भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने बुधवार को कहा कि इंग्लैंड को हराना मुश्किल नहीं है और मेजबान टीम को पांच मैच की टेस्ट सीरीज जीतने के लिए बस उनकी अति आक्रामक शैली से सामंजस्य बैठाने की जरूरत है। इंग्लैंड ने हैदराबाद में सीरीज के शुरूआती मैच में भारत को हराया था लेकिन मेजबान टीम ने विशाखापट्टनम में दूसरे टेस्ट में मजबूत वापसी करके बराबरी हासिल कर ली। तीसरा टेस्ट गुरुवार से राजकोट में शुरू हो रहा है।
जडेजा ने तीसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ”मैं इंग्लैंड को (सबसे कड़ी) टीमों में से एक नहीं कहूंगा। अन्य टीमों के लिए भारत आना और यहां आकर जीतना आसान नहीं है। वह आक्रामक होकर खेलते हैं। हमें बस इससे सामंजस्य बैठाना होगा और उसके अनुसार योजना बनानी होगी।” पैर की मांसपेशियों में चोट के कारण दूसरा टेस्ट नहीं खेलने वाले जडेजा ने कहा, ”अगर पहले टेस्ट की दूसरी पारी में छोटी-छोटी गलतियां नहीं होती तो हम नहीं हारते।”
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हाल में चोटों से जूझने के बारे में जडेजा ने कहा, ”यह निराशाजनक है लेकिन इन दिनों क्रिकेट के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं और यह हमेशा दिमाग में रहता है। मैं मैदान में कहीं छिप नहीं सकता, मैं किसी भी प्रारूप में हमेशा महत्वपूर्ण स्थानों पर रहता हूं और शायद यही कारण है (चोट लगने का) और गेंद अक्सर मेरे पास आती है।” जडेजा ने कहा कि चोटों से बचने के लिए उन्हें चतुराई भरे बदलाव करने होंगे।
उन्होंने कहा, ”मैं अपना शत प्रतिशत देना चाहूंगा और अपने शरीर को बचाना चाहूंगा और जब जरूरत नहीं हो तो कूदने से बचूंगा। बस यही है। मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता क्योंकि ऐसा (चोट से वापसी) पहले भी हो चुका है।” जडेजा तीसरे टेस्ट के लिए सपाट पिच की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”यहां विकेट सपाट और सख्त है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्होंने इसे कैसे तैयार किया है। यह विकेट अच्छा दिखता है।”
जडेजा ने कहा, ”यहां विकेट हर मैच में अलग तरह से व्यवहार करता है। कभी-कभी यह सपाट रहता है, कभी-कभी स्पिन के अनुकूल होता है, कभी-कभी यह दो दिनों तक अच्छा खेलता है और फिर टर्न करने लगता है। मेरा मानना है कि यह पहले अच्छा खेलेगा और फिर धीरे-धीरे टूटेगा और गेंद घूमेगी।”