Happy Birthday Umesh Yadav: भारतीय टीम के धुरंधर तेज गेंदबाज उमेश यादव का आज 36वां जन्मदिन है। उनका जन्म 25 अक्टूबर 1987 को हुआ था। आज उमेश यादव के करोड़ों फैंस हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर देशभर से लाखों फैंस उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भले ही उमेश यादव को पूरी दुनिया जानती है, लेकिन एक समय में वह कोयले की खदान में काम किया करते थे। चलिए उमेश यादव के जन्मदिवस पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी संघर्षों के बारे में बताते हैं।
यादव काफी गरीब परिवार में पैदा हुए थे, पुलिस बनाना चाहते थे पिता
उमेश यादव काफी गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता कोयले के खदान में काम किया करते थे। उनके पिता तिलक यादव मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले हैं, लेकिन कोयला खदान में नौकरी के चलते वो यूपी से नागपुर आ गए। नागपुर में उमेश की फैमिली खापरखेड़ा गांव में रहती थी।
इस गांव ज्यादातर वही लोग रहते हैं, जो कोयला खदान में काम करते हैं। उमेश के पिता चाहते थे कि उमेश पढ़ाई लिखाई करे, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह उमेश को नहीं पढ़ा सके। उमेश की कद-काठी अच्छी होने के कारण उनके पिता उन्हें पुलिस या सेना का जवान बनाना चाहते थे, लेकिन उमेश यादव पर बचपन से ही क्रिकेट का भूत सवार था। वह अपने दोस्तों के साथ प्रतिदिन क्रिकेट खेलने जाया करता था।
एक-एक रुपये जोड़ खरीदी गेंद
अपने पिता के कहने पर उमेश ने सरकारी नौकरी के लिए कोशिश तो बहुत की, लेकिन वो उसमें सफल नहीं हो सके। इसके बाद उमेश यादव ने अपने पिता से कहा कि वह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इसके बाद उमेश ने टेनिस बॉल को छोड़, लेदर बॉल से प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।
लेदर बॉल से खेलने के बाद उमेश विदर्भ के लिए खेलने लगे। उस समय तक उमेश के पिता के पास भी इतना पैसा नहीं था कि वो उमेश के क्रिकेट का खर्चा उठा सकें, लेकिन फिर भी उन्होंने एक-एक रुपये जोड़कर लेदर की गेंद खरीदी और उससे प्रैक्टिस करने लगे। उनकी उसी जिद का नतीजा है कि, उमेश आज टीम इंडिया के बेहतरीन बॉलर है।
2010 में किया भारतीय टीम में डेब्यू
उमेश यादव को साल 2008 में रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला। मैच की पहली पारी में उमेश ने 75 रन दिए और 4 विकेट अपने नाम किए थे, तभी से वह सेलेक्टर के नजर में रहने लगे। इसके बाद उन्हें आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ खेलने का मौका मिला। फिर साल 2010 में उन्होंने भारतीय टीम में भी डेब्यू कर लिया।