Riyan Parag : अगर ये कहा जाए कि राजस्थान रॉयल ने आख़िरी चाल चलते हुए दिल्ली कैपिटल्स को मात दी तो शायद ये ग़लत नहीं होगा. आईपीएल के इस सीजन में अपने घरेलू मैदान पर राजस्थान रॉयल्स ने मैच न हारने का सिलसिला बरकरार रखा है और इसके लिए टीम के आख़िरी ओवर को दाद देनी पड़ेगी. कैपिटल्स के लिए एनरिक नोकिया जैसे मशहूर और तेज़ गेंदबाज ने 25 रन लुटा दिए. जब टीम को आख़िरी ओवर में जीत के लिए 17 रनों की ज़रूरत पड़ी तो राजस्थान के लिए तेज़ गेंदबाज़ आवेश ख़ान ने टेलीफोन नंबर वाला ओवर डाला- 1.0.1.1.0.1 नतीजा यह रहा कि रोमांचक मैच में संजू सैमसन की टीम ने 12 रनों से टूर्नामेंट में लगातार दूसरी जीत दर्ज की.
शुरुआत से ही मेज़बान टीम बैकफुट पर थी
दरअसल, देखा जाए तो मैच की शुरुआत से ही मेज़बान टीम बैकफुट पर थी. हालांकि जिस ऑर्डर को उनका सबसे मज़बूत पक्ष माना जाता है, उसमें यशस्वी जायसवाल, जोश बटलर और कप्तान संजू सैमसन की तिकड़ी ने 31 गेंदों पर महज़ 37 रन ही बनाए.
लेकिन, राजस्थान को इससे मायूसी नहीं हुई क्योंकि टीम के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट कुमार संगकारा पहले ही भविष्यवाणी कर चुके थे कि नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करने वाले 22 साल के रियान पराग में परिपक्वता और भूख का इस सीज़न में शानदार तालमेल दिख रहा है. शायद असम के इस बल्लेबाज़ को ऐसे ही मौके की तलाश थी, जिससे वो हर किसी का ध्यान अपनी तरफ़ खींच सके.
घरेलू क्रिकेट में इस साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में एक या दो नहीं बल्कि लगातार सात अर्धशतक बनाने वाले पराग ने कुछ महीने पहले ही साफ़ कर दिया था कि वो आईपीएल में चार नंबर पर बल्लेबाज़ी करने की हसरत रखते हैं. टी20 के 21 सालों के इतिहास में अब तक किसी भी बल्लेबाज़ ने लगातार सात अर्धशतक नहीं जड़े थे और इसलिए नेट प्रैक्टिस के दौरान भी पराग के खेल में संगाकारा को एक ख़ास बल्लेबाज़ की झलक मिली.
सिर्फ 45 गेंदों पर 84 रनों की नाबाद पारी खेलकर पराग ने मैन ऑफ द मैच का ख़िताब जीता. इस शानदार लम्हें को देखने के लिए स्टेडियम में उनकी मां भी मौजूद थीं, जिसके चलते मैच के बाद ये युवा बल्लेबाज़ भावुक भी हो गया. कप्तान संजू सैमसन को भी इस युवा खिलाड़ी से काफ़ी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि हर समय केरल में उनके फैंस पूछते रहते हैं कि आख़िर पराग किस सीज़न में रन बनाएगा.
संजू के मुताबिक़ पिछले 3-4 सालों से पराग ने अपना नाम बनाया है लेकिन इस सीज़न उनके खेल में एक अलग तरह का आत्मविश्वास दिख रहा है. शुरुआत में पहले 26 गेंदों पर 26 रन बनाने वाले पराग ने अगली 19 गेंदों पर अपना रूप ही बदल डाला और 308 के स्ट्राइक रेट से 58 रन बना डाले. इसमें से साउथ अफ्रीका के शानदार तेज़ गेंदबाज़ नोकिया के ख़िलाफ़ 25 रन वाला ओवर भी शामिल रहा. लेकिन, राजस्थान के लिए पराग के अलावा कई और किरदार भी थे जिन्होंने अहम भूमिका निभाई.
दिल्ली की मुश्किल
सदाबहार युजवेंद्र चहल ने किफायती गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ तीन ओवर में 19 रन देकर 2 विकेट झटके तो साउथ अफ्रीका के युवा तेज़ गेंदबाज़ नांद्रे बर्गर ने 3 ओवर में 29 रन देकर 2 विकेट लिए.
रविचंद्रन अश्विन ने गेंद की बजाए बल्ले से कमाल दिखाया और छोटी सी पारी में 3 छक्के लगाकर 29 रन बनाए, वहीं ध्रुव जुरेल ने भी 12 गेंदों पर 20 रनों की एक आक्रामक पारी खेली. दिल्ली के लिए मैच में कप्तानी और रणनीति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुमित कुमार ने ना तो गेंद पकड़ी और ना ही बल्ला छुआ.
इंपैक्ट वाले नियम आने के बावजूद दिल्ली मैच में सिर्फ़ 11 खिलाड़ियों से खेली और साफ दिख रहा है कि ये टीम आने वाले दिनों में और संघर्ष कर सकती है. पहले दो मैच हारने के बाद दिल्ली का आईपीएल इतिहास वैसे भी बहुत ख़राब रहा है. ये मुंबई इंडियंस की तरह पलटवार करने की बजाए लगातार लुढकने वाली टीम के तौर पर देखी जाती रही है.
पहले दो मैच हारने के बाद 6 बार आईपीएल सीज़न में प्ले-ऑफ तो दूर की बात टॉप 6 में भी स्थान नहीं बना पायी है.दिल्ली के लिए समस्या है कि कप्तान ऋषभ पंत लंबे समय के बाद क्रिकेट के मैदान में वापस लौटे हैं और उन्हें सीधे ट्रिपल भूमिका थमा दी गई है. दिल्ली के लिए आईपीएल में दिल्ली दूर दिख रही है तो वहीं राजस्थान एक लंबे समय के बाद रॉयल अंदाज में खेलती दिख रही है.
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