Breast Cancer Risk Factors: मशहूर टीवी एक्ट्रेस हिना खान ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए फैंस को बताया कि वे कैंसर की तीसरे स्टेज में हैं और उनका इलाज चल रहा है. यह खबर आने के बाद लोग ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है, लेकिन इसकी चपेट में पुरुष भी आ सकते हैं. हर साल लाखों की संख्या में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की वजह से मौत का शिकार हो जाती हैं. डॉक्टर्स की मानें तो उम्र बढ़ने के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ने लगता है.
नई दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट में गायनेकोलॉजी ओन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सारिका गुप्ता ने News18 को बताया कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है. जब महिलाओं के ब्रेस्ट में सेल्स अबनॉर्मल तरीके से फैलने लगती हैं, तब कैंसर पैदा हो जाता है. अगर ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में लग जाए, तो इलाज के जरिए मरीज की जान बचाने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज और एग्रेसिवनेस के आधार पर यह पता चलता है कि कैंसर कितना घातक हो सकता है. हर मरीज की कंडीशन के अनुसार इलाज किया जाता है.
किस उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा?
डॉक्टर के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है, लेकिन यह पुरुषों में भी हो सकता है. अधिकतर मामलों में पुरुष जेनेटिक कारणों की वजह से ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आते हैं. पुरुषों में पाया जाने वाला एक जीन इस कैंसर की वजह बन सकता है. देश में 40 से 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इस जानलेवा बीमारी की कई वजह हो सकती हैं, जिनमें हार्मोन रिप्लेसमेंट या अन्य हार्मोन थेरेपी भी शामिल है. महिलाओं को समय-समय पर कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए, ताकि इस जानलेवा बीमारी से बचने में मदद मिल सके.
क्या हो सकती हैं ब्रेस्ट कैंसर की वजह?
अब सवाल है कि ब्रेस्ट कैंसर किन वजहों से हो सकता है? डॉक्टर सारिका गुप्ता ने बताया कि लगभग 15 फीसदी मामलों में ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक कारणों और फैमिली हिस्ट्री की वजह से होता है. ब्रेस्ट या चेस्ट में रेडिएशन के कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. जल्दी पीरियड्स शुरू होने वाली गर्ल्स और जिन महिलाओं का मेनोपॉज 53 या 54 साल की उम्र पर होता है, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है. जो महिलाएं शादी नहीं करतीं या जिन महिलाओं के बच्चे ज्यादा उम्र में होते हैं, उन्हें भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है. इसके अलावा मोटापा और शराब से भी इसका रिस्क बढ़ सकता है.
कैसे लगाएं ब्रेस्ट कैंसर का पता?
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो ब्रेस्ट के साइज में कोई चेंज हो या किसी तरह की गांठ महसूस हो, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है. ब्रेस्ट की निपल से खून या पानी निकलना भी इस बीमारी का संकेत हो सकता है. ब्रेस्ट के अलावा आर्मपिट में गांठ होने पर भी जांच करानी चाहिए. महिलाएं खुद अपने ब्रेस्ट को एग्जामिन करके इन परेशानियों का पता लगा सकती हैं. अगर ब्रेस्ट में कोई गड्ढा, गांठ या बदलाव नजर आए, तो डॉक्टर से संपर्क कर जांच कराएं. 40 की उम्र के बाद महिलाओं को हर साल ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए. अल्ट्रासाउंड और मेमोग्राफी से भी इसका पता लगाया जा सकता है.
क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज?
डॉ. सारिका का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज मरीज की कंडीशन और कैंसर की स्टेज के आधार पर किया जाता है. कई बार सर्जरी के जरिए कैंसर सेल्स को रिमूव कर दिया जाता है, तो कई मरीजों में इसके लिए कीमोथेरेपी का सहारा लेना पड़ता है. अगर किसी को शुरुआती स्टेज में इलाज मिल जाए, तो कैंसर ठीक होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. आखिरी स्टेज में भी इलाज के जरिए राहत मिल सकती है, लेकिन इसमें जान जाने का रिस्क होता है.
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