Wednesday, April 24, 2024
HomeTec/AutoHealth Insurance: हेल्‍थ इंश्योरेंस भूलकर भी न लें, वरना अस्‍पताल वाले पकड़ा...

Health Insurance: हेल्‍थ इंश्योरेंस भूलकर भी न लें, वरना अस्‍पताल वाले पकड़ा देंगे लाखों का बिल! जानिए क्या है इसके पीछे का राज

Health Insurance: वैसे तो हेल्थ इंश्योरेंस हमें अस्पताल में अचानक आए ज्यादा बिल के खर्चों की टेंशन से दूर रखते हैं, लेकिन कई बार ये टेंशन भी दे देते हैं. इसकी वजह पॉलिसी का ठीक न होना है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी ही पॉलिसी के बारे में जो आपकी जेब ढीली कर सकती हैं. अगर आप बचना चाहते है तो इस इनफार्मेशन को ध्यान से पड़े नहीं आपको भारी नुकशान चुकाना पड़ सकता है

Read Also: Amazon पर बम्फर डिस्काउंट! Nokia का 3 दिन तक चलने वाला Smartphone सिर्फ पायें 849 रुपये में, Check here full details

Health insurance Plan: आप जब भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो इस बात की उम्मीद करते हैं कि क्लेम आने पर कंपनी सभी बिलों का भुगतान कर देगी. इनमें अस्पताल के बिल से लेकर दूसरे सभी खर्चे शामिल होते हैं, जो पॉलिसी में कवर किए जाते हैं. लेकिन कुछ पॉलिसी ऐसी होती हैं जो आपको पूरा क्लेम नहीं देती. भले ही आपका क्लेम लिमिट के अंदर ही क्यों न हो. ऐसा ही एक कारण है हेल्थ इंश्योरेंस में को-पे, जो कि आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. जानें कैसे….

को-पे पॉलिसी भूल कर भी न खरीदें

जब आप बीमा कराते हैं, उस समय एजेंट या कंपनी जोर दे सकती है कि आप ‘को-पेमेंट’ वाली पॉलिसी लें. कई बार कंपनियां इस को-पे को जब लागू करती हैं, जब आप उनके नेटवर्क वाले अस्‍पतालों में इलाज नहीं कराते. इसलिए इलाज के पहले आपको बीमा कंपनी से बात कर लेनी चाहिए. कई बार बीमा कंपनी आपको आपातकालीन स्थितियों में ‘को-पे’ शर्त से छूट भी दे सकती है.

Read Also: Team India: केवल भारत ही नहीं, क्रिकेट की दुनिया में फहराया अपना परचम! T20 इंटरनेशनल में ऐसा करने वाला बना पहला देश

अस्‍पताल थमा देंगे लाखों का बिल!

टियर-2 सिटी में रहने वालों को हेल्‍थ इंश्योरेंस लेते समय ज्‍यादा सतर्क रहना चाहिए. क्‍योंकि जब वे टियर-1 शहरों में इलाज के लिए जाएंगे तो कंपनियां उन पर ‘को-पे’ लागू कर देती हैं. इसलिए पॉलिसी लेते समय आपको अलर्ट रहना चाहिए. कभी-कभी, जब आप कॉरपोरेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाएंगे तो कंपनियां आपसे ‘को-पेमेंट’ मांगती हैं. इसमें कमरे का किराया और आईसीयू चार्ज भी वसूला जाता है. कुछ अस्पतालों में कमरे का किराया 8,000 रुपये प्रतिदिन से भी ज्‍यादा होता है. आपको बता दें कि कुछ बीमा पॉलिसियां ​​कमरे के किराए पर एक सीमा लगाती हैं. ऐसी परिस्थितियों में इंश्योरेंस कंपनी अस्‍पताल को पूरा पेमेंट नहीं करती, फिर बकाया राशि का भुगतान आपको ही करना होता है. इसलिए बीमा खरीदते समय इस बात का जरूर ध्‍यान रखें. ऐसा कई बार लोगों के साथ हो चुका है, बीमा कंपनी क्‍लैम की पूरी राशि नहीं देती, फिर बाद में पता चलता है कि लाखों का बिल भरना पड़ेगा.

Read Also: Vivo V25 Pro 5G पर 18,900 का छप्परफाड़ Discount के साथ, यहाँ से खरीदें, ये रही फुल डिटेल्स

को-पे का विकल्‍प संभल कर लें

आपको यह ध्यान रखना होगा कि अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो बीमा कंपनियां ऐसे में ‘को-पे’ लागू कर सकती हैं. अगर आप पॉलिसी लेने के बाद कुछ समय का वेट करते हैं, तो कंपनी इस शर्त को वापस ले सकती है. इसलिए आपको शुरुआत में ही सतर्क रहना होगा कि पॉलिसी के पहले दिन से कुल क्लेम की जरूरत है या नहीं. आपको यह पता कर लेना चाहिए कि क्या पूरा दावा करने के लिए कुछ समय का इंतजार कर सकते हैं. कम आयु वाले लोग प्रीमियम पर बोझ कम करने के लिए ‘को-पे’ का विकल्प चुन लेते हैं. लेकिन आपको बता दें कि यह बेहतर होगा कि जो लोग बीमारियों से पीड़ित हैं और जो 45 साल से ज्‍यादा उम्र के हैं, उन्‍हें को-पे को नहीं चुनना चाहिए.

Read Also: 31 अगस्त को ही लॉन्च हो गया Samsung का ये स्मार्टफोन, दमदार फीचर्स के साथ बहुत ही कम बजट में

Vinod Maurya
Vinod Maurya
Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @informalnewz@gmail.com
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments