Cricketers Life: टीम इंडिया के 6 स्टार खिलाड़ियों का करियर इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा, ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा. भारतीय क्रिकेट इतिहास के इन 6 स्टार खिलाड़ियों की जिंदगी गुमनामी के अंधेरे में डूब गई है. 6 भारतीय क्रिकेटर्स ऐसे रहे, जिन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका तो मिला.
Team India Cricketers: टीम इंडिया के 6 स्टार खिलाड़ियों का करियर इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा, ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा. भारतीय क्रिकेट इतिहास के इन 6 स्टार खिलाड़ियों की जिंदगी गुमनामी के अंधेरे में डूब गई है. 6 भारतीय क्रिकेटर्स ऐसे रहे, जिन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका तो मिला, लेकिन वक्त से पहले ही उनका करियर खत्म हो गया.
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भारतीय क्रिकेट इतिहास में 6 ऐसे क्रिकेटर्स भी रहे हैं, जिनका क्रिकेट करियर वक्त से पहले ही खत्म हो गया. हर क्रिकेटर के अरमान होते हैं कि वह एक बार अपने देश के लिए क्रिकेट जरूर खेले, लेकिन इनमें से कुछ ही लंबा खेल पाते हैं. आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही 6 क्रिकेटर्स पर:
1. कैसा था विनोद कांबली(Vinod Kambli) का करियर | How was the career of Vinod Kambli?
विनोद कांबली भारत के एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन 17 टेस्ट मैच और 104 वनडे के बाद ही विनोद कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया. स्कूली क्रिकेट में विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर के बीच 664 रनों की पार्टनरशिप हुई थी. इसके बाद ये दोनों खिलाड़ी सुर्खियों में आ गए थे. 1996 के वर्ल्ड कप में भारत अपमानजनक ढंग से टूर्नामेंट से बाहर हुआ.
कोलकाता में चल रहे सेमीफाइनल में जब भारत की हार देखकर लोगों ने मैदान पर बोतलें और अन्य सामान फेंकना शुरू किया, तब कांबली बल्लेबाजी कर रहे थे. श्रीलंका की टीम पवेलियन लौट आई. लंका को विजेता घोषित कर दिया गया और कांबली मैदान से आंसुओं के साथ पवेलियन लौटे. महज 23 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी टेस्ट खेला और टीम में वापसी के रास्ते बंद हो गए.
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2. कैसा था एमएसके प्रसाद(MSK Prasad) का करियर | How was the career of MSK Prasad?
मन्नावा प्रसाद भी भारतीय टीम के लिए खेल गए लेकिन यदि उनके प्रदर्शन पर नजर डाले तो वो बहुत अच्छा नहीं कर पायें थे. खराब प्रदर्शन होने के कारण भी उन्हें लगातार टीम में मौके मिलते रहे. जिसका एक कारण उनका विकेटकीपर बल्लेबाज होना था. जिसका उन्हें फायदा मिला. एमएसके प्रसाद के नाम से मशहूर मन्नावा ने भारत के लिए 6 टेस्ट मैच में 11.78 की औसत से 106 रन बनाए. जिसके बाद उन्हें 17 वनडे मैच में 14.56 के औसत से 131 रन बनाए. जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल था.
जिसके बाद से साफ हो जाता है कि अन्य पारियों में उन्होंने कितने रन बनाए थे. जिसके बाद वो भारतीय टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता भी बन गए. जो खिलाड़ी टीम में खेलने के लायक नहीं था. वो मुख्य चयनकर्ता बन गया. जिसके कारण बीसीसीआई को बहुत ज्यादा ट्रोल भी किया गया.
