ICC New Rules T20 World Cup 2024 And IPL17: IPL और ICC टी20 वर्ल्ड कप में दिखेंगे तीन बड़े बदलाव, जानकर चौंक जाओगे आप जी हाँ बिल्कुल सही सुना आपने आपको बता दें इस बार IPL और ICC टी20 वर्ल्ड कप में तीन बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ये बदलाव फैंस को हैरान करने वाले हैं। आईसीसी द्वारा नए साल में तीन बड़े नियम बदले गए हैं। यह सभी नियम आगामी आईपीएल और वर्ल्ड कप में बदले हुए नजर आएंगे।
T20 World Cup 2024, IPL 2024 New Rules Changed by ICC: आईसीसी द्वारा हाल ही में स्टंपिंग और उससे जुड़े डीआरएस के नियम में बदलाव किया गया था। साथ ही दो और नियम भी बदले गए थे। इस साल आईपीएल 2024 और फिर जून में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में भी यह नए नियम लागू हो जाएंगे। यानी इन तीन नए नियम से यह खेल और रोचक हो सकता है। आखिर क्या हैं वो तीन नियम जिन्हें आईसीसी द्वारा अब बदला गया है।
स्टंपिंग और DRS का नियम बदला
सबसे बड़ा नियम जो आईसीसी द्वारा बदला गया है वो है स्टंपिंग और उसके बाद लिए जाने वाले अंपायर रिव्यू को लेकर है। अक्सर आपने देखा होगा कि स्टंपिंग के साथ यह भी चेक किया जाता था कि गेंद बल्ले से लगी है या नहीं। अक्सर इस मौके पर टीमों का डीआरएस बच जाता था। इसको लेकर विकेटकीपर्स चालाकी करने लगे थे। बार-बार बिना डीआरएस लिए कैच चेक करने के लिए वह स्टंपिंग की जानबूझकर अपील करते थे ताकि फील्ड अंपायर थर्ड अंपायर के पास जाए। पर अब यह नियम बदल गया है। अब अगर थर्ड अंपायर स्टंपिंग का रिव्यू ले रहा है तो उसमें स्टंपिंग ही चेक होगी ना कि कैच आउट। अगर फील्डिंग टीम को कैच चेक करना है तो अलग से डीआरएस लेना होगा।
As per the new ICC Rules and regulations, Teams can’t take more than 4 minutes for online injury assessment and treatment#SAvIND #CricketTwitter pic.twitter.com/JrlEP9yX8T
— Abhijeet ♞ (@TheYorkerBall) January 4, 2024
कनकशन सब्सिटिट्यूट के नियम में बदलाव
इसी बीच आईसीसी ने नए साल पर अपना कनकशन का नियम भी बदल दिया है। आपको बता दें कि अगर कोई खिलाड़ी सिर पर गेंद लगने या चोट लगने से बाहर होता है तो उसे कनकशन कहते हैं। ऐसा नियम है कि उस चोटिल खिलाड़ी की जगह किसी खिलाड़ी को रिप्लेस किया जा सकता है जो अंतिम 12 या 15 का हिस्सा है। पर अब इस नियम में थोड़ा बदलाव यह हुआ है कि अगर चोटिल होने वाले खिलाड़ी को पहले से ही गेंदबाजी से रोका जा चुका है तो सब्सटिट्यूट खिलाड़ी भी गेंदबाजी नहीं कर पाएगा।
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साथ ही अगर किसी खिलाड़ी के चोट लगती है तो डॉक्टर व फिजियो वगैरह के पास अधिकतम 4 मिनट का समय होगा फैसला करने का कि वो खिलाड़ी ट्रीटमेंट के दोबारा खेल पाएगा या रिटायर्ड हर्ट होकर जाएगा।
Caught behind no longer checked for stumping referrals.
Teams need to take DRS to check for ultra-edge.
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थर्ड अंपायर की नो बॉल चेकिंग का नियम
आपको बता दें कि क्रिकेट में पिछले कुछ सालों से थर्ड अंपायर द्वारा फ्रंट फुट नो बॉल चेक की जाने लगी है। अगर फील्ड अंपायर नहीं देख पाता तो थर्ड अंपायर उसे नो करार देता है। इसी में एक नया नियम जुड़ा है कि थर्ड अंपायर को गेंदबाज के पैरों पर अब नजर तेज करनी होगी। यानी अब फ्रंट फुट के अलावा थर्ड अंपायर को यह भी देखना होगा कि गेंदबाज का पैर लाइन के पीछे तो नहीं है। गेंदबाज के पैर बॉलिंग बॉक्स में हैं या नहीं, यह सभी चीजें अब थर्ड अंपायर को ध्यान देनी होंगी।
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