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Home Insurance policy: प्राकृतिक आपदाओं ढह गया मकान… होम इंश्योरेंस से करें घर की सुरक्षा, जानें क्या-क्या होता है कवर?

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Home Insurance policy: भारत में आजकल मौसम जितना अनियमित हो गया है, उतना ही खतरनाक भी। कहीं बाढ़ तो कहीं भूकंप, और कहीं भूस्खलन यानी जमीन खिसकने की घटनाएं। ऐसे में घर का बीमा यानी होम इंश्योरेंस अब शौक नहीं, एक जरूरत बन गया है।

क्यों जरूरी है होम इंश्योरेंस?

हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि हमारे साथ कुछ नहीं होगा, लेकिन हकीकत यह है कि आपदा कभी बता के नहीं आती। अगर अचानक से घर में दरार आ जाए, छत गिर जाए या पानी से सारा सामान खराब हो जाए, तो नुकसान लाखों में हो सकता है। ऐसे में होम इंश्योरेंस आपको उस आर्थिक झटके से बचाता है।

होम इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है? (What Does Home Insurance Cover?)

होम इंश्योरेंस यानी घर का बीमा, आपके घर और उसमें रखे सामान को किसी बड़े नुकसान से बचाने के लिए होता है। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आपके घर को तूफान, चक्रवात, आंधी (टेम्पेस्ट), सुनामी, बाढ़, बिजली गिरना, भूकंप, जंगल में आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी आपको उसकी भरपाई देती है। इसके अलावा अगर किसी दंगे या हड़ताल में आपके घर का नुकसान हो जाए, जानबूझकर किसी ने तोड़फोड़ की हो, आतंकवादी हमला हुआ हो या मिसाइल टेस्टिंग के दौरान कोई नुकसान हुआ हो तो ये सब होम इंश्योरेंस में कवर होता है। बीमा में पानी की टंकी, पाइप या किसी मशीन से अचानक पानी फूट जाना या रिसाव जैसी घटनाओं से हुए नुकसान को भी शामिल किया जाता है।

इसके अलावा, अगर आपके घर के नीचे की जमीन धंस जाती है (subsidence), या भूस्खलन (landslide) या चट्टान गिरने (rockslide) से नुकसान होता है, तो उसका भी क्लेम मिल सकता है। यदि कोई गाड़ी आपके घर से टकरा जाए, पेड़ गिर जाए, कोई हवाई जहाज का हिस्सा या कोई दीवार घर पर गिर जाए, ऐसे किसी भी बाहरी टकराव से हुए नुकसान को भी बीमा कवर करता है।

एक और अहम बात ये है कि अगर ऊपर बताए गए हादसों (जैसे बाढ़, आग, भूकंप वगैरह) के 7 दिन के अंदर आपके घर में कोई चोरी होती है, तो वो भी बीमा के दायरे में आती है लेकिन ये शर्त के साथ होता है।

क्या कवर नहीं होता? (Home insurance does not cover these)

होम इंश्योरेंस कई तरह के बड़े नुकसान को तो कवर करता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जो इस बीमा में शामिल नहीं होती हैं। लाइवमिंट की रिपोर्ट की मानें तो अगर किसी युद्ध, विदेशी हमला, या दुश्मन देश की कार्रवाई से घर को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी उसकी भरपाई नहीं करती। इसी तरह, अगर किसी रेडियोधर्मी किरणों (ionising radiation) या रेडिएशन (radiation) की वजह से घर में कुछ खराब हो जाए, तो वो भी कवर नहीं होता। इसके अलावा प्रदूषण या गंदगी से हुआ नुकसान, शॉर्ट सर्किट, बिजली का खुद-ब-खुद गर्म होना (self-heating), या बिजली का कहीं से भी लीक होना, चाहे वो बिजली गिरने से ही क्यों न हो, ऐसे किसी भी नुकसान को बीमा में शामिल नहीं किया जाता।

