एसआईपी सीधे तौर पर शेयर बाजार में जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें काफी रिस्क भी है। लेकिन, जबरदस्त रिस्क के बावजूद देश के आम लोग इसमें बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। आज हम यहां जानेंगे कि 10,000 रुपये की एसआईपी से कैसे 3.5 करोड़ रुपये का कॉर्पस तैयार किया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए एसआईपी एक प्रभावशाली माध्यम है। एसआईपी में लंबी अवधि के लिए निवेश कर बड़ा कॉर्पस तैयार किया जा सकता है। एसआईपी में एक तरफ बाजार के आकर्षक रिटर्न्स का फायदा मिलता है तो दूसरी तरफ कंपाउंडिंग आपके रिटर्न में चार चांद लगा देता है। हालांकि, एसआईपी सीधे तौर पर शेयर बाजार में जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें काफी रिस्क भी है। लेकिन, जबरदस्त रिस्क के बावजूद देश के आम लोग इसमें बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। आज हम यहां जानेंगे कि 10,000 रुपये की एसआईपी से कैसे 3.5 करोड़ रुपये का कॉर्पस तैयार किया जा सकता है।
12 प्रतिशत का सालाना रिटर्न मिला तो कितने साल में तैयार होगा 3.5 करोड़ रुपये का फंड
एसआईपी में निवेश करते हुए अगर आपको हर साल औसतन 12 प्रतिशत का अनुमानित रिटर्न मिलता है तो 30 साल में आप 3.5 करोड़ रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं। इन 3.5 करोड़ रुपये में आपका 36,00,000 रुपये का निवेश और 3,16,99,138 रुपये का अनुमानित रिटर्न शामिल है। इसी तरह, अगर आपको हर साल औसतन 15 प्रतिशत का अनुमानित रिटर्न मिलता है तो 26 साल में आप 3.8 करोड़ रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं। इन 3.8 करोड़ रुपये में आपका 31,20,000 रुपये का निवेश और 3,51,30,245 रुपये का अनुमानित रिटर्न शामिल है।
एसआईपी में निवेश करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते समय आपको कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो आपको ये जान लेना चाहिए कि एसआईपी में कभी फिक्स रिटर्न नहीं मिलता है। एसआईपी में आपको 20 प्रतिशत का भी रिटर्न मिल सकता है और -10 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न भी मिल सकता है। एसआईपी के जरिए मिलने वाले कुल रिटर्न पर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है। ऐसे में आपका कुल कॉर्पस कम हो सकता है। केंद्र सरकार ने इसी साल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत तक दिया है।