3. कैसा था अतुल बेडादे(Atul Bedade)का करियर | How was it 3. Career of Atul Bedade
छक्के मारने के लिए मशहूर रहे पूर्व भारतीय बल्लेबाज अतुल बेडादे अपने समय के विस्फोटक बल्लेबाज थे. अतुल बेडादे का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ज्यादा लंबा नहीं चल सका. अतुल बेडादे 13 वनडे मैचों में महज 158 रन बना सके और टीम से बाहर हो गए. अतुल बेडादे इन 13 मैचों में एक में भी अर्धशतक तक नहीं जमा सके. इसके बाद वह दोबारा टीम इंडिया में वापसी नहीं कर सके. फर्स्ट क्लास करियर की बात करें तो उन्होंने कुल 64 मैच खेले और इस दौरान अतुल बेडादे ने 3136 रन बनाए थे.
4. कैसा था VRV सिंह(VRV Singh)का करियर | How was VRV Singh’s career
बल्लेबाजी ऑलराउंडर के रूप में VRV सिंह को भारतीय टीम में मौका मिला था. उनका घरेलू क्रिकेट में रिकॉर्ड बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहा था. लेकिन उसके बाद भी तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर होने के नाते उन्हें टीम में खेलने का मौका मिल गया था. जिसका वो फायदा नहीं उठा पाए. वीआरवी सिंह ने भारतीय टीम के लिए 5 टेस्ट मैच खेला. जिसमें बल्ले से मात्र 11.75 के औसत से 47 रन बनाए.
जबकि गेंद के साथ उन्होंने 53.38 के औसत से 8 विकेट ही हासिल किए. 2 वनडे मैच में एक भी विकेट नहीं लिया और बल्ले से उन्होंने मात्र 8 के औसत से 8 रन बनाए. विक्रम सिंह को आईपीएल में भी खेलने का मौका मिला था, लेकिन वहां पर भी वो बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे. जिसके कारण उनका करियर बहुत छोटा ही रहा. लेकिन उसके बाद भी उन्हें पूर्व भारतीय खिलाड़ी का टैग मिल गया है.
5. कैसा था सुदीप त्यागी(Sudeep Tyagi) का करियर | How was Sudeep Tyagi’s career
तेज गेंदबाज सुदीप त्यागी को भी भारतीय टीम में खेलने का मौका मिल गया. घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में भी उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था. लेकिन उसके बाद भी उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिल गया. जिसे एक गलत फैसला कहा जा सकता है. सुदीप त्यागी ने भारतीय टीम के लिए 4 वनडे मैच में 48 के औसत से मात्र 3 विकेट ही हासिल किये.
जबकि 1 टी20 मैच में 10.5 की इकॉनमी रेट से रन दिया और एक भी विकेट अपने नाम नहीं किया. इस तरह से उन्हें खेलने का मौका मिला जबकि वो उस समय टीम में जगह पाने के लायक नहीं थे. त्यागी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं. जबकि उसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के भी उसी समय कप्तान थे. जिसके कारण उन्हें खेलने का मौका लगातार मिलता रहा है. जबकि उनसे अच्छे गेंदबाज को खेलने का मौका नहीं मिल पाया.
6. कैसा था मनप्रीत गोनी(Manpreet Goni) का करियर | How was Manpreet Goni’s career
एक और तेज गेंदबाज जिन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के कोटे से भारतीय टीम में प्रवेश मिल गया था. महेंद्र सिंह धोनी के उस समय करीबी होने के कारण गोनी भारतीय टीम में खेलते हुए नजर आ गये. घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में उनका प्रदर्शन कभी भी लगातार अच्छा नहीं रहा था. मनप्रीत गोनी ने भारतीय टीम के लिए 2 वनडे मैच खेला. जिसमें उन्होंने 38 के औसत से 2 विकेट अपने नाम किये.
जबकि आईपीएल में उन्होंने 44 मैच खेलकर मात्र 37 विकेट ही हासिल किये थे. जबकि उनकी इकॉनमी इस बीच 8.7 की रही थी. जिसे अच्छा नहीं कहा जा सकता है.गोनी घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हुए नजर आते थे. लेकिन वहां पर भी वो नियमित रूप से अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं. हाल के समय में ही उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. लेकिन उसके बाद भी उन्हें पूर्व भारतीय खिलाड़ी का टैग मिल गया.