Income Tax Return Tips: छोटी-छोटी गलतियों को ध्यान में रखकर आप अपना ITR बिना किसी परेशानी के आसानी से भर सकते हैं. इससे बाद में होने वाली परेशानियों या फिर पेनाल्टी से बचा जा सकता है.
नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से ही टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तैयारियों में लगे हुए हैं. हालांकि, लंबी प्रोसेस होने की वजह से टैक्सपेयर्स के लिए यह काम थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इस दौरान कई बार टैक्सपेयर्स से छोटी-छोटी गलतियां हो जाती हैं. इसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान छोटी-सी गलती की वजह से आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से पेनल्टी भी लग सकती है. इसलिए थोड़ी-सी सावधानी बरतकर इस जरूर प्रोसेस को पूरा करना बेहद जरूरी है.
आईटीआर फाइल करना क्यों जरूरी है?
अपना आईटीआर (Income Tax Return) फाइल करना कई कारणों से बेहद जरूरी है. यह इनकम टैक्स एक्ट के तहत एक कानूनी दायित्व को पूरा करता है. साथ ही टैक्स लॉ एंड रेगुलेशन्स का पालन सुनिश्चित करता है. इससे फाइनेंशियल प्लानिंग की सुविधा के साथ लोन और इनकम सर्टिफिकेट जैसे अन्य सरकारी डॉक्यूमेंटेशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी प्राप्त होते हैं. इसके अलावा यह अलग-अलग सोर्स से आपकी इनकम का डॉक्यूमेंटेशन भी करता है.
आइए जानते हैं साल 2024 के लिए आईटीआर फाइल करते समय ध्यान रखने वाली जरूरी बातें-
- सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करें: आईटीआर फाइलिंग प्रोसेस शुरू करने से पहले आप अपने सभी इनकम स्टेटमेंट्स, डिडक्शन प्रूफ और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार कर लें.
- रिकॉर्ड न रखना: इनकम, इंवेस्ट और डिडक्शन से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स, रिसिप्ट्स और प्रूफ्स का रिकॉर्ड बनाए रखें. वेरिफिकेशन या फिर किसी भी तरह के टैक्स को चेक करने के लिए इनकी जरूरत पड़ सकती है.
- पर्सनल डिटेल्स अच्छे से चेक करें: फाइलिंग से पहले अपना नाम, पता, पैन और बैंक अकाउंट डिटेल्स को अच्छी तरह से चेक करें.
- सटीक इनकम रिपोर्टिंग: इनकम के सभी सोर्स जैसे सैलरी, रेंटल इनकम, इंवेस्टमेंट और सेविंस पर मिलने वाला इंटरेस्ट को शामिल करें. किसी भी इनकम को छोड़ने पर जुर्माना लग सकता है.
- कटौती और छूट का सही क्लेम करें: 80सी, 80डी जैसे अलग-अलग सेक्शन्स के तहत कटौती का दावा करने में सावधानी बरतें. गलत दावों की वजह से आपको बाद में परेशानी झेलनी पड़ सकती है.
- फॉर्म 26एएस के साथ टीडीएस डिटेल्स को मिलाएं: फॉर्म 16 में टीडीएस (Tax Deducted at Source) डिटेल्स फॉर्म 26एएस के साथ मिलाकर जरूर चेक करें. कोई भी मिसमैट आपके टैक्स कैलकुलेशन को बिगाड़ सकता है.
- सही आईटीआर फॉर्म चुनें: अपने इनकम सोर्स के आधार पर सही आईटीआर फॉर्म चुनना बेहद जरूरी है. गलत फॉर्म का उपयोग करने से आपका रिटर्न इनवैलिड हो सकता है.
- आईटीआर वेरिफाई नहीं करना: आईटीआर वेरिफाई नहीं करने पर फाइलिंग इनवैलिड हो सकती है. इस स्टेप को न पूरा करने पर आपका रिटर्न प्रोसेस पूरा नहीं हो पाएगा.
- सबमिट करने से पहले वेरिफाई करें: अपने आईटीआर को सबमिट करने से पहले एक बार फिर से जरूर चेक करें. इससे जल्दबाजी में हुई गलतियों का पहले ही पता लगाकर परेशानियों से बचा जा सकता है.
- एक्सपर्ट्स की सलाह : सबसे आखिरी में अगर आपको फाइनल में किसी भी तरह की दिक्कत हो तो, आप टैक्स प्रोफेशनल्स या फिर सीए की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से भी मदद मांग सकते हैं.
टैक्स रिफंड
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के सबसे जरूरी पहलुओं में से एक आपके लिए भुगतान किए गए एक्स्ट्रा टैक्स के लिए टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) और सोर्स पर काटे गए टैक्स के लिए क्रेडिट का दावा करना है. साथ ही आपको नॉन-कम्पाइलेंस के लिए पेनाल्टी से भी बचना है.
इसे भी पढ़े
- IMD Alert: मौसम में होगा बदलाव, इन 14 राज्यों में होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
- Credit Card New Rule: 23 जून से बदल जाएंगे इस बैंक के क्रेडिट कार्ड के नियम, जानें क्या होंगे बदलाव
- IOCL Recruitment 2024: इंडियन ऑयल में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, मिलेगी अच्छी सैलरी, जानें चयन और अन्य डिटेल्स