Punjab kings and delhi capitals: 12 मई (भाषा) प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर हो चुकी दिल्ली कैपिटल्स की टीम शनिवार को यहां होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में जीत दर्ज करके पंजाब किंग्स के समीकरणों को बिगाड़ने और अपनी धुंधली उम्मीदों को कायम रखने की कोशिश करेगी।
दिल्ली ने अभी तक 11 मैचों में केवल चार मैच जीते हैं और अगर वह अपने बचे हुए तीनों मैच में जीत भी दर्ज करता है तब भी उसके 14 अंक होंगे जो कि शीर्ष चार में जगह बनाने के लिए संभवत: पर्याप्त नहीं होंगे। अगर मगर के समीकरणों को देखते हुए दिल्ली की टीम का भाग्य अब दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
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पंजाब किंग्स की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। उसके 11 मैचों में पांच जीत से 10 अंक हैं और उसे प्लेऑफ की उम्मीदों को बरकरार रखने के लिए अपने बाकी बचे तीनों मैच में जीत हासिल करनी होगी।
दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या उसकी टीम में शामिल भारत के बल्लेबाजों का नहीं चल पाना। उसकी टीम अपने विदेशी खिलाड़ियों कप्तान डेविड वॉर्नर, विकेटकीपर बल्लेबाज फिल सॉल्ट और मिशेल मार्श पर काफी निर्भर है।
दिल्ली के मध्यक्रम में शामिल भारतीय बल्लेबाजों में मनीष पांडे, रिपल पटेल और अमन खान जैसे खिलाड़ी शामिल है लेकिन ये सभी अभी तक परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए। मध्यक्रम के बल्लेबाज स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे हैं और साथ ही बड़े शॉट भी नहीं खेल पा रहे हैं जिससे टीम को नुकसान हो रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में जब दिल्ली का शीर्ष क्रम नहीं चल पाता है तो टीम बिखर जाती है।
पहले चरण में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले वॉर्नर भी पिछली पांच पारियों में नहीं चल पाए और इनमें से तीन पारियों ने वह दोहरे अंक तक भी नहीं पहुंच सके जो कि टीम के लिए चिंता का विषय है।
सॉल्ट ने दो पारियों में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन वह तीन मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इनमें से दो मैच में वह खाता भी नहीं खोल सके थे। मार्श ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जबरदस्त पारी खेली थी लेकिन इसके बाद उनका भी बल्ला नहीं चल पाया। इस ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ने हालांकि पिछले तीन मैचों में गेंदबाजी में उपयोगी योगदान दिया।
दिल्ली के गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। स्पिनर अक्षर पटेल और कुलदीप यादव अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभा रहे हैं जबकि तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और खलील अहमद अधिकतर अवसरों पर विकेट हासिल करने में सफल रहे हैं। निजी कारणों से स्वदेश लौटने वाले तेज गेंदबाज एनरिक नार्किया की हालांकि टीम को कमी खल रही है।
जहां तक पंजाब की बात है तो पिछले दोनों मैचों में मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के हाथों हार के बाद अब उसके लिए भी करो या मरो की स्थिति बन गई है।
पंजाब के लिए यह सत्र उतार-चढ़ाव वाला रहा है। पिछले दो मैचों में उसके बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन गेंदबाजों ने उसे निराश किया।
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