अगर किसी हादसे की वजह से आपकी आय (कमाई) रुक जाती है, या कोई काम देरी से पूरा होता है, तो उस नुकसान का क्लेम नहीं मिलता। उसी तरह, अगर किसी वजह से आपके घर की मार्केट वैल्यू यानी कीमत कम हो जाती है, तो वो भी बीमा कवर में नहीं आता।

अगर आप बीमा क्लेम करने के लिए कोई कागजी कार्रवाई, रिपोर्ट या खर्चा करते हैं (जैसे वकील की फीस, सर्वेयर की फीस आदि), तो उसका पैसा भी बीमा कंपनी नहीं देती।

दो तरह के होम इंश्योरेंस

होम इंश्योरेंस आमतौर पर 1 साल से लेकर 20 साल तक की अवधि के लिए लिया जा सकता है। यह दो तरह के होते हैं। पहला है स्ट्रक्चर बीमा जिसके तहत घर की इमारत यानी स्ट्रक्चर जैसे दीवारें, छत, खिड़कियां, दरवाजे कवर की जाती हैं। दूसरा है कंटेंट बीमा जिसमें घर के अंदर का सामान जैसे फर्नीचर, टीवी, फ्रिज, अलमारी आदि को कवर किया जाता है। दोनों को एक साथ भी इंश्योरेंस में कवर किया जा सकता है, जिसके लिए आप चाहें तो कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ले सकते हैं जो दोनों को कवर करता है।

कौन लोग ले सकते हैं ये बीमा?

जिनका घर 50 साल से पुराना नहीं है, वो ये बीमा ले सकते हैं। फ्लैट, अपार्टमेंट, रो हाउस या बंगला सभी इस बीमा के दायरे में आते हैं। किराएदार (Tenant) भी घर के अंदर का सामान बीमा करा सकते हैं।

कितना खर्च आता है?

एक बेसिक कॉम्प्रिहेन्सिव होम इंश्योरेंस ₹3,000 – ₹5,000 प्रति वर्ष का होता है। इस प्रीमियम में आपको करीब ₹20 लाख का कवर मिल सकता है। कुछ कंपनियां जैसे HDFC ERGO, ₹10 करोड़ तक की इमारत और ₹25 लाख तक का सामान बीमा कवर करती हैं।

बीमा राशि कैसे तय होती है?

बीमा राशि दो फैक्टर्स के आधार पर निर्धारित की जारी है।

कार्पेट एरिया कितना है?

निर्माण लागत (Construction Cost) कितनी है?

जैसे ही इनका अनुमान लगाया जाता है, उसी के हिसाब से बीमा की राशि तय होती है।

अच्छे बीमा में क्या-क्या होना चाहिए?

पूरा नुकसान होने पर भी घर को फिर से बनवाने लायक बीमा राशि (Sum Insured) होनी चाहिए। स्ट्रक्चर और सामान दोनों का कवर यानी 360 डिग्री सुरक्षा होनी चाहिए। चाहे आग हो, पानी का रिसाव, चोरी या कोई अन्य हादसा सबको कवर करने वाला प्लान चुनें।

आपदा बताकर नहीं आती, और जब आती है तो सिर्फ दीवारें नहीं, सालों की मेहनत भी मिटटी में मिल जाती है। भारत जैसे देश में जहां हर साल कहीं न कहीं बाढ़, भूकंप या तूफान कहर बरपाते हैं, वहां घर को बिना बीमा के छोड़ देना, ठीक वैसा ही है जैसे बारिश के मौसम में छतरी के बिना निकलना।

लोग अक्सर सोचते हैं कि देखा जाएगा, जब होगा तब देखेंगे, लेकिन अफसोस, उस वक्त सिर्फ देखने को ही रह जाता है। इसलिए एक छोटा-सा प्रीमियम देकर होम इंश्योरेंस लें और घर की नींव को मजबूत बनाएं।

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