Sunday, November 24, 2024
HomeFinanceNo changes in Repo Rate: RBI ने लगातार 7वीं बार रेपो रेट्स...

No changes in Repo Rate: RBI ने लगातार 7वीं बार रेपो रेट्स में नहीं किया बदलाव, यहाँ देखे डिटेल्स

RBI Monetary Policy Meeting 2024: आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग पर फैसला आ गया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बार भी रेपो रेट्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई की मीटिंग 3 अप्रैल को शुरू हुई थी.

RBI Repo Rate: आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग (RBI MPC Meeting) पर फैसला आ गया है. केंद्रीय बैंक ने लगातार 7वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट्स की दरें अभी भी 6.5 फीसदी पर ही बरकरार हैं. गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बारें में जानकारी दी है. रिजर्व बैंक की 6 सदस्यों वाली कमेटी ने 5-1 के बहुमत से रेपो रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है यानी 5 ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया.

आपको बता दें केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार ब्याज दरों में फरवरी 2023 में बदलाव किया था. उस समय रेपो रेट्स को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया था. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास मीटिंग के फैसलों की जानकारी दे रहे हैं. यह मीटिंग 3 अप्रैल को शुरू हुई थी.

CPI और GDP का अनुमान

आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि FY25 में सीपीआई का अनुमान 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. इसके अलावा FY25 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

क्यों नहीं हुआ बदलाव?

महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है. यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है.

नहीं बढ़ेगी आपकी EMI

रेपो रेट्स वह ब्याज दर होती है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से लोन लेते हैं. आरबीआई इंफ्लेशन को काबू में रखने के लिये इसका इस्तेमाल करता है. रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि होम लोन, ऑटो लोन समेत अन्य सभी तरह के लोन पर मासिक किस्त (EMI) में बदलाव की संभावना कम है.

इंफ्लेशन घटाने की मिली है जिम्मेदारी

आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था. उससे पहले मई, 2022 से लगातार छह बार में नीतिगत दर में 2.50 प्रतिशत का इजाफा किया गया था.

GDP का अनुमान

>> Q1FY25 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी
>> Q2FY25 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.8 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी
>> Q3FY25 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी पर बरकरार
>> Q4FY25 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.9 से 7 फीसदी पर बरकरार

CPI का अनुमान

>> Q1FY25 में सीपीआई का अनुमान 5 फीसदी से घटकर 4.9 फीसदी
>> Q2FY25 में सीपीआई का अनुमान 4 फीसदी से घटकर 3.8 फीसदी
>> Q3FY25 में सीपीआई का अनुमान 4.6 फीसदी पर बरकरार
>> Q4FY25 में सीपीआई का अनुमान 4.7 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी

आम जनता पर क्या होता है असर?

रेपो रेट्स के घटने या बढ़ने का असर बैंकों के लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट्स बढ़ने से बैंक होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन को महंगा कर देता है. यानी सीधी सी बात है ब्याज दरों में इजाफा कर दिया जाता है… वहीं, अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट्स की दरों में कटौती करता है तो इससे लोन के ब्याज की दरें भी कम हो जाती हैं.

इसे भी पढ़े-
Sunil kumar
Sunil kumar
Sunil Sharma has 3 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ informalnewz@gmail.com
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments