Thursday, November 21, 2024
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Share Market Crash Reason: शेयर मार्केट में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई? जानें 5 बड़े कारण

भारत समेत दुनियाभर के शेयर मार्केट (Stock Market) में पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारी गिरावट आई थी। यह सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। अमेरिका अनिश्चितता और भूराजनीतिक तनाव जैसी वजहों से सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई। निवेशकों ने ज्यादातर सेक्टर में बिकवाली की। बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर ताश के पत्तों की तरह बिखर गए और निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।

दुनियाभर के शेयर मार्केट में सोमवार को भारी गिरावट आई। जापान के Nikkei 225 में तो 1987 के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई। निक्केई 12.40 फीसदी यानी 2227.15 अंक की गिरावट के साथ 31,458.42 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, 1987 में निक्केई एक ही दिन में 4451.28 अंक गिरा था। उसे शेयर मार्केट के लिहाज से ब्लैक डे कहा जाता है। अगर भारत की बात करें, तो आज सेंसेक्स और निफ्टी दोनों एक वक्त 3 फीसदी से ज्यादा गिर गए थे। हालांकि, बाद में इनमें थोड़ी-बहुत रिकवरी हुई।

आइए जानते हैं कि भारतीय शेयर मार्केट में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई और निवेशकों कितना नुकसान हुआ।

अमेरिका में मंदी का खतरा

अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े उम्मीद से कमजोर आने के बाद कई एक्सपर्ट मंदी की आशंका जता रहे हैं। वॉरेन बफेट जैसे दिग्गज अमेरिकी निवेशक जुलाई में भारी बिकवाली करके अपना कैश भंडार बढ़ा चुके हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव ने भी सियासी अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। इन सब फैक्टर के चलते अमेरिकी शेयर बाजार में गुरुवार और शुक्रवार को बड़ी गिरावट आई थी, जिसका असर आज दुनियाभर के बाजारों पर दिखा।

ईरान-इजरायल का तनाव

ईरान और इजरायल के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। कई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ईरान अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इजरायल पर हमले की योजना बना रहा है। इस संकट का सबसे अधिक असर क्रूड ऑयल पर पड़ सकता है। साथ ही, व्यापारिक अनिश्चितता बढ़ने का भी खतरा है। इसके चलते भी भारत के निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ।

जापान का येन संकट

जापान में ब्याज दरें कम होने की वजह से कई ट्रेडर्स ने जापानी येन उधार लेकर उसे येन में कन्वर्ट किया और उससे अमेरिकी स्टॉक खरीद लिए। लेकिन, अब बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। इससे डॉलर के मुकाबले येन में मजबूती आई है। इसका मतलब कि ट्रेडर्स को उधार लिए येन पर अधिक ब्याज देना होगा, साथ ही उन्हें भारी विदेशी मुद्रा घाटे का भी सामना करना पड़ रहा है। इससे वे बिकवाली कर रहे हैं, जिसका असर दुनियाभर के मार्केट पर पड़ रहा है।

बाजार का अधिक मूल्यांकन

पिछले हफ्ते भारतीय शेयर मार्केट का मूल्यांकन जीडीपी अनुपात के रिकॉर्ड उछाल के साथ 150 फीसदी पर पहुंच गया। एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय शेयर मार्केट में लगातार लिक्विडिटी आ रही है। इसका मतलब कि निवेशक, खासकर रिटेल इन्वेस्टर्स, लगातार पैसे लगा रहे हैं। इससे मिड और स्मॉलकैप के बहुत-से स्टॉक ओवरवैल्यूड हो गया है। यह भी शेयर मार्केट में गिरावट की एक बड़ी वजह है, जिसे करेक्शन भी कहा जाता है।

कंपनियों के कमजोर नतीजे

देश की ज्यादातर कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे, जबकि उनके स्टॉक का वैल्यूएशन अधिक था। वैल्यूएशन को वाजिब साबित करने के लिए कंपनियों को जोरदार नतीजा देने की जरूरत थी। जब ऐसा नहीं हुआ, तो निवेशकों को जोश ठंडा पड़ने लगा। अब इन्वेस्टर्स के पास कोई नया ट्रिगर प्वाइंट भी नहीं है, जिसकी वजह से वे शेयर मार्केट में पैसे लगाएं।

10.24 लाख करोड़ का नुकसान

सोमवार को शेयर मार्केट की सुनामी में बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप में भारी गिरावट आई है। निवेशकों के 10.24 लाख करोड़ रुपये डूब गए। शुक्रवार को भी शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट आई थी। उस दिन निवेशकों को 4.56 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी कंपनियों का सबसे ज्यादा झटका लगा है। इनमें 6 फीसदी तक की गिरावट आई है।

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Sunil kumar
Sunil kumar
Sunil Sharma has 3 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ informalnewz@gmail.com
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