Cross Cheque Payment Rule: बैंकिंग (Banking) तो लगभग हर कोई करता है, लेकिन चेक का इस्तेमाल कम ही लोग करते हैं. उसमें भी ऐसे बहुत सारे लोग होते हैं, जो कभी-कभी चेक का इस्तेमाल करते हैं. अधिकतर लोगों को तो अलग-अलग तरह के चेक के बारे में पता ही नहीं है. कई तरह के चेक में से एक चेक होता है क्रॉस चेक (Cross Cheque), जिसके तहत चेक में बाईं साइड ऊपर कोने पर दो समानांतर लाइनें खींची जाती हैं. गिने-चुने लोग ही जानते हैं कि ये लाइनें कब और क्यों खीची जाती हैं. आइए जानते हैं नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के अनुसार क्रॉस चेक यानी कोने पर 2 लाइनें खींचने वाले चेक की हर बारीकी.
इससे कैश नहीं निकाल सकता कोई
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के सेक्शन 123 के अनुसार, चेक के बाईं ओर कोने पर खींची गईं दो लाइनों के जरिए चेक जारी करने वाला शख्स बैंक को ये बताता है कि यह क्रॉस चेक है. इस चेक की खास बात ये होती है कि इससे आप किसी बैंक जाकर कैश नहीं निकाल सकते हैं.
सिर्फ अकाउंट में होता है भुगतान
किसी चेक को क्रॉस कर दिए जाने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि उससे भुगतान सिर्फ बैंक खाते में ही होगा. यह भुगतान उस व्यक्ति को हो सकता है, जिसका नाम चेक पर लिखा है. या फिर वह शख्स चेक को किसी को एंडोर्स भी कर सकता है, जिसके लिए उसे चेक के पीछे साइन करना जरूरी हो जाता है.
जनरल क्रॉसिंग
क्रॉस चेक भी कई तरह के होते हैं. पहला है जनरल क्रॉसिंग, जिसमें चेक के किनारे पर दो लाइनें खींच दी जाती हैं. अभी तक हमने क्रॉस चेक के बारे में जो भी बातें कीं, वह जनरल क्रॉसिंग के तहत ही आती हैं.
स्पेशल क्रॉसिंग?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के सेक्शन 124 के अनुसार, स्पेशल क्रॉसिंग तब की जाती है, जब चेक जारी करने वाला चाहता है कि जिस शख्स को पैसे देने हैं, वह उसके किसी खास बैंक के अकाउंट में ही जाएं. मान लीजिए कि जिसे पैसे देने हैं, उसके कई बैंकों में अकाउंट हैं. ऐसे में चेक जारी करने वाला शख्स चेक पर नीचे की तरफ खाली जगह में दो समानांतर लाइनें खींचकर बैंक का नाम लिख सकता है. ऐसी हालत में उस चेक के जरिए सिर्फ उसी बैंक के खाते में पैसे डाले जा सकेंगे, जिसका नाम चेक पर लिखा होगा.
अकाउंट पेयी क्रॉसिंग
अगर चेक में क्रॉसिंग लाइन्स के बीच अकाउंट पेयी (A/C Payee) लिख दिया जाता है तो इसका मतलब है कि उससे सिर्फ वही शख्स पैसा अपने अकाउंट में ले सकता है, जिसका नाम चेक पर लिखा है. वह किसी भी बैंक खाते में चेक लगाकर पैसे निकाल सकता है. हालांकि, अगर स्पेशल क्रॉसिंग करते हुए किसी बैंक का नाम लिख दिया है तो फिर सिर्फ उसी बैंक में पैसा जाएगा. इस चेक की सबसे खास बात ये होती है कि इसे किसी को एंडोर्स नहीं किया जा सकता. इसका पैसा सिर्फ उसी शख्स के खाते में जाएगा, जिसका नाम चेक पर लिखा है. बता दें कि इसके बारे में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 में कोई जिक्र नहीं है, लेकिन तमाम बैंक इस प्रैक्टिस को फॉलो करते हैं. एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट पर भी इसका जिक्र है.
क्यों जारी किए जाते हैं क्रॉस चेक?
क्रॉस चेक जारी करने का मकसद सिर्फ इतना होता है कि चेक की रकम उसे ही मिले, जिसे चेक जारी करने वाला देना चाहता है. ऐसे में अगर चेक किसी गलत हाथ में भी पड़ गया, तो भी वह उससे पैसे नहीं निकाल पाएगा. यानी चेक को क्रॉस करने से उसकी सुरक्षा बढ़ जाती है.
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