सिर या माथे पर डालना। आयुर्वेद के अनुसार, यह तरीका सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है।
जब शरीर और पानी के टेम्परेचर में अंतर होता है (खासकर ठंडे पानी से नहाने पर), तो शरीर में अचानक रिएक्शन होते हैं। जब ठंडा पानी सीधे सिर पर डाला जाता है, तो ब्लड वेसल अचानक सिकुड़ जाती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बदल जाता है। इससे दिल पर एक्स्ट्रा बोझ पड़ता है। डॉ. नंदकुमार मंडल के अनुसार, इस गलत तरीके से दिल की समस्याओं और ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, नहाते समय सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।
शास्त्रों के अनुसार नहाने का सही तरीका: हमारे शास्त्रों और आयुर्वेद के अनुसार नहाने का एक खास तरीका है। नहाने का सही तरीका है शरीर के हिस्सों पर नीचे से ऊपर की ओर पानी डालना। सबसे पहले दोनों हाथों (कंधों तक) पर पानी डालकर उन्हें गीला कर लें। फिर धीरे-धीरे घुटनों और पैरों पर पानी डालें।
कमर से आगे की तरफ पानी डालें और धीरे-धीरे कंधों की तरफ ऊपर ले जाएं। शरीर के बाकी हिस्सों का टेम्परेचर एडजस्ट होने के बाद, आखिर में सिर्फ सिर पर पानी डालें। इस तरीके को अपनाने से शरीर का टेम्परेचर धीरे-धीरे बदलता है। इससे दिल पर अचानक पड़ने वाला प्रेशर कम होता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
नहाने से पहले और बाद में ध्यान रखने वाले ज़रूरी नियम: डॉ. नंदकुमार मंडल ने सर्दी हो या गर्मी, नहाने से पहले और बाद में ध्यान रखने वाले कुछ ज़रूरी हेल्थ टिप्स दिए हैं। नहाने से पहले लंबी, गहरी सांस ज़रूर लेनी चाहिए। ऐसा करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है। इससे शरीर पानी के टेम्परेचर को सहने और एडजस्ट करने के लिए तैयार हो जाता है।
नहाने के लिए बहुत ज़्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल न करें। गुनगुने या नॉर्मल पानी से नहाना बेहतर है। बहुत ज़्यादा गर्म पानी से नहाने से स्किन के लिए अच्छे बैक्टीरिया मर जाते हैं। इससे इम्यूनिटी कम हो सकती है और स्किन प्रॉब्लम हो सकती हैं। बहुत ज़्यादा गर्म पानी से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
जॉन्डिस जैसी लिवर की समस्याओं से परेशान लोगों को नहाते समय ज़्यादा सावधान रहना चाहिए। उन्हें नहाने से पहले आधे घंटे से एक घंटे तक पेशाब रोककर रखना चाहिए। नहाने के बाद ही पेशाब करना चाहिए। इस तरीके से लिवर की गर्मी और शरीर में मौजूद बेकार टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह जॉन्डिस जैसी बीमारियों से बचने में फायदेमंद है। मंडल ने सुझाव दिया कि इन छोटे-छोटे नियमों को मानकर कोई भी लगातार हेल्दी रह सकता है।
