Standard Deduction: सरकार नई टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में इसका ऐलान कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय अलग-अलग स्तरों पर सलाह-मशविरे और सरकार के विभिन्न विभागों और प्रधानमंत्री कार्यालय के आंतरिक मूल्यांकन के बाद यह ऐलान कर सकते हैं
Standard Deduction: सरकार नई टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में इसका ऐलान कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय अलग-अलग स्तरों पर सलाह-मशविरे और सरकार के विभिन्न विभागों और प्रधानमंत्री कार्यालय के आंतरिक मूल्यांकन के बाद यह ऐलान कर सकते हैं।
स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या है?
स्टैंडर्ड डिडक्शन वह तय राशि है, जिसे टैक्सपेयर्स खर्चों का सबूत दिए बिना अपनी टैक्स योग्य रकम से काट सकते हैं। यह टैक्स योग्य इनकम में कमी करता है और इस तरह यह कुल टैक्स दायित्वों को कम करता है।
मौजूदा प्रस्ताव और पिछले बजय के उपाय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले वित्त वर्ष के बजट में नई टैक्स रिजीम के तहत वेतनभोगियों और पेंशन पाने वालों के लिए 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रस्ताव किया था। स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा में बढ़ोतरी से सभी वेतनभागी टैक्सपेयर्स की टैक्स योग्य इनकम कम हो सकती है। इस कदम का मकसद बढ़ते खर्च और आर्थिक चुनौतियों से लोगों को राहत प्रदान करना है।
31 मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए, व्यक्तियों के लिए अपना आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। हालांकि, हालांकि, आईटीआर फाइल करने का प्रॉसेस थोड़ा कठिन हो सकता है, खासकर व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए, जिन्हें अपने आईटीआर जमा करने के लिए आवश्यक विभिन्न धाराओं और चीजों को समझने में मुश्किल होती है।
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