Fastest Bowlers in Team India: भारतीय क्रिकेट को हमेशा से तेज रफ्तार वाले गेंदबाज की तलाश रही है. लेकिन टीम इंडिया में राज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी का रहा. दोनों गेंदबाजों के पास बहुत अधिक रफ्तार तो नहीं है, लेकिन इनका खौफ दुनियाभर में है. हम आपको ऐसे ही एक गेंदबाज की कहानी बताने जा रहे हैं जो खतरनाक तो था लेकिन करियर 2 महीने में ही खत्म हो गया. भारतीय क्रिकेट को हमेशा से तेज रफ्तार वाले गेंदबाज की तलाश रही है. लेकिन टीम इंडिया में राज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी(Dangerous Bowler Team India) का रहा. दोनों गेंदबाजों के पास बहुत अधिक रफ्तार तो नहीं है, लेकिन इनका खौफ दुनियाभर में है.
लेकिन भारत में कुछ ऐसे भी गेंदबाज रहे जिनकी किस्मत उनसे नाराज नजर आई. ऐसे ही एक तेज गेंदबाज की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसकी रफ्तार पाकिस्तान के दिग्गज शोएब अख्तर से कम नहीं थी.
लेकिन महज 2 महीने में इस खिलाड़ी का करियर खत्म हो गया. हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज डेविड जॉनसन की, जिन्होंने सचिन की कप्तानी में अपना डेब्यू किया था.
उनका जन्म 16 अक्टूबर 1971 को हुआ था. उन्होंने अपनी राज्य टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया और फिर टीम इंडिया में जगह बनाई. जॉनसन को उनकी तेज और घातक गेंदबाजी के लिए जाना जाता था.
उन्होंने 157.8 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करते हुए कई बड़े बल्लेबाजों को परेशान किया. वे कर्नाटक की उस गेंदबाजी इकाई का महत्वपूर्ण हिस्सा थे जिसमें अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ और वेंकटेश प्रसाद जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे.
2 महीने में करियर हुआ खत्म
इतनी शानदार गेंदबाजी करते हुए भी जॉनसन का करियर ज्यादा दिन नहीं चला. उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में 10 अक्टूबर 1996 में अपना डेब्यू किया. उनका पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था. उनका पहला इंटरनेशनल शिकार बल्लेबाज माइकल स्लेटर थे. उसी साल दिसंबर में, उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना दूसरा और करियर का आखिरी टेस्ट खेला था. इस मैच में भी वह कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए और महज 2 ही विकेट लेने में कामयाब हुए. इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिला और एक बेताज बादशाह के रूप में रह गए.
बालकनी से गिरने से हुई मौत
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बीच एक बुरी खबर देखने को मिली थी. 52 साल के जॉनसन अपने घर की बालकनी से गिर गए थे. जिसके चलते उनका निधन हो गया. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जो छाप छोड़ी उसे हमेशा याद रखा जाएगा. उनके नाम रणजी ट्रॉफी में 39 मैच में 125 विकेट दर्ज हैं. इसके अलावा उन्होंने 33 लिस्ट ए मैचों में भी 41 विकेट झटके. जॉनसन इंटरनेशनल करियर के बाद एक अकादमी चला रहे थे.
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