Sunil Gavaskar made world records: इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला था लेकिन अपने करियर को ज्यादा लंबा नहीं ले जा सका और एक ही साल में उनका करियर खत्म हो गया.
सुनील गावस्कर को दुनिया को सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में गिना जाता है. उन्होंने अपने बल्ले से कई रिकॉर्ड बनाए और कई तोड़े. एक समय टेस्ट में सबसे ज्यादा रन और शतक लगाने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था जिसे बाद में सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा.
- सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर जब क्रिकेट की दुनिया में अपने पैर जमा रहे थे तब उनसे काफी उम्मीदें लगाई गई थीं.
- लेकिन रोहन वो खिलाड़ी रहे जो अपने पिता के नक्शे कदम पर नहीं चल सके और इंटरनेशनल स्तर पर उनका करियर भुलाने वाला रहा.
- रोहन का आज जन्मदिन है.उनका जन्म आज ही के दिन यानी 20 फरवरी को 1976 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था.
सुनील गावस्कर दाएं हाथ के बल्लेबाज थे तो उनके बेटे रोहन बाएं हाथ के बल्लेबाज थे.रोहन की तकनीक भी उतनी मजबूत नहीं मानी जाती थी जितनी उनके पिता की थी.
रोहन हालांकि घरेलू क्रिकेट में कामयाब रहे थे. और इसी के दम पर उन्हें लंबे इतंजार के बाद टीम इंडिया में मौका मिला था. उनका करियर हालांकि ज्यादा चल नहीं सका
11 मैचों में खत्म हुआ करियर
रोहन को 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया में मौका मिला. ये वही सीरीज थी जिसमें इरफान पठान को डेब्यू करने का मौका मिला था. 18 जनवरी 2004 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें मौका मिला लेकिन वह सिर्फ दो रन बनाकर आउट हो गए.
इस दौरे पर उन्होंने एडिलेड में जिम्बाब्वे के खिलाफ अर्धशतक जमाया था और 54 रनों की पारी खेली थी. ये उनके वनडे करियर का पहला और इकलौता अर्धशतक साबित हुआ.
रोहन अपने पहले मैच में बल्ले से कमाल जरूर नहीं कर पाए थे लेकिन उन्होंने अपनी गेंदबाजी से अहम विकेट लिया था. उन्होंने एंड्रयू साइमंड्स को आउट किया था. इस मैच में भारत ने 19 रनों से जीत हासिल की थी.
इसके बाद वह हालांकि पाकिस्तान दौरे के लिए टीम में नहीं चुने गए. लेकिन 2004-05 सीजन की शुरुआत में उन्हें फिर मौका दिया गया और उन्होंने पांच मैच खेले.लेकिन इन मैचों में भी वह कुछ कमाल नहीं कर पाए.
उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच 19 सितंबर 2004 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला.रोहन ने भारत के लिए कुल 11 वनडे मैच खेले जिसमें 151 रन बनाए. उनके नाम एक विकेट भी रहा.
बागी लीग का बने हिस्सा
रोहन ने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा खेल दिखा वापसी करने की कोशिश की लेकिन उनकी सारी कोशिशें जाया चली गईं. थक-हार कर उन्होंने 2007 में आई इंडियन क्रिकेट लीग का दामन थाम लिया. इस लीग में वह कोलकाता टाइगर्स का हिस्सा बने थे.
इस लीग को बीसीसीआई की मंजूरी नहीं दी गई थी और इसलिए इस लीग में हिस्सा लेने वाली सभी खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने बैन कर दिया था यानी वह टीम इंडिया में चयन के योग्य नहीं रह गए थे.
बीसीसीआई ने फिर 2009 में बैन किए गए 71 खिलाड़ियों को राहत दी और उन पर से बैन हटा दिया.इसमें रोहन का नाम भी शामिल था.