Rohit Sharma, World Cup 2023: वर्ल्ड कप में अपनी बेखौफ और निस्वार्थ बल्लेबाजी से विरोधी टीम के गेंदबाजों पर दबाव बना टीम को शानदार शुरुआत दिलाने वाले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा इस वैश्विक खिताब से बस एक जीत दूर है. रोहित इस वर्ल्ड कप में कम से कम पांच बार शतक पूरा करने से चूक गए, लेकिन उन्होंने अपने सकारात्मक रवैये से देश के करोड़ों क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया. रोहित शर्मा टीम के हित में व्यक्तिगत उपलब्धियों को नजरअंदाज कर जोखिम उठा कर बल्लेबाजी कर रहे हैं.
फाइनल से पहले रोहित ने चली ये तगड़ी चाल
रोहित 19 नवंबर को खेले जाने वाले वर्ल्ड कप फाइनल के दिन 36 साल और 203 दिन के हो जाएगे. इस बात की प्रबल संभावना है कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा, क्योंकि अगला वर्ल्ड कप 2027 में होगा तब तक रोहित की उम्र 40 साल से अधिक हो जाएगी. रोहित शर्मा के 16 साल से अधिक के उतार-चढाव से भरे क्रिकेट करियर में 19 नवंबर का दिन सबसे अहम होगा. रोहित ने एशिया कप से पहले कहा था, ‘मैं अगले दो महीने में इस टीम के साथ कई यादगार उपलब्धि हासिल करना चाहता हूं.’ रोहित के रवैए में यह बदलाव हालांकि पिछले साल ही शुरू हो गया था.
टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में जानिए क्या है रोहित का मास्टर प्लान
नासिर हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स में अपनी बातचीत के दौरान बताया कि पिछले टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में चैंपियन इंग्लैंड के हाथों हार के बाद भारतीय कप्तान ने दिनेश कार्तिक से क्या कहा था. रोहित ने उस टीम का हिस्सा रहे कार्तिक से कहा था, ‘हमें अपना दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है.’ दृष्टिकोण में बदलाव हमेशा मानसिकता में बदलाव का परिणाम होता है और जब कप्तान अपनी बात पर अमल करता है, तो दूसरों के लिए उसका अनुसरण करना बहुत आसान हो जाता है. रोहित जब पहली बार पूर्णकालिक कप्तान बने, तो उन्होंने अपने शुरुआती प्रेस कांफ्रेंस में बहुत ही प्रासंगिक बात कही थी.
बचपन के कोच ने खोला राज
रोहित ने तब कहा था, ‘मैं किसी को भी ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहूंगा जो मैं खुद नहीं कर सकता हूं.’ रोहित के बचपन के कोच दिनेश लाड ने कहा कि उनका शिष्य बचपन से ऐसा ही है. रोहित के बचपन के कोच दिनेश लाड ने कहा, ‘मुझे उनके अंडर-19 दिनों की एक घटना याद है. हम सब कहीं खड़े थे और सड़क के दूसरी तरफ ये चमचमाती मर्सिडीज खड़ी थी. रोहित ने इसे कुछ देर तक देखा और कहा, ‘ये मैं एक दिन खरीदूंगा. मैंने रोहित से कहा, ‘रोहित क्या पागल हो गया है तू, अभी कुछ खेला ही नही हैं तूने.’
रोहित के गैराज में एक लग्जरी कार थी
दिनेश लाड को इस बात का जरा भी अहसास नहीं था कि यह कोई औसतन 17 साल का बच्चा नहीं है. तीन साल से भी कम समय में टी20 वर्ल्ड कप जीत के बाद उनके गैराज में एक लग्जरी कार थी. लाड स्वयं स्वीकार करते हैं कि उन्हें कभी एहसास नहीं हुआ कि उनका शिष्य इतना शानदार और आत्मविश्वास से भरा खिलाड़ी है. लाड ने कहा, ‘जब वह अपनी स्कूल टीम की कप्तानी करते थे तब भी वह हमेशा निस्वार्थ रहे थे. आज आप जो देख रहे हैं वह कोई रातों रात नहीं हुआ है. अपनी उपलब्धियों को तवज्जो ना देकर टीम के लिए भूमिका निभाना उनकी विशेषता रही है.’
रोहित के लिए 2009 और 2011 के बीच का समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा
लाड ने कहा कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआती ऊंचाई और साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज के बाद रोहित के लिए साल 2009 और 2011 के बीच का समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा था. इसमें उन्हें सबसे ज्यादा निराशा 2011 वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने से चूकने की हुई थी. लाड ने बताया, ‘मुझे याद है कि उन्होंने मुझसे कहा था, ‘सर, आपको कोई शिकायत नहीं होगी कि मैं कड़ी मेहनत नहीं करता हूं. मैं अपने खेल पर बहुत समय दूंगा’, उन्होंने वादा किया था और आप कह सकते हैं, उन्होंने अपना वादा निभाया है.’
रोहित ने अपनी कप्तानी से टीम के लिए काफी कुछ किया
रोहित को टीम के जूनियर खिलाड़ियों से भी दोस्ती के लिए जाना जाता है. वह अगर किसी खिलाड़ी की प्रतिभा पर उन्हें भरोसा होता है तो वह खिलाड़ी का पूरा साथ देते है.
न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में ताबड़तोड़ शतकीय पारी खेलने वाले श्रेयस अय्यर ने कहा,
‘मैं दबाव में था लेकिन कप्तान का मुझ पर भरोसा होना बहुत जरूरी था. उन्होंने मुझसे कहा कि हमें (प्रबंधन को) आप पर भरोसा है और जो कुछ भी कहा जा रहा है वह बाहरी शोर है.’ रोहित ने अपनी कप्तानी से टीम के लिए काफी कुछ किया अब यह टीम की जिम्मेदारी है कि वह अपने कप्तान के लिए वर्ल्ड कप जीतकर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरे.
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