Paris Olympics 2024: फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक इस बार ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था जिसमें भारत एक सिल्वर के साथ 5 ब्रॉन्ज मेडल को अपने नाम किया। पेरिस ओलंपिक में कुल 117 भारतीय एथलीट का दल गया था जिनके देश वापस लौटने के बाद 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात की और उनके अनुभवों के बारे में जाना। पीएम मोदी ने एथलीटों से कहा कि आप देश का झंडा ऊंचा करके आए हैं और हमें ये सोचना नहीं है कि हम पीछे रह गए बल्कि हम बहुत कुछ सीखकर आए हैं।
“ये खेल है जीत-हार तो होती रहती है”
पीएम मोदी ने एथलीटों के साथ संवाद करते हुए उनसे पूछा कि आपने जो मैदान पर किया उसे तो पूरी दुनिया ने देखा लेकिन उसके अलावा आपने क्या-क्या किया। इस पर पेरिस ओलंपिक में अपने खेल से सभी को प्रभावित करने वाले स्टार युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने कहा कि टूर्नामेंट मेरा काफी लंबा रहा और मेरा अधिकतर ध्यान अपने मैचों पर रहा। जब भी हमको समय मिलता था तो हम सब साथ में डिनर करने जाते थे और काफी सारे एथलीट्स भी हमें वहां पर मिले और उनसे हमने काफी कुछ सीखा जो हमारे लिए एक बड़ी बात थी। जो वहां का माहौल था उससे काफी कुछ सीखने को मिला क्योंकि ये मेरा पहला ओलंपिक भी था।
पीआर श्रीजेश से उनके संन्यास के फैसले पर पूछा सवाल
भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक खत्म होने के साथ इंटरनेशनल हॉकी से भी संन्यास ले लिया। वहीं पीएम मोदी ने उनसे जब संन्यास लेने के फैसले के बारे में पूछा तो श्रीजेश ने कहा कि पिछले कुछ सालों से मैं इसके बारे में सोच रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि साल 2002 में पहली बार कैंप में गया था और अब तक खेलता आ रहा हूं। ऐसे में 20 साल की इस जर्नी को एक अच्छे मुकाम पर खत्म करने का प्लान किया था और इसीलिए मैंने अब संन्यास लिया है। सेमीफाइनल हारने के बाद हम सभी निराश थे लेकिन ब्रॉन्ज मेडल जीतने की भी खुशी है।
विनेश को लेकर पीएम मोदी ने कही ये बात
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय एथलीटों के साथ संवाद में पीएम मोदी ने महिला रेसलर विनेश फोगाट का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा कि विनेश पहली ऐसी भारतीय बनीं जो कुश्ती में फाइनल तक पहुंची जो हमारे लिए एक गर्व की बात है। शूटिंग के इवेंट्स में हमारे शूटर्स फाइनल तक पहुंचे। वहीं पीएम मोदी ने युवा रेसलर अमन सहरावत की भी तारीफ की और कहा कि व्यक्तिगत जीवन की कठिनाईंयों से भी इंसान अपने यात्रा को सपने को हासिल कर सकता है और मुश्किलें अपनी जगह रह जाती हैं।