फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. करीब 1.2 अरब यूजर्स का निजी डेटा लीक हो गया है, जिसमें मोबाइल नंबर, नाम, पता, जन्मतिथि, शहर और देश की जानकारी शामिल है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह डेटा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है और इसका जिम्मेदार एक साइबर हैकर बताया जा रहा है जिसने खुद को ByteBreaker कहा है.
ByteBreaker का दावा है कि उसने फेसबुक के एक फीचर में खामी का फायदा उठाकर ये जानकारी जुटाई है. हालांकि, कुछ साइबर एक्सपर्ट्स का मानना है कि हो सकता है कि उसके पास इतना बड़ा डेटा न हो.
दूसरी ओर, Meta (फेसबुक की पेरेंट कंपनी) ने इस पर सफाई दी है कि यह कोई नया डेटा ब्रीच नहीं है बल्कि 2021 में हुए एक पुराने डेटा लीक से जुड़ी जानकारी है जिसमें करीब 50 करोड़ यूजर्स प्रभावित हुए थे.
इस घटना में जिस तकनीक का ज़िक्र हो रहा है उसे वेब स्क्रैपिंग कहा जाता है. यह एक ऑटोमेटेड प्रक्रिया होती है जिसमें बोट्स की मदद से किसी वेबसाइट से बड़ी मात्रा में जानकारी निकाली जाती है. आसान भाषा में कहें तो ये एक तरह से कॉपी-पेस्ट करने जैसा होता है, लेकिन मशीनों के ज़रिए. रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा से किसी भी यूजर की पहचान आसानी से उजागर की जा सकती है.
यह स्पष्ट नहीं है कि लीक हुआ डेटा किन-किन देशों के यूजर्स से जुड़ा है लेकिन भारत जैसे बड़े फेसबुक यूज़र बेस वाले देश इससे अछूते नहीं हो सकते. साइबर विशेषज्ञों का सुझाव है कि तुरंत अपना फेसबुक पासवर्ड बदलें. यदि फेसबुक अकाउंट से बैंक डिटेल्स जुड़ी हैं, तो फ्रॉड अलर्ट ऑन करें. अपने बैंक अकाउंट के पासवर्ड भी बदल दें.
मेटा ने कहा है कि जिस डेटा की बात की जा रही है, वह पहले ही 2021 में लीक हो चुका था और अब कोई नया रिसाव नहीं हुआ है. लेकिन अगर ByteBreaker की बात सही निकलती है तो यह सोशल मीडिया इतिहास की सबसे बड़ी डेटा चोरी साबित हो सकती है.
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