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Bank FD Rate Reduce: बड़ी खबर! FD में निवेश का यही सही समय, घटने वाली हैं ब्याज दरें, जानें अपडेट

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Bank FD Rate Reduce: बड़ी खबर! FD में निवेश का यही सही समय, घटने वाली हैं ब्याज दरें, जानें अपडेट

Bank FD Rate Reduce: देश में तमाम इन्वेस्टमेंट टूल के बीच फिक्स्ड डिपॉजिट अभी भी एक पसंदीदा ऑप्शन बना हुआ है.

Bank FD Rate Reduce: फिक्स्ड डिपॉजिट को सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट टूल माना जाता है, जो अच्छे इंटरेस्ट रेट के साथ गारंटीड रिटर्न की वादा करता है. मौजूदा सेनारियो में तो बैंक FD स्कीम्स पर आकर्षक इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं. क्योंकि रेपो रेट फिलहाल 6.50% पर उच्च बना हुआ है. आपको बता दें कि महंगाई पर लगाम कसने के लिए आरबीआई ने आक्रमक तरीके से रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी, जिसके चलते फाइनेंशियल कंपनियों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी एफडी स्कीम्स पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिए थे. लेकिन जल्द ही इन बढ़े हुए इंटरेस्ट रेट में गिरावट देखने को मिल सकती है. इसलिए अगर एफडी स्कीम्स में इन्वेस्ट करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको जल्दी ही ऐसा कर लेना चाहिए, क्योंकि आरबीआई आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.

रेपो रेट में कटौती

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अक्टूबर से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है. ब्याज दरों में यह बदलाव मौसम की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी की कीमतों जैसे एक्सटर्नल फैक्टर्स पर निर्भर करेगा. एजेंसी ने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष में दो बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है.

जलवायु परिवर्तन और दूसरे फैक्टर्स की होगी निगरानी

रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने हाल ही में अपनी घोषणा में बताया कि उन्होंने हाई फूड इन्फ्लेशन के चलते अभी के लिए समान ब्याज दर रखने का फैसला किया है. कमिटी ने कहा कि वे इस तरह के महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले जलवायु परिवर्तन और दूसरे फैक्टर्स की निगरानी करेंगे. यह भी अनुमान लगाया गया कि मैक्रोइकोनॉमिक एनवायरनमेंट में जल्द ही सुधार होगा, जिससे ब्याज दरों में कटौती के लिए सही माहौल तैयार होगा.

एजेंसी ने आगे कहा कि इस साल एग्रीकल्चरल सेक्टर में पिछले साल के मुकाबले बेहतर स्थिति दिख रही है, इसलिए ब्याज दरों में कटौती की चुनौती कम होने की उम्मीद है. मानसून सीजन सामान्य से बेहतर रहा है. देश में प्रमुख फसलों की खेती में पॉजिटिव रिस्पांस देखने को मिला है. सितंबर तक एग्रीकल्चरल सेक्टर का सेनारियो साफ हो जाएगा, जिसके बाद ब्याज दरों में कटौती हो सकती है.

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