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Latset News! इस महिला ने हटवा दिये दोनों ब्रेस्ट, वजह जानकर उड़ जायेंगे होश

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Latset News! इस महिला ने हटवा दिये दोनों ब्रेस्ट, वजह जानकर उड़ जायेंगे होश

इस महिला ने हटवा दिये दोनों ब्रेस्ट: भारत समेत पूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के मामले पिछले कुछ समय से तेजी से बढ़ रहे हैं. ये बाकी कैंसर की बीमारियों की तरह ही बहुत ज्यादा भयानक है. ज्यादातर मामलों में महिलाओं को अपने ब्रेस्ट कटवाने पड़ते हैं जो उनके लिए काफी दुखदायी होता है. हालांकि स्टैफनी ऐसा नहीं सोचतीं. वो अपने दोनों ब्रेस्ट कटवाकर दुखी नहीं है बल्कि वो अपनी इस नई जिंदगी से बहुत खुशी हैं और वो दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं.

अमेरिका के फ्लोरिडा में एक महिला ने 28 साल की उम्र में कैंसर ना होने के बावजूद अपने दोनों ब्रेस्ट कटवा दिए. स्टेफनी जर्मिनो नाम की ये महिला 15 वर्ष की उम्र से जानती थी कि उसे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा है. जब वो 27 साल की थीं तो उसमें BRCA1 जीन म्यूटेशन की पुष्टि हुई थी. उनकी 77 साल की नानी टेरेसा और 53 साल की मां गैब्रिएला भी BRCA1 पॉजिटिव थीं.

BRCA1 जीन में म्यूटेशन (एक तरह का परिवर्तन) ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पैदा करता है. सभी महिलाओं में BRCA1 और BRCA2 जीन होते हैं लेकिन जिन महिलाओं के जीन्स में म्यूटेशन होता है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है. जीन में म्यूटेशन कई बार उसे अपना काम ठीक से करने से रोकते हैं.

BRCA1 जीन पॉजिटिव के बाद लिया ये फैसला

  • BRCA1 जीन म्यूटेशन की पुष्टि होने के बाद स्टेफनी ने 27 साल की उम्र में कैंसर को बढ़ने से रोकने के लिए डबल मास्टेक्टॉमी (दोनों ब्रेस्ट कटवाने की प्रक्रिया) कराने का फैसला किया.
  • ब्रेस्ट कटवाना आसान नहीं था लेकिन ये जिंदगी से बढ़कर नहीं था
  • स्टैफनी का एक बेटा है. वो कहती हैं, ”मैं बहुत भावुक थी लेकिन मैंने इसे मौत की सजा के तौर पर नहीं लिया.”

स्टैफनी ने बताया

स्टैफनी ने बताया, ”मुझे पहले से ही पता था कि मेरे परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास रहा है क्योंकि मेरी नानी को यह दो बार हुआ था. जब मैं लगभग 15 साल की थी तो मेरी मां ने मुझे बताया था कि वो BRCA1 जीन पॉजिटिव हैं. इस वजह से मुझ पर और ज्यादा खतरा था. मुझे पता था कि मुझे ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर होने की 87 प्रतिशत संभावना है.”

फ्लैट चेस्ट रखती हैं स्टैफनी

स्टैफनी ने अधिकांश महिलाओं के उलट ब्रेस्ट इंप्लांट करवाने के बजाय फ्लैट चेस्ट रखने का फैसला किया. जबकि सामान्यता महिलाएं सर्जरी के बाद ब्रेस्ट इंप्लांट करवा लेती हैं.

वो कहती हैं, ”वास्तव में ब्रेस्ट इंप्लांट पर काफी विचार करने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं फ्लैट रहना चाहती हूं और मैं इस तरह से अधिक सहज रहूंगी.मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे मेरे स्तनों ने अपने बेटे को अपना दूध पिलाकर पहले ही अपना मकसद पूरा कर लिया है.”

स्टैफनी ने 28 साल की उम्र में परिवार और मंगेतर डायना के सपोर्ट से अपनी सर्जरी कराई और अब वो पहले से कहीं अधिक आत्मविश्वास महसूस करती हैं.

ब्रेस्ट को औरत होने की पहचान नहीं मानतीं स्टैफनी

स्टैफनी ने कहा, ”व्यक्तिगत रूप से मैं वास्तव में अपने स्तनों से प्यार नहीं करती थीं और ना मैंने उन्हें कभी भी औरत होने की पहचान के तौर पर देखा, इसलिए जब मुझसे डॉक्टर ने ऐसा कहा तो मेरे लिए ब्रेस्ट कटवाना बहुत कठिन फैसला नहीं था.”

स्टैफनी ने महिलाओं से आग्रह भी किया है कि वो अपने ब्रेस्ट कटवाने के बाद ब्रेस्ट इंप्लांट का दबाव महसूस न करें.

उन्होंने कहा, ”सिर्फ इसलिए कि समाज का मानना है कि स्तनों से महिलाओं की पहचान होती है, यह सच नहीं है. आपको इम्प्लांट करवाने की जरूरत नहीं है आप इसके बिना भी सकती हैं. ये आपको कमतर महसूस नहीं कराएगा.”

स्टैफनी ‘बूबलेस बेब्स’ के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर हो चुकीं हैं

स्टैफनी ने बताया, ”यहां तक कि डॉक्टर ने भी मुझसे ब्रेस्ट इंप्लांट कराने को कहा लेकिन मैं फ्लैट चेस्ट के साथ बहुत खुश और आत्मविश्वासी महसूस कर रही थी. ये मुझे अनोखा बनाता है और मुझे इससे प्यार है.”

पिछले साल अपने ब्रेस्ट कटवाने के बाद स्टैफनी अपनी इस जर्नी को Instagram और TikTok पर शेयर करती आ रही हैं. @theebooblessbabe के रूप में मशहूर हो चुकीं स्टैफनी BRCA जीन के बारे में जागरूकता भी फैला रही हैं.

उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि लोग मेरी जर्नी से प्रभावित होकर अपने स्वास्थ्य के लिए अपनी जांच कराने के लिए प्रेरित होंगे.

BRCA जीन टेस्टिंग क्या है

डॉक्टर ब्लड टेस्ट के जरिए बीआरसीए जीन म्यूटेशन की जांच करते हैं जिसका बाद में लैब में जेनेटिक एनासिसिस किया जाता है. इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) का कहना है कि अगर किसा की ब्रेस्ट और ओवैरियर कैंसर की फैमिली हिस्ट्री रही है तो उसे BRCA जीन की जांच जरूर करानी चाहिए.

ब्रिटेन में हर साल महिलाओं में स्तन कैंसर के 50,000 से अधिक मामले सामने आते हैं. ब्रिटेन में हर महीने लगभग 1,000 लोग स्तन कैंसर से मरते हैं और हर साल ये बीमारी लगभग 11,500 महिलाओं और 80 पुरुषों की जान लेती है. वहीं, भारत में जागरूकता की कमी की वजह से महिलाओं में भी बढ़ रहे हैं.

ग्लोबोकॉन 2020 की एक रिसर्च के अनुसार, भारत में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर की पुष्टि होती है. यहां हर साल लगभग 1,78,000 नए मामले देखने को मिल रहे हैं. ब्रेस्ट कैंसर भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को पीछे छोड़कर अब सबसे कॉमन कैंसर बन चुका है.Big News! वर्ल्ड कप से पाकिस्तान हो गया बाहर, भारत ने वीजा देने से साफ-साफ कर दिया इनकार, जानिए क्यों

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