Home Sports चैंपियंस ट्रॉफी पर टिका गुरु गंभीर’ के इंडियन कोच का करियर

चैंपियंस ट्रॉफी पर टिका गुरु गंभीर’ के इंडियन कोच का करियर

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Team India Head Coach Gautam Gambhir: भारतीय ड्रेसिंग रूम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और यह अब कोई रहस्य नहीं है. 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की हार ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं और मुख्य कोच गौतम गंभीर को इसका अहसास हो रहा है. टेस्ट मैचों में खराब नतीजों के बाद मुख्य कोच की आलोचना हो रही है, जिसमें भारत को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो सीरीज हार का सामना करना पड़ा.

चैंपियंस ट्रॉफी पर टिका गुरु गंभीर’ के इंडियन कोच का करियर

यह पहली बार है जब भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में जगह नहीं बना पाया है. हाल ही में BCCI के शीर्ष अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया में भारत के खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए गंभीर, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा से मुलाकात की. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया में हार की समीक्षा की गई.

ड्रेसिंग रूम में टेंशन

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में अब दावा किया गया है कि 19 फरवरी से शुरू होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के बाद गंभीर के भविष्य का मूल्यांकन किया जाएगा. ड्रेसिंग रूम के अंदर “सुपरस्टार कल्चर” को खत्म करने के गंभीर के प्रयास को लेकर भी चिंता बढ़ रही हैं. जब से गंभीर ने टीम की कमान संभाली है, भारत ने श्रीलंका में 10 में से छह टेस्ट और एक वनडे सीरीज गंवा दी है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की हार ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि दोनों बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. रोहित ने 3 टेस्ट में सिर्फ 31 रन बनाए, जबकि विराट ने 9 पारियों में 190 रन बनाए.

ट्रॉफी के बाद हो सकती है कार्रवाई

पीटीआई ने बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से कहा, “अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो मुख्य कोच का पद अस्थिर हो सकता है. हां, उनका अनुबंध 2027 विश्व कप तक है, लेकिन मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है. खेल में परिणाम सर्वोच्च है और अब तक गंभीर ने कोई ठोस परिणाम नहीं दिया है.”

कल्चर खत्म करना चाहते हैं गंभीर

यह बात सामने आई है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान होटल और अभ्यास के समय के बारे में कुछ स्टार खिलाड़ियों की विशेष मांगों से गंभीर खुश नहीं थे. पीटीआई ने गंभीर के कामकाज को करीब से देखने वाले एक सूत्र के हवाले से कहा, ”गंभीर सुपरस्टार कल्चर को खत्म करना चाहते हैं जो इतने सालों से चली आ रही है. 2012 में कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान के रूप में उन्होंने सीएसके के खिलाफ आईपीएल फाइनल के लिए ब्रेंडन मैकुलम को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था. वह सुपरस्टार कल्चर को खत्म करने के लिए यहां आए हैं और यही बात कुछ खिलाड़ियों के लिए परेशानी का कारण बनी है.”

20 फरवरी को भारत का पहला मैच

पूरी संभावना है कि गंभीर का कार्यकाल इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में कैसा प्रदर्शन करता है. भारत को पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के साथ ग्रुप में रखा गया है. भारत अपना अभियान 20 फरवरी को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ शुरू करेगा.

चैपल की तरह हैं गंभीर?

दूसरी ओर सीनियर खिलाड़ियों को लगता है कि उनकी ओर से संवाद का अभाव है. इन सबके बीच राष्ट्रीय चयन समिति का भी नजरिया है जो नहीं चाहती कि चयन मामलों में कोच ज्यादा राय रखें. एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा कि गंभीर में पूर्व कोच ग्रेग चैपल की झलक मिलती है. पूर्व चयनकर्ता ने कहा, ”या तो आप रवि शास्त्री की तरह मीडिया के दोस्त बनकर रहिए और खिलाड़ियों को ‘अल्फा मेल’ की छवि देने वाले बयान देते रहिए. या राहुल द्रविड़, गैरी कर्स्टन या जॉन राइट की तरह चुपचाप अपना काम करके खिलाड़ियों को सुर्खियों में रहने दीजिए. भारत में चैपल का तरीका नहीं चलेगा.” चैपल के कोचिंग के तरीकों को लेकर सीनियर खिलाड़ियों में काफी असंतोष रहा था.

गंभीर पर उठ रहे सवाल

बीसीसीआई के आला अधिकारी इस बात से भी खफा है कि गंभीर का निजी सहायक आस्ट्रेलिया में हर जगह टीम के साथ साए की तरह रहा. उन्होंने कहा ,‘‘उसका पीए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की कार में क्या कर रहा था . एक अज्ञात व्यक्ति की मौजूदगी में तो वे बात भी नहीं कर सकते थे. उसे एडीलेड में बीसीसीआई के हॉस्पिटेलिटी बॉक्स में जगह कैसे मिली. वह पांच सितारा होटल के इस परिसर में नाश्ता कैसे कर रहा था जो टीम के सदस्यों के लिये आरक्षित था.”

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