Breast Cancer: आज हम जानेंगे कि क्या ठीक होने के बाद भी दुबारा अटैक कर सकता है ब्रेस्ट कैंसर, होने वाले लक्षण और बचाव के बारे में जानेंगे आपको बता दें ब्रेस्ट कैंसर ठीक होने के बाद भी पहले हुई जगह के अलावा यह शरीर में कहीं और भी दुबारा लौट सकता है और यही इसके पहचान को बेहद मुश्किल बना देता है। इसलिए जरूरी है कि कैंसर के सफल इलाज़ के बाद भी मरीज़ लगातार अपने शरीर पर नज़र रखें
कैंसर से होने वाली मौतों में स्तन कैंसर सबसे बड़े कारणों में से एक है। आकाश हॉस्पिटल के डाइरेक्टर और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉक्टर अरुण कुमार गिरी बता रहे हैं कि ब्रेस्ट कैंसर ठीक होने के बाद भी वापस लौट सकता है। डॉक्टर अरुण कुमार कहते हैं, ”आम समझ के उलट स्तन कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों को होता है। बढ़ती जागरूकता के साथ समय रहते स्तन कैंसर की पहचान कर पाना संभव हो सका है और अब इससे होनी वाली मौतों में भी बेहद कमी आई है। पर जो चीज़ इसे सबसे खतरनाक बनाती है वह है इलाज़ और पूरे खात्मे के बाद भी कैंसर का दुबारा शरीर में लौटना।”
वो आगे कहते हैं, ”पहले हुई जगह के अलावा यह शरीर में कहीं और भी दुबारा लौट सकता है और यही इसके पहचान को बेहद मुश्किल बना देता है। इसलिए जरूरी है कि कैंसर के सफल इलाज़ के बाद भी मरीज़ लगातार अपने शरीर पर नज़र रखें और किसी भी बदलाव के प्रति सजग रहें।
जानिए क्या ठीक होने के बाद भी हो सकता है स्तन कैंसर(Know whether breast cancer can happen even after recovery)
सबसे आम किस्म है कैंसर का स्तन में ही दुबारा लौटना- इलाज़ के दौरान स्तन के प्रभावित हिस्से को काटकर अलग कर दिया जाता है और अक्सर बाद में बाकी बचे हिस्से में कैंसर दुबारा दस्तक देता है। इसलिए स्तनों में उभार (लंप), स्तन की त्वचा में बदलाव या लाल धब्बों के आने पर सावधान हो जाना चाहिए।
स्तन कैंसर के लौटने का दूसरा किस्म है स्तनों के आस-पास जैसे कि गर्दन या बगलों में इसका पनपना। गर्दन, कॉलरबोन और बगलों में बदलावों पर लगातार नज़र बनाई रखनी चाहिए।
तीसरा किस्म है शरीर के किसी अन्य हिस्से में कैंसर का पनपना। पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद अचानक वज़न कम होना, बलग़म का बढ़ना, भूख न लगना आदि लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
एक बार पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद भी स्तन कैंसर के खिलाफ़ ज़ंग खत्म नहीं हो जाती है। मरीज़ को हमेशा शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव के प्रति सजग रहना चाहिए और समय रहते डॉक्टर के पास जाना चाहिए। चाहे पहली बार होने वाला स्तन कैंसर हो या फिर सफल इलाज़ के बाद इसका दुबारा लौटना हो- दोनों ही सूरत में सबसे अहम होता है समय रहते इसकी पहचान और इलाज़ शुरू करना। इसी से कैंसर को न केवल हराया जा सकता है बल्कि स्वस्थ जीवन भी जिया जा सकता है।
जीवनशैली में करें बदलाव(Make lifestyle changes)
इसके साथ ही एक और सवाल उठता है कि कैसे स्तन कैंसर को दुबारा लौटने से रोका जा सकता है। जीवन शैली और खान-पान में संतुलन और अनुशासन के जरिए इसके लौटने की संभावना को कम किया जा सकता है। पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद लोगों को लगता है उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है और वो लापरवाही बरतने लगते हैं। यहीं से खतरा पनपने लगता है। इसलिए सबसे पहली सावधानी मानसिकता की है कि ठीक होने के बाद भी संतुलित और अनुशासित जीवन जीने की जरूरत खत्म नहीं हो जाती है।
जीवन में तनाव या स्ट्रेस कम से कम रखने के लिए नींद और काम के बीच आराम के लिए उचित वक्त रखना चाहिए। इसके साथ ही योग तथा व्यायाम को जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाए रखना चाहिए जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता किसी भी खतरे से लड़ने के लिए तैयार रहे। अधिक तेल और मिर्च-मसाले वाले तथा फ़ास्ट फ़ूड से पूरी तरह बचना चाहिए। साथ ही मीट-मछली आदि को अच्छे तरह से पके होने के बाद भी लेना चाहिए। खाने में फल- हरी सब्जियां तथा संतुलित पोषक आहार को शामिल करना चाहिए। सही वक्त पर शरीर में होने वाले बदलावों की पहचान और उससे भी बढ़कर संतुलित जीवनशैली के जरिये स्तन कैंसर को दुबारा लौटने से बिल्कुल रोका जा सकता है।
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