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ओलंपिक में बना कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड! 9.63 सेकंड में 100 मीटर रेस

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Olympic records that are impossible to break

Olympic records that are impossible to break: पेरिस में 26 जुलाई से ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी. भारत के 117 खिलाड़ी अपनी दावेदारी पेश करेंगे. ओलंपिक में हर बार कुछ ऐसे रिकॉर्ड बनते हैं जिसे तोड़ना मुश्किल होता है. उनमें से कुछ ऐसे भी रिकॉर्ड हैं जिसे तोड़ना तो क्या उसके नजदीक भी पहुंचना कठिन है. महान रेसर उसैन बोल्ट से लेकर स्विमर माइकल फेल्प्स तक ने ऐसी उपलब्धियां हासिल की है जिसे हासिल करना नामुमकिन सा है. 

100 मीटर रेस में तीन ओलंपिक गोल्ड मेडल

जमैका के महान रेसर उसैन बोल्ट के 100 मीटर रेस में तीन ओलंपिक गोल्ड मेडल हैं. यह एक रिकॉर्ड है. उन्होंने 2012 लंदन ओलंपि गेम्स एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया था जो अब तक कायम है. बोल्ट ने 9.63 सेकंड में ही 100 मीटर रेस को पूरा कर लिया था. उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड में सुधार किया था. इससे पहले बोल्ट ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में 9.69 सेकंड में 100 मीटर का रेस कंप्लीट किया था. जमैकन धावक के नाम 100 मीटर में विश्व रिकॉर्ड भी है, उन्होंने 2009 में बर्लिन में विश्व चैंपियनशिप में 9.58 सेकंड में दौड़ पूरी की थी. इसका मतलब है कि बोल्ट ओलंपिक इतिहास में दो बार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और 100 मीटर दौड़ में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी हैं. यह एक ऐसी उपलब्धि जिसे शायद कभी नहीं तोड़ा जा सकेगा.

रोमानिया की जिम्नास्ट नादिया कोमनेसी 5 बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता

रोमानिया की जिम्नास्ट नादिया कोमनेसी 5 बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता हैं. मॉन्ट्रियल में 1976 के ओलंपिक में नादियाने 14 साल की उम्र में इतिहास रच दिया था. वह ओलंपिक खेलों में 10 का परफेक्ट स्कोर अर्जित करने वाली पहली जिम्नास्ट बनी थीं. उस समय यह उपलब्धि इतनी दुर्लभ थी कि मॉन्ट्रियल में स्कोरबोर्ड 1.00 प्रदर्शित करते थे क्योंकि उन्हें परफेक्ट 10.0 स्कोर स्वीकार करने के लिए प्रोग्राम नहीं किया गया था.

अमेरिकी जिम्नास्ट मैरी लू रेटन ने 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक

इंटरनेशनल जिम्नास्टिक्स महासंघ ने 2006 में अपने 10-आधारित स्कोरिंग सिस्टम को बदल दिया, जिससे परफेक्ट 10 की संभावना समाप्त हो गई. अमेरिकी जिम्नास्ट मैरी लू रेटन ने 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में फ्लोर एक्सरसाइज और वॉल्ट में परफेक्ट 10 दर्ज किए थे. कोमनेसी हमेशा उस खिलाड़ी के रूप में याद की जाएंगी जिन्होंने सबसे पहले परफेक्ट 10 का स्कोर हासिल किया.

कनाडा के घुड़सवार इयान मिलर ने 40 वर्षों (1972-2012) के दौरान 10 ओलंपिक खेलों में भाग लिया. यह ओलंपिक इतिहास में किसी भी अन्य एथलीट से अधिक है. ऑस्ट्रियाई नाविक ह्यूबर्ट राउडशेल, लातवियाई शूटर अफानासिज कुजमिन्स और पूर्व सोवियत संघ के शूटर नीनो सालुकवाडजे उनके करीबी हैं, जिन्होंने आठ ओलंपिक में भाग लिया है. उनमें से कोई भी अभी भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा है. दुर्भाग्य से, मिलर ने कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता. मिलर ने अपना एकमात्र ओलंपिक मेडल 2008 बीजिंग खेलों में जीता, जिसमें उन्होंने टीम जंपिंग इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल किया था.

टेबल टेनिस ने 1988 के सियोल खेलों में ओलंपिक में डेब्यू किया था. तब से अब तक चीन ने 37 उपलब्ध गोल्ड मेडल में से 32 जीते हैं. इस स्पर्धा में चीन का निकटतम प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया है, जिसने तीन गोल्ड मेडल जीते हैं. जापान और स्वीडन ने दो-दो गोल्ड मेडल मिले हैं. टेबल टेनिस में चीन जैसा का प्रभुत्व शायद कभी देखने को नहीं मिले. उसने 20 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं.

हंगरी के फेंसर (तलवारबाज) अलादर गेरेविच का 24 साल तक दबदबा रहा, जिसे कोई चुनौती नहीं दे सकता. गेरेविच ने 1932 से 1960 के बीच आयोजित प्रत्येक ओलंपिक में अपने देशवासियों को गोल्ड मेडल दिलाने में मदद की. द्वितीय विश्व युद्ध के कारण उस अवधि के दौरान ओलंपिक खेलों के दो सेट रद्द कर दिए गए. गेरेविच को अब तक का सबसे महान फेंसर माना जाता है.

अमेरिका (यूएसए) ने 2016 रियो ओलंपिक में इतिहास रच दिया था. 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक के शुरू होने के बाद से 1,000 गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाला पहला देश बन गया. 2024 पेरिस खेलों में प्रवेश करने वाले 1,183 गोल्ड (कुल 2,985 मेडल) के साथ अमेरिका सभी देशों में सबसे आगे है. इसके बाद संयुक्त सोवियत संघ और रूसी संघ का स्थान आता है, जिसके पास 473 गोल्ड (कुल 1,204 मेडल) हैं. एक देश द्वारा एक ओलंपिक में जीते गए मेडल की संख्या को तोड़ना लगभग असंभव है. अमेरिकियों ने 1904 सेंट लुइस ओलंपिक में 239 मेडल (78 गोल्ड, 82 सिल्वर और 79 ब्रॉन्ज) जीते थे.

माइकल फेल्प्स ने 2016 रियो खेलों में अपने ओलंपिक करियर का 23वां गोल्ड मेडल जीता था. अमेरिकी तैराक ने 2008 बीजिंग खेलों में ओलंपिक रिकॉर्ड आठ गोल्ड पदक जीते थे. फेल्प्स ने अपने ओलंपिक करियर में जितने भी इवेंट में हिस्सा लिया, उनमें से 80% से ज्यादा जीते हैं. उनके कुल 28 मेडल और भी ज्यादा चौंकाने वाले हैं. सबसे ज्यादा करियर मेडल का पिछला रिकॉर्ड पूर्व सोवियत संघ की जिम्नास्ट लारिसा लैटिनिना के नाम था, जिन्होंने 1956 से 1964 तक 18 मेडल (9 गोल्ड) जीते थे। फेल्प्स का दबदबा बेजोड़ है और संभवतः कोई भी अन्य ओलंपियन उनके करीब नहीं पहुंच पाएगा.

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