Thursday, November 21, 2024
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Toll Tax New Rule: FasTag से नही, अब नए सिस्टम से कटेगा Toll Tax, नितिन गडकरी ने दी जानकारी

Toll Tax New Rule: अभी टोल प्लाजा पर जो FasTag सिस्टम टैक्स वसूली के लिए लागू हैं, वह रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग्स पर काम करता है, जो कि ऑटोमेटिक टोल कलेक्ट करता है. लेकिन GNSS बेस्ड टोलिंग सिस्टम में वर्चुअल टोल होंगे.

Toll Tax New Rule: सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार चुनिंदा नेशनल हाइवेज पर फास्टैग (FasTag) के साथ ही एस और जीएनएसएस (GNSS) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागी करेगी. उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि इस नए सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर हाइवे और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार रूट पर किया गया है.

FasTag से भी तेज सैटेलाइट सर्विस

Nitin Gadkari ने बताया कि केंद्र सरकार ने मौजूदा FASTag (फास्टैग) सुविधा के अलावा नेशनल हाईवे के चुनिंदा सेक्शन पर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) सिस्टम को शुरू में पायलट आधार पर लागू करने का फैसला किया है. टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को कम करने के उद्देश्य से फास्टैग सर्विस शुरू की गई थी और अब इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. केंद्रीय मंत्री ने पहले भी बताया था कि नया (Satellite based toll system) फास्टैग से भी तेज है.

अब वर्चुअल होंगे टोल प्लाजा

इस सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स सर्विस का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसके आने से नेशनल हाइवेज पर सफर और भी आसान हो जाएगा, वो ऐसे कि आपको फिलहाल की तरह किसी टोल टैक्स पर रुकना नहीं होगा और ये टैक्स आपसे चलते-चलते वसूला जाएगा. इसकी फंक्शनिंग के बारे में डिटेल से बात करें, तो अभी टोल प्लाजा पर जो FasTag सिस्टम टैक्स वसूली के लिए लागू हैं, वह रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग्स पर काम करता है, जो कि ऑटोमेटिक टोल कलेक्ट करता है. लेकिन GNSS बेस्ड टोलिंग सिस्टम में वर्चुअल टोल होंगे. यानी टोल कहां है ये नजर नहीं आएगा और न ही इनपर रुकना होगा.

ऐसे काम करेगा GNSS सिस्टम

सैटेलाइट सिस्टम में टोल कलेक्शन के लिए वर्चुअल गैन्ट्रीज इंस्टॉल होंगे, जो GNSS इनेबल वाहन से कनेक्ट होंगे और जैसे ही कोई कार इन वर्चुअल टोल से गुजरेगी, तो यूजर के अकाउंट से तय अमाउंट कट जाएगा. इस तरह की सर्विसेज दुनिया के तमाम देशों में दी जा रही है, इनमें जर्मनी और रूस शामिल हैं. मतलब साफ है कि अभी वाहन चालकों को फास्टैग के जरिए भी जो समय टोल टैक्स पर बिताना होता है, उससे भी निजात मिलने वाली है

एनएच प्रोजेक्ट्स में क्यों हो रही देरी?

एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि करीब 10 वर्ष पहले शुरू हुए सभी नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स में से 697 परियोजनाएं अपने तय किए गए समय से लेट हो रही हैं. इनमें देरी के पीछे के कारणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि NH Projects में देरी के सबसे बड़े कारण भूमि अधिग्रहण, वैधानिक मंजूरी, अतिक्रमण हटाना, कानून और व्यवस्था, ठेकेदार को फाइनेंशियल दिक्कत के साथ ही कोविड-19 जैसे महामारी, बारिश-बाढ़ से लेकर चक्रवात-भूस्खलन जैसी अप्रत्याशित घटनाएं हैं.

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Sunil kumar
Sunil kumar
Sunil Sharma has 3 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ informalnewz@gmail.com
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