West Nile fever : आप भी समय रहते हो जाएँ सावधान नहीं आप भी आ सकते हैं इस समस्या की चपेट में बता दें, केरल के राज्य त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड़ जिलों से वेस्ट नाइल बुखार (West Nile fever) के मामले सामने आए हैं. वेस्ट नाइल बुखार क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है. अगर बुखार का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है.
Kerala, West Nile fever : केरल राज्य में वेस्ट नाइल बुखार फैल रहा है. केरल सरकार ने मंगलवार ( 7 मई ) को कहा कि राज्य के त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड़ जिलों से वेस्ट नाइल बुखार (West Nile fever) के मामले सामने आए हैं. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक बयान में बताया की राज्य में वायरल संक्रमण के मामले सामने आए हैं और सभी जिलों को सतर्क रहने को कहा गया है. मंत्री ने बुखार या वेस्ट नाइल संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराने का अनुरोध किया.
वेस्ट नाइल बुखार (West Nile fever ) के लक्षण
ये बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैलती है. अगर समय पर मरीज का ट्रीटमेंट न हो तो ये बुखार एन्सेफलाइटिस का कारण भी बन सकता है. इस वजह से ब्रेन से जुड़ी बीमारियां होने का रिस्क रहता है. गंभीर मामलों में ये बीमारी मौत का कारण भी बन सकती है. बताया जा रहा है, कि वेस्ट नाइल संक्रमण के मुख्य लक्षण सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और याददाश्त कमजोर होना हैं.
नाइल वायरस के इलाज के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है
जापानी ‘एन्सेफलाइटिस’ की तुलना में वेस्ट नाइल में मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम है लेकिन जापानी ‘एन्सेफलाइटिस’ में भी समान लक्षण दिखते हैं और यह ज्यादा खतरनाक होता है. मंत्री ने कहा कि चूंकि वेस्ट नाइल वायरस के इलाज के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए लक्षणों का उपचार और रोकथाम जरूरी है.
जानिए क्या है बचाव के तरीके
साथ ही मंत्री ने कुछ उपाय बताते हुए कहा की शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी और ‘रिपेलेंट’ का इस्तमाल करें, अगर फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से इलाज कराएं अपने घर और आसपास की जगह को साफ रखें.
नाइल बुखार के पांच मामलों की पुष्टि
इससे पहले मंगलवार ( 7 मई ) को ही कोझिकोड़ जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेस्ट नाइल बुखार के पांच मामलों की पुष्टि की. जिला निगरानी टीम के एक अधिकारी ने कहा कि बच्चों समेत सभी संक्रमित व्यक्ति अब ठीक हैं और अपने घर चले गए हैं.
अधिकारी ने बताया कि जिन इलाकों में वे रहते हैं, वहां से कोई नया मामला सामने नहीं आया है, उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल एक व्यक्ति के मच्छर जनित संक्रमण से पीड़ित होने का संदेह है और उसका इलाज किया जा रहा है.
क्या है वेस्ट नाइल बुखार?
वेस्ट नाइल बुखार क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है. युगांडा में 1937 में पहली बार इसका पता चला था. केरल में 2011 में पहली बार बुखार का पता चला था और मलप्पुरम के छह वर्षीय लड़के की 2019 में बुखार के कारण मृत्यु हो गई थी. इसके बाद मई 2022 में त्रिशूर जिले में बुखार से 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. वेस्ट नाइल वायरस से घातक ‘न्यूरोलॉजिकल’ रोग हो सकता है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है.
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