टीम इंडिया ने साल 2011 में वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। भारत ने खिताबी मुकाबले में श्रीलंका टीम को धूल चटाई थी। हरभजन सिंह और मुनाफ पटेल जैसे खिलाड़ी भारतीय स्क्वॉड का हिस्सा थे। एमएस धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2011 में वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा था। भारत ने 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। भारत ने फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से शिकस्त दी थी। युवराज सिंह ने टूर्मामेंट में हरफनमौला प्रदर्शन किया। उन्होंने 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट लिए।
वह तब कैंसर से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने गजब का हौसला दिखाया। युवराज को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि अगर युवराज नहीं होते तो भारत वर्ल्ड कप नहीं जीतता। हरभजन के इस दावे पर पूर्व तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने क्रिकेट फैंस की राय मांग की है। बात दें कि हरभजन और मुनाफ वर्ल्ड चैंपियन 2011 टीम का हिस्सा थे।
मुनाफ ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर हरभजन का एक पुराना वीडियो शेयर किया। वीडियो में भज्जी कहते हैं, ”अगर युवराज सिंह नहीं होते तो मैं तो कहता हूं कि भारत के पास वर्ल्ड कप ही नहीं होता। उनका बहुत अहम योगदान था। युवराज जैसा प्लेयर ना पहले था और ना आज है। और शायद एक ही बार आते हैं युवराज जैसे प्लेयर।” मुनाफ ने भज्जी का वीडियो साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, ”क्या बात कही है हरभजन सिंह ने। दिग्गज के शानदार शब्द। क्या बोलती पब्लिक।”
गौरतलब है कि हरभजन ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 जीतने की 12वीं वर्षगांठ पर एक टीम प्रोग्राम में शिरकत की थी, जिसमें उनके साथ युसूफ पठान, एस श्रीसंत, वीरेंद्र सहवाग जैसे विश्व कप विजेता टीम के सदस्य मौजूद थे। हरभजन ने इसी प्रोग्राम में युवराज के हौसले की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि युवराज अस्वस्थ थे और उन्हें बल्लेबाजी करते समय भी खांसी आती थी। कभी-कभी उल्टी भी होती थी।
मैं उनसे पूछता था कि तुम्हें इतनी खांसी क्यों होती है? अपनी उम्र देखो और तुम क्या कर रहे हो। लेकिन हमने नहीं पता था कि वह किस तकलीफ से गुजर रहे थे और उसने बीमारी में वर्ल्ड कप खेला। बाद में पता चला कि ये कैंसर के लक्षण थे। चैंपियन खिलाड़ी को सलाम।