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आप अपने गमले में भी उगा सकते हैं रंग बिरंगी शिमला मिर्च, जानिए उगाने का पूरा प्रोसेस

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You can also grow colorful capsicum in your pot, know the whole process of growing it

देश के कई हिस्सों में भारी बारिश ने सब्जी और फलों की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद मार्केट में सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। लोगों की रसोई में रोजाना बनने वाली सब्जियां तक गायब हो गई हैं। यहां तक कि अब शिमला मिर्च का दाम भी बढ़ गया है महंगाई से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि घर पर कुछ सब्जियां लगी ली जाएं।

शिमला मिर्च का इस्तेमाल सब्जी के साथ ही अलग-अलग डिश बनाने में भी होता है इसलिए इसकी सबसे ज्यादा जरूर होती है। ऐसे में महंगाई का असर आपकी थाली पर न पड़े इसके लिए हम आपको घर पर गमले में शिमला मिर्च उगाने का तरीका बता रहे हैं। खास बात है कि आपको केमिकल मुक्त और हेल्दी शिमला मिर्च खाने को मिलेगी।

बीज और गमला

सबसे पहले आपको चुनना है कि आप कौनसे कलर की शिमला मिर्च लगाना चाहते हैं। उसके हिसाब से आप हरे, पीले या लाल शिमला मिर्च के बीज खरीद सकते हैं। इसे उगाने के लिए 10 से 12 इंच गहरा और चौड़े गमले की जरूरत होगी। आप चाहें तो ग्रो बैग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

उपयुक्त मिट्टी

शिमला मिर्च के बीज लगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली, रेतीली-दोमट मिट्टी का इस्तेमाल करना चाहिए। आप चाहें तो बाजार से तैयार मिट्टी का मिश्रण भी खरीद सकते हैं। इसमें जैविक खाद जैसे कि गोबर या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद मिलती है। वहीं मिट्टी गमले में डालने से पहले कुछ देर के लिए धूप में जरूर रखें ताकि इसमें मौजूद नमी और कीड़े-मकोड़े निकल सके।

इस तरह बोएं बीज

गमले में बीज लगाने से पहले आपको इन्हें 24 घंटे के लिए गुनगुने पानी में भिगोकर रखना है। अब बीज को मिट्टी के अंदर कम से कम 3-4 इंच गहराई में जरूर लगाएं। ज्यादा ऊपर किसी भी बीज को लगाने से फसल के साथ-साथ जड़ भी मजबूत नहीं होती है। बीज लगाने के बाद आपको इसके ऊपर से भी खाद डालनी है।

खाद, खर-पतवार

शिमला मिर्च के पौधे में हर 2-3 सप्ताह में एक बार जैविक खाद डालने की जरूरत होगी। समय के साथ अतिरिक्त घास भी उगने लगेगी तो इसे निकालते रहें। इसके अवाला कीड़े-मौकोड़े से बचाने के लिए दवा का जरूर छिड़काव करें। बढ़ते पौधों को सहारा देने के लिए लकड़ी की छड़ियों का इस्तेमाल करें। फल हरे, पीले या लाल रंग के हो जाने पर कटाई के लिए तैयार होते हैं।

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