iPhone 16 लाइनअप को ग्लोबल मार्केट में 20 सितंबर को लॉन्च किया गया था लेकिन इंडोनेशिया में नए ऐपल प्रोडक्ट्स की बिक्री नहीं शुरू की गई। यूजर्स iPhone 16 से लेकर Apple Watch Series 10 तक, कोई नए प्रोडक्ट्स इंडोनेशिया में नहीं खरीद सकते और उन्हें बाहरी देशों से खरीदकर इंडोनेशिया ले जाने की अनुमति भी नहीं है।
दुनिया के यूजर्स को लेटेस्ट iPhone मॉडल्स लॉन्च होने का इंतजार रहता है।
ऐपल के प्रोडक्ट्स ग्लोबल मार्केट में धूम मचाते हैं और सारी दुनिया के यूजर्स को लेटेस्ट iPhone मॉडल्स लॉन्च होने का इंतजार रहता है। बीते दिनों ऐपल ने iPhone 16 लाइनअप लॉन्च किया है लेकिन अब इंडोनेशिया ने Apple iPhone 16 पर बैन लगा दिया है। इंडोनेशिया में इस डिवाइस की बिक्री और इस्तेमाल दोनों पर रोक लगा दी गई है। वहां के इंडस्ट्री मिनिस्टर Agus Gumiwang Kartasasmita ने साफ चेतावनी दी है कि देश में iPhone 16 से जुड़ा कोई भी ऑपरेशन अवैध है और ग्राहकों को इसे नहीं खरीदना चाहिए।
इंडोनेशिया में कहीं भी कोई iPhone 16 इस्तेमाल
इंडोनेशिया के इंडस्ट्री मिनिस्टर ने कहा है कि अगर इंडोनेशिया में कहीं भी कोई iPhone 16 इस्तेमाल हो रहा है, तो इसका मतलब है कि वह डिवाइस अवैध है और इसे फौरन रिपोर्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि डिवाइस के लिए कोई भी इंटरनेशनल मोबाइल एक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) सर्टिफिकेशन नहीं मिला है और ग्राहकों को विदेश से iPhone 16 खरीदकर इंडोनेशिया में इस्तेमाल करने की छूट बिल्कुल नहीं है।
इस वजह से iPhone 16 पर लगाया गया बैन
अगर आप इस बैन की वजह समझना चाहते हैं तो बता दें कि ऐपल ने इंडोनोशिया में बड़े निवेश का वादा किया था लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया है। ऐपल ने 1.71 ट्रिलियन रुपिया (इंडोनेशियन मुद्रा) के निवेश का वादा किया था लेकिन फिलहाल 1.48 ट्रिलियन रुपिया का निवेश किया गया है। ऐसे में निवेश की राशि 230 अरब रुपिया (भारतीय मुद्रा में करीब 124 करोड़ रुपये) कम है। ऐपल की ओर से वादा पूरा ना करने की स्थिति में इंडोनेशिया ने यह बैन लगाने की घोषणा की है।
महीने की शुरुआत में मिनिस्टर ने घोषणा की थी कि इंडोनेशिया में iPhone 16 की बिक्री इसलिए नहीं शुरू की जा सकती क्योंकि अब तक TKDN सर्टिफिकेशन का एक्सटेंशन अब तक पेंडिंग है और ऐपल के फ्यूचर इन्वेस्टमेंट का इंतजार किया जा रहा है। आपको बता दें, इंडोनेशिया का TKDN (डोमेस्टिक कंपोनेंट लेवल) सर्टिफिकेशन के लिए कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स वहां बेचने के लिए 40 प्रतिशत लोकल कंटेंट वैल्यू होनी जरूरी है।
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