1 अप्रैल, 2025 से महाराष्ट्र में गाड़ियों की सिक्योरिटी से जुड़ा नियम बदलने वाला है। दरअसल, 1 अप्रैल, 2019 से पहले रजिस्टर्ड सभी व्हीकल को 31 मार्च, 2025 से पहले HSRP (हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट) लगवाना अनिवार्य होगा। 1 अप्रैल, 2025 से महाराष्ट्र में गाड़ियों की सिक्योरिटी से जुड़ा नियम बदलने वाला है।
दरअसल, 1 अप्रैल, 2019 से पहले रजिस्टर्ड सभी व्हीकल को 31 मार्च, 2025 से पहले HSRP (हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट) लगवाना अनिवार्य होगा। इस फैसले से राज्य में 20 मिलियन (2 करोड़) से ज्यादा व्हीकल प्रभावित हो सकते हैं। राज्य परिवहन विभाग ने कहा कि व्हीकल ओनर्स को अपनी पुरानी नंबर प्लेट को नई छेड़छाड़-रोधी HSRP यूनिट से बदलने का खर्च उठाना होगा।
राज्य परिवहन विभाग ने बताया कि जो व्हीकल ओनर समय-सीमा के अंदर अपनी गाड़ी में हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा पाते हैं, उन्हें मोटर वाहन अधिनियम के तहत दंड का सामना करना पड़ेगा। मोटर व्हीकल विभाग HSRP प्लेट ना होने पर व्हीकल रजिस्ट्रेशन और पता बदलवाने जैसी सेवाएं नहीं देगा। बता दें कि HSRP नहीं होने पर कई 10000 रुपए तक का चालान भी किया जा सकता है।
HSRP की कीमतें
अपनी प्लेट बदलवाने के लिए व्हीकल ओनर को सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसियों द्वारा प्रबंधित पोर्टल के माध्यम से अपनी इंस्टॉलेशन अपॉइंटमेंट ऑनलाइन बुक करनी होगी। वॉक-इन की अनुमति नहीं है। अपॉइंटमेंट की पहली तारीख के बाद 90 दिनों के अंदर इंस्टॉलेशन अपॉइंटमेंट को फिर से शेड्यूल किया जा सकता है। सरकार के अनुसार, HSRP के उपयोग से वाहनों की सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी, खासकर जब चोरी हुए वाहनों को ट्रैक करने की बात आती है।
व्हीकल ओनर्स अपने संबंधित RTO कार्यालयों से आधिकारिक दरों पर नई HSRP प्राप्त कर सकते हैं, जो पैसेंजर व्हीकल के लिए 745 रुपए, थ्री-व्हीलर के लिए 500 रुपए, टू-व्हीलर और ट्रैक्टरों के लिए 450 रुपए निर्धारित की गई है। राज्य विभाग ने RTO स्थान के आधार पर HSRP प्रदान करने के लिए तीन एजेंसियों को नियुक्त किया है। एजेंसी इन प्लेटों को लगाने से पहले आधिकारिक VAHAN पोर्टल पर वाहन के विवरण को सत्यापित करेगी।
HSRP क्या होती है, ये क्यों जरूरी?
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) किसी भी व्हीकल के लिए कितनी जरूरी है, इसे लेकर रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज (Rosmerta Technologies) के स्पोक्सपर्सन महेश मल्होत्रा ने काफी डिटेल से जानकारी शेयर की। उन्होंने बताया कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल 50 के मुताबिक, किसी भी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन प्लेट की मोटाई, साइज और फॉन्ट को लेकर नियम बना हुआ है। लोग अपनी गाड़ी में HSR प्लेट लगवा रहे हैं। वहीं, कई लोग इनकी जगह दूसरी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवा लेते हैं।
नियम के हिसाब से रजिस्ट्रेशन प्लेट की थिकेनस 1mm होनी चाहिए। वहीं, गाड़ी के हिसाब से इसका साइज 280×45, 200×100, 340×200 और 500×120 होना चाहिए हैं। इन साइज की HSR प्लेट का इस्तेमाल टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और फोर-व्हीलर पर किया जाता है। गाड़ी की आगे और पीछे की प्लेट का साइज अलग हो सकता है। पर्सनल और कमर्शियल व्हीकल के हिसाब से प्लेट का कलर भी चेंज हो जाता है।
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) पर जिन कलर्स और फॉन्ट का इस्तेमाल किया जाता है वो रिफ्लेक्टिव कलर्स होते हैं। इन कलर्स को एक खास तरह की एल्युमिनियम प्लेट पर लगाए जाते हैं। इन कलर्स की खास बात ये है कि जब इनके ऊपर लाइट पड़ती है तब ये शाइन करते हैं। साथ ही, CCTV कैमरा में भी ये आसानी से कैप्चर होती हैं। ये कलर्स व्हाइट, यलो और ग्रीन होते हैं। इन प्लेट के नंबर्स को प्रेस किया जाता है, जो हमेशा के लिए उभर जाते हैं।
इन नंबर्स के ऊपर एक खास तरह की लेयर लगाई जाती है। जिसके ऊपर INDIA लिखा होता है। यदि किसी रजिस्ट्रेशन प्लेट पर यूनिट लेजर नंबर भी लिखा है तब ये यूनिवर्स होता है। यानी एक प्लेट पर इस नंबर का इस्तेमाल एक बार ही होता है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि एक ही व्हीकल आगे और पीछे रजिस्ट्रेशन प्लेट पर यूनिट लेजर नंबर अलग होता है। इन प्लेट पर ब्लू रंग में अशोक चक्र का हॉट-स्टैंप्ड क्रोमियम-बेस्ड 20mm X 20mm होलोग्राम भी होता है।
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