IND vs NZ: Rishabh Pant के लगातार खराब प्रदर्शन के बाद ऋषभ पंत बनाम संजू सैमसन की बहस शुरू हो गई है।
भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज के दो मैच भले ही बारिश की वजह से धुल गए हों, लेकिन एक मुद्दा अभी भी गर्माया हुआ है। ये मुद्दा है विकेटकीपर ऋषभ पंत को खराब प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में बार-बार जगह देने पर, दरअसल पंत के लगातार खराब प्रदर्शन के बाद ऋषभ पंत बनाम संजू सैमसन की बहस शुरू हो गई है।
ऋषभ पंत का खराब फॉर्म जारी
टीम प्रबंधन ने फॉर्म में चल रहे सैमसन के ऊपर अनुभवी पंत को लगातार जगह दी है, लेकिन वे पिछले 6 मैचों में 10, 15, 11, 6, 6 और 3 रन बनाकर आउट हो गए हैं, जबकि सैमसन ने 11 मैचों में 66 के औसत के साथ 300 से अधिक रन बनाकर अपने एकदिवसीय करियर की शानदार शुरुआत की है।
सैमसन ने पूरे दौरे में केवल एक ही मैच खेला। ऑकलैंड में खेले गए पहले वनडे में उन्होंने नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए 38 गेंदों में चार चौके लगाकर 36 रन बनाए। अगले मैच में उन्हें दीपक हुड्डा की जगह बाहर कर दिया गया, जबकि पंत को फिर भी जगह दी गई। बार-बार उठ रहे सवालों पर टीम इंडिया के स्टैंड-इन कप्तान शिखर धवन ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने प्लेइंग इलेवन में ऋषभ पंत को चुनने की वजह भी बताई।
जिस प्लेयर ने 100 बनाया है उसे बैक किया जाता है
धवन ने कहा- मुश्किल कुछ खास नहीं है। जैसे ऋषभ है…उसने इंग्लैंड में वन-डे खेला है। वहां पर उसका 100 था तो उसके बाद बेशक जिस प्लेयर ने 100 बनाया है उसे बैक किया जाता है। हर एक चीज बड़ी पिक्चर देख कर की जाती है। अगर कोई मैच विनर खिलाड़ी है तो उसे बैक करना है। सभी चीजों को एनालाइज करके ही फैसला लेते हैं।
धवन ने आगे कहा- निसंदेह संजू सैमसन बड़ा अच्छा कर रहा है। वो अपनी जगह है। उसे जितने मौके मिले हैं, उसने अच्छा किया है, लेकिन कभी-कभी अच्छा करने के बावजूद थोड़ा इंतजार करना पड़ता है क्योंकि पहले प्लेयर ने काफी अच्छा किया होता है। पंत की जो स्किल है हमें पता है कि वह मैच विनर है। उसको उस वक्त कुशनिंग की जरूरत है जब वो अच्छा नहीं करता, तो वो कुशनिंग प्लेयर को दी जाती है।
कप्तान केन विलियमसन ने दिया बयान
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने भी पंत बनाम सैमसन की बहस में भाग लिया और खुद को भारतीय कप्तान के स्थान पर रखते हुए बताया कि कैसे कठिन निर्णय लेना एक लीडर होने के सबसे चुनौतीपूर्ण पहलुओं में से एक है।
उन्होंने कहा- “भारतीय टीम बहुत प्रतिभाशाली है इसलिए मुझे लगता है कि चुनौतियों में से एक यह है कि आप कुछ शानदार खिलाड़ियों के बीच विभिन्न विकल्पों का वजन कैसे कर रहे हैं। कभी-कभी यह जानना कठिन होता है लेकिन आप जानते हैं कि आप उस टीम में जिसे भी चुनते हैं, वे अच्छा करने जा रहे हैं।” सुपर टैलेंटेड बनें जैसा कि हम जानते हैं और जैसा मैंने भारत में पहली बार खेलते हुए देखा है। यहां यह एक चुनौती है और उन यह चीजों में से एक है। एक लीडर के रूप में आप कुछ निर्णय लेने का हिस्सा हैं।
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