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GST: GST से क्या होगा ? जो ये कहते थे उनके मुँह पे तमाचा है मोदी सरकार का ये फैसला, अब देश को होगा 20,000 करोड़ का फायदा, जानिए कैसे

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GST: GST से क्या होगा ? जो ये कहते थे उनके मुँह पे तमाचा है मोदी सरकार का ये फैसला, अब देश को होगा 20,000 करोड़ का फायदा, जानिए कैसे

FM Nirmala Sitharaman on GST: जीसएटी परिषद की मीटिंग में वित्त मंत्री ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसके बाद में सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का फायदा होने वाला है. इस बारे में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जानकारी दी है.

GST on Online Gaming: केंद्र सरकार (Central Government) ने हाल ही में हुई जीएसटी परिषद (GST Council) की मीटिंग में टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिसके बाद में केंद्र सरकार को पूरे 20,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा. इसके साथ ही सरकार ने कुछ प्रोडक्ट्स पर जीएसटी को घटाने का भी फैसला लिया था. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा है कि GST परिषद के ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने के फैसले से सरकारी खजाने को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.

28 प्रतिशत की दर से लगेगा GST

जीएसटी परिषद ने मंगलवार को सर्वसम्मति से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया. मल्होत्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार पूर्व की कर मांगों में वसूली के लिए सभी मामलों को उच्चतम न्यायालय में आगे बढ़ाएगी.
अभी कितने प्रतिशत GST लग रहा?
राजस्व सचिव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग फिलहाल सिर्फ 2-3 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहा है, जो कि खानपान की वस्तुओं पर लगने वाले पांच प्रतिशत जीएसटी से भी कम है, जिसका उपभोग आम आदमी करता है.

राजस्व सचिव ने दी जानकारी

मल्होत्रा ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा है कि जीएसटी परिषद के एक सदस्य ने तो यह कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 18 प्रतिशत सकल गेमिंग राजस्व (GGR) की दर से कर चुका रही हैं, जो सिर्फ 2-3 प्रतिशत जीएसटी बैठता है.

1700 करोड़ का मिला जीएसटी

बीते वित्त वर्ष में सरकार को इस तरह के कारोबार पर कर से सिर्फ 1,700 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला. यदि पूर्ण मूल्य पर कर लगाया जाता, तो यह कर वसूली करीब 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये बैठती. उन्होंने कहा है कि लेकिन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर टैक्स काफी कम दर पर है जिसका भुगतान ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां कर रही हैं.

सालाना मिलेंगे 15,000 से 20,000 करोड़

हमारा अनुमान है कि यह राशि इसकी आठ से 10 गुना होनी चाहिए. यदि मात्रा बरकरार रहती है, तो हम इससे सालाना 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं. इन कंपनियों ने कौशल और दांव के अंतर का फायदा उठाया और केवल मंच शुल्क या जीजीआर पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान किया.

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