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Jio और Airtel के लिए खतरा ? 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में हुई अडानी की एंट्री का कहर , फटाफट चेक करें

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Jio और Airtel के लिए खतरा ? 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में हुई अडानी की एंट्री का कहर , फटाफट चेक करें
Jio और Airtel के लिए खतरा ? 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में हुई अडानी की एंट्री का कहर , फटाफट चेक करें

5G Spectrum Auction: भारत में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी इस महीने के अंत में होने वाली है. नीलामी से पहले बोली लगाने वालों की लिस्ट में अडानी का नाम भी सामने आया है. ऐसे में जियो और एयरटेल के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो सकती है.

Jio और Airtel के लिए खतरा ? 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में हुई अडानी की एंट्री का कहर , फटाफट चेक करें

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की तारीख नजदीक आ रही है. इस बार स्पेक्ट्रम नीलामी में सिर्फ टेलीकॉम कंपनियां ही नहीं बल्कि दूसरे प्लेयर्स भी शामिल हो रहे हैं. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चर्चा अरबपति गौतम अडानी के अडानी डेटा नेटवर्क्स की है. रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के साथ अडानी डेटा नेटवर्क्स भी 5G स्पेक्ट्रम की नीमाली में हिस्सा लेगी.

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दूरसंचार विभाग के डॉक्यूमेंट्स से यह जानाकरी मिली है. एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेक्ट्रम नीलामी 26 जुलाई को शुरू होनी है. कुछ फ्रिक्वेंसी की नीलामी पर हमें दिलचस्प टक्कर देखने को मिल सकती हैं.

चूंकि जियो और एयरटेल खुद को मजबूत करना चाहते हैं. वहीं अडानी ग्रुप की एंट्री से इन दोनों दिग्गज कंपनियों को टक्कर मिलेगी. हालांकि, अडानी ग्रुप फिलहाल एंटरप्राइसेस बिजनेस में एंट्री कर रहा है.

इन बैंड्स पर होगी नीलामी, जाने

दूरसंचार विभाग का कहना है, ‘…ऐप्लिकेशन्स मिल चुके हैं… ये ऐप्लिकेशन्स 2022 में हो रही 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 2500 MHz, 3300 MHz और 26 GHz बैंड्स के स्पेक्ट्रम यूज के अधिकार की नीलामी के लिए हैं.’

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आखिर क्या है अडानी ग्रुप का प्लान?

आवेदकों के पास 19 जुलाई तक अपना ऐप्लिकेशन वापस लेने का मौका है. अडानी ग्रुप ने पिछले हफ्ते साफ कर दिया है कि वह स्पेक्ट्रम रेस में शामिल हो रहे हैं. इस स्पेक्ट्रम की बदौलत वे एक प्राइवेट नेटवर्क क्रिएट करेंगे, जो एयरपोर्ट से लेकर पावर तक के उनके बिजनेस को सपोर्ट करेगा. साथ ही डेटा सेंटर को भी इससे मदद मिलेगी.

26 जुलाई को शुरू हो जाएगी नीलामी

26 जुलाई 2022 को होने वाली नीलामी में कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये के 72,097.85 MHz स्पेक्ट्रम की बोली लगेगी. नीलामी लो (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मिड (3300 MHz) और हाई (26 GHz) फ्रिक्वेंसी बैंड्स के लिए होगी.

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बन सकती है जियो और एयरटेल के लिए मुसीबत?

ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि अडानी ग्रुप की एंट्री से दूसरे टेलीकॉम कंपनियों की मुसीबत बढ़ेगी. अपकमिंग ऑक्शन में कंपटीशन बढ़ने के साथ-साथ एंटरप्राइसेंस स्पेस में लॉन्ग टर्म ऑपरच्यूनिटी को भी चुनौती मिलेगी.

CLSA का कहना है कि अडानी ग्रुप की एंट्री के साथ ही 5G स्पेक्ट्रम की कीमत में अनिश्चिता आएगी. पहले सिर्फ जियो और भारती एयरटेल के बीच मुकाबला होना था, लेकिन अब इसमें अडानी का नाम भी शामिल हो गया है.